जयंत सिन्हा से नाराज हुई भारतीय जनता पार्टी, कारण बताओ नोटिस भेजा, जानें क्या है मामला
By शिवेन्द्र कुमार राय | Updated: May 21, 2024 10:57 IST2024-05-21T10:55:56+5:302024-05-21T10:57:19+5:30
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी के निर्देश के बाद पार्टी ने जयंत सिन्हा से दो दिनों के भीतर स्पष्टीकरण मांगा है। हजारीबाग लोकसभा सीट से मनीष जयसवाल को उम्मीदवार घोषित किए जाने के बाद प्रचार में हिस्सा नहीं लिया था।

(फाइल फोटो)
नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पूर्व केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा को हजारीबाग लोकसभा सीट से मनीष जयसवाल को उम्मीदवार घोषित किए जाने के बाद प्रचार में हिस्सा नहीं लेने और इस तरह पार्टी की छवि 'खराब' करने के लिए कारण बताओ नोटिस भेजा है। 2024 के लिए पार्टी ने जयंत सिन्हा का टिकट काटकर हजारीबाग से विधायक मनीष जायसवाल को उम्मीदवार बनाया था। लेकिन भाजपा से बगावत कर चुके यशवंत सिन्हा के बेटे जयंत चुनावी प्रचार में नजर नहीं आए। पार्टी के नेतृत्व ने इसे गंभीरता से लिया है।
पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा के बेटे जयंत सिन्हा हज़ारीबाग़ के मौजूदा सांसद हैं। भाजपा के राज्य महासचिव आदित्य साहू ने नोटिस में कहा, "जब से पार्टी ने मनीष जयसवाल को हज़ारीबाग लोकसभा सीट से उम्मीदवार घोषित किया है, तब से आप संगठनात्मक कार्य और चुनाव प्रचार में कोई दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं। आपने अपने मताधिकार का प्रयोग करना भी उचित नहीं समझा। आपके आचरण से पार्टी की छवि खराब हुई है।"
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी के निर्देश के बाद पार्टी ने जयंत सिन्हा से दो दिनों के भीतर स्पष्टीकरण मांगा है। 2 मार्च को बीजेपी ने हज़ारीबाग़ से अपने उम्मीदवार की घोषणा की थी। इससे कुछ घंटे पहले ही जयंत सिन्हा ने पार्टी नेतृत्व से उन्हें चुनावी राजनीति से मुक्त करने का अनुरोध किया था। उन्होंने एक्स पर पोस्ट लिखकर कहा था कि वह आर्थिक और शासन के मुद्दों पर पार्टी के साथ काम करना जारी रखेंगे और अपने प्रयासों को भारत और दुनिया भर में वैश्विक जलवायु परिवर्तन से निपटने पर केंद्रित करना चाहते हैं।
झारखंड का हज़ारीबाग एक हाई-प्रोफ़ाइल शहरी निर्वाचन क्षेत्र है। यहां से कभी यशवंत सिन्हा और बाद में उनके बेटे जयंत सिन्हा सांसद चुने गए थे। इस सीट पर अब तक हुए 17 चुनाव में से 7 बार भाजपा ने जीती है। दो बार कांग्रेस के प्रत्याशी ने जीत दर्ज की। भाजपा के जीत में यशवंत सिन्हा का बड़ा रोल रहा है। वे तीन बार यहां से सांसद चुने गए। इस सीट पर सिन्हा परिवार की पिछले 25 सालों से चली आ रही दावेदारी मनीष जयसवाल को उम्मीदवार घोषित किए जाने से समाप्त हो गई थी। 1998, 1999, 2009 और 2014 के अलावा 2019 में सिन्हा परिवार ने इस सीट पर जीत का झंडा बुलंद किया था।