पायल ताडवी आत्महत्या मामले में बीवाईएल नायर हॉस्पिटल के गायनकोलॉजी डिपार्टमेंट के हेड को आगामी नोटिस तक सस्पेंड कर दिया गया है। इसके अलावा हॉस्टल में रहने वाले उन तीन डॉक्टरों को भी सस्पेंड किया गया है जिन पर पायल को प्रताड़ित करने, रैगिंग और उनकी जाति को लेकर परेशान करने के आरोप हैं। पुलिस का कहना है कि हेमा अहूजा, अंकिता खंडेलवाल और भक्ति मेहर तीनों फरार हैं। सर्च टीम उनकी तलाश कर रही है।
बीवाईएल नायर अस्पताल में गायनेकोलॉजिस्ट सेकंड ईयर की रेजिडेंट डॉक्टर पायल सलमान तड़वी ने अपने सीनियर डॉक्टरों की प्रताड़ना से तंग आकर आत्महत्या कर ली। इन डॉक्टरों पर रेजिडेंट डॉक्टर पायल तड़वी के शोषण और रैगिंग करने का आरोप है। मालूम हो कि 22 मई को पायल तड़वी ने हॉस्टल में आत्महत्या कर ली थी।
बीवाईएल नायर अस्पातल के डीन रमेश भरमाल ने कहा कि ‘हमने इस मामले की जांच के लिए एक एंटी रैगिंग समिति का गठन किया है। हमने तीनों आरोपी डॉक्टरों को नोटिस भेजकर प्रशासन के समक्ष पेश होने को भी कहा है। वे फिलहाल मुंबई में नहीं हैं। समिति जल्द ही अपनी रिपोर्ट पेश करेगी।’जातीय टिप्पणी से आहत थीं डॉक्टर पायल-डॉक्टर पायल का एडमिशन आरक्षित कोटे से हुआ था। इसी बात का जिक्र कर पायल के सीनियर उन्हें प्रताड़ित करते थे। छात्रा के परिवार वालों ने इस बात की शिकायत हॉस्टल वार्डन से भी की थी। वॉर्डन ने तीनों सीनियरों को बुलाकर समझाया भी था कि इस तरह की मानसिक प्रताड़ना से बाज आएं लेकिन सीनियर माने नहीं।
परिजनों का आरोप-पायल के परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है। परिजनों का कहना है कि अगर प्रशासन ने समय रहते पायल की शिकायत पर गौर किया होता तो आज उनकी बेटी जिंदा होती। गायनेकोलॉजिस्ट सेकंड ईयर की रेजिडेंट डॉक्टर पायल की मां अबेदा ताडवी ने कहा, “अगर अस्पताल प्रशासन ने इस मामले पर थोड़ा संवेदनशीलता दिखाई होती तो आज मेरी बेटी जिंदा होती।” सुसाइड करने से कुछ घंटे पहले पायल ने अपनी मां अबेदा से कहा था कि वह अपनी तीनों सीनियर की प्रताड़ना बर्दाश्त नहीं कर पा रही।
अबेदा ने बताया कि जब भी पायल मुझसे फोन पर बात करती थी तो कहती थी कि ये तीनों सीनियर डॉक्टर उसे प्रताड़ित करते हैं क्योंकि वह आदिवासी समुदाय से है। ये डॉक्टर जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल करते थे।