दुश्मन की अब खैर नहीं, सेना को जल्दी मिलेंगे इग्ला-एस मिसाइल लॉन्चर, ड्रोन और हेलिकॉप्टर मार गिराने में माहिर

By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: May 20, 2024 03:54 PM2024-05-20T15:54:28+5:302024-05-20T15:55:38+5:30

Igla-S air defence systems को कंधे पर रख कर लॉन्च किया जा सकता है और यही खूबी इसे घातक बनाती है। इसे विमानों और मिसाइलों और ड्रोन जैसे छोटे आकार के हवाई लक्ष्यों पर हमला करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

indian Army is all set to begin receiving another set of Russian Igla-S defence systems VSHORAD | दुश्मन की अब खैर नहीं, सेना को जल्दी मिलेंगे इग्ला-एस मिसाइल लॉन्चर, ड्रोन और हेलिकॉप्टर मार गिराने में माहिर

(फाइल फोटो)

Highlightsअगले महीने की शुरुआत में रूसी इग्ला-एस वायु रक्षा प्रणाली के सेट मिलने शुरू हो जाएंगेआपातकालीन खरीद (ईपी) योजना के तहत पिछले साल खरीदने का ऑर्डर दिया गया था Igla-S air defence systems को कंधे पर रख कर लॉन्च किया जा सकता है

नई दिल्ली: भारतीय सेना को जल्द ही एक ऐसा हथियार मिलने वाला है जिससे उसकी युद्धक क्षमताओं में भारी बढ़ोतरी होगी। सेना को मई के अंत तक या अगले महीने की शुरुआत में रूसी इग्ला-एस वायु रक्षा प्रणाली के सेट मिलने शुरू हो जाएंगे। भारत और रूस के बीच भुगतान के मुद्दे को लेकर इसकी डिलीवरी में देरी हो रही थी जिसे अब सुलझा लिया गया है। इसके अलावा सेना को अगले महीने हैदराबाद में एडीएसटीएल द्वारा असेंबल किए गए दो इजरायली हर्मीस-900 मीडियम एल्टीट्यूड लॉन्ग एंड्योरेंस मानव रहित हवाई वाहन (यूएवी) में से पहला भी मिलने वाला है।

इग्ला-एस सिस्टम को आपातकालीन खरीद (ईपी) योजना के तहत पिछले साल खरीदने का ऑर्डर दिया गया था। इसे रोसोबोरोनेक्सपोर्ट से प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के तहत भारत में अदानी डिफेंस सिस्टम्स एंड टेक्नोलॉजीज लिमिटेड (एडीएसटीएल) द्वारा बनाया जा रहा है। सेना ने ₹260 करोड़ के अनुबंध के तहत 48 इग्ला-एस लॉन्चर, 100 मिसाइलें, 48 नाइट साइट्स और एक मिसाइल परीक्षण स्टेशन के लिए अनुबंध किया था। डिलीवरी मई 2024 के अंत तक शुरू होने वाली है। Igla-S air defence systems को कंधे पर रख कर लॉन्च किया जा सकता है और यही खूबी इसे घातक बनाती है। इसे विमानों और मिसाइलों और ड्रोन जैसे छोटे आकार के हवाई लक्ष्यों पर हमला करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह ऑर्डर एडीएसटीएल को दिया गया था। मिसाइल का आयात किया जाएगा और इसके कुछ हिस्सों जैसे साइट्स, लॉन्चर और बैटरी को अडानी डिफेंस द्वारा यहां असेंबल/निर्मित किया जाएगा।

द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक यूक्रेन में युद्ध की शुरुआत और रूस के अंतरराष्ट्रीय भुगतान प्रणाली से बाहर होने के बाद भारत और रूस के बीच हुए प्रमुख रक्षा सौदे प्रभावित हुए हैं। इसी कारण  एस-400 वायु रक्षा प्रणालियों सहित महत्वपूर्ण सौदों में देरी हो रही है। रुपया-रूबल व्यापार के माध्यम से राष्ट्रीय मुद्राओं में भुगतान को आगे बढ़ाने के प्रयासों से स्थिति आसान नहीं हुई है। हालांकि अब भुगतान मामले को सुलझा लिया गया है।

बता दें कि मौजूदा समय में चीन से सीमा पर जारी तनाव के बीच भारत अपनी रक्षा तैयारियां पुख्ता कर रहा है। इसी क्रम में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) जुलाई 2024 में वायुसेना को पहला तेजस एमके-1ए लड़ाकू जेट सौंपेगा। यह एक भारत-निर्मित बहुउद्देश्यीय हल्का लड़ाकू जेट है। IAF के लिए 83 तेजस Mk-1A जेट की आपूर्ति के लिए 2021 में 48,000 करोड़ रुपये के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए थे। तेजस एमके-1ए पुराने तेजस एमके-1 का उन्नत संस्करण है। इसमें नया रडार,  नया डिजिटल कंप्यूटर, बेहतर एवियोनिक्स और अधिक सक्षम हथियार लगाए गए हैं। 
 

Web Title: indian Army is all set to begin receiving another set of Russian Igla-S defence systems VSHORAD

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