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जबरन वसूली मामलाः सचिन वाझे को झटका, जेल में दिवाली, छह नवंबर तक पुलिस हिरासत में, पूर्व आयुक्त परमबीर सिंह पर नकेल

By भाषा | Updated: November 1, 2021 21:21 IST

Extortion case: 49 वर्षीय सहायक पुलिस निरीक्षक सचिन वाझे को एनआईए द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद पुलिस बल से बर्खास्त कर दिया गया था।

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ठळक मुद्दे मुंबई पुलिस की अपराध शाखा ने सोमवार को वाझे को अपनी हिरासत में लिया।10 दिन की हिरासत देने का अनुरोध किया था। सचिन वाझे ‘नंबर एक’ के लिए रुपयों की वसूली की बात करता सुनाई दे रहा है।

मुंबईः अदालत ने सोमवार को वसूली मामले में बर्खास्त सहायक पुलिस निरीक्षक (एपीआई) सचिन वाझे को छह नवंबर तक पुलिस हिरासत में भेजने को मंजूरी दे दी। वाजे के खिलाफ मुंबई के उपनगर गोरेगांव में इस संबंध में प्राथमिकी दर्ज की गई है।

मुंबई पुलिस की अपराध शाखा ने सोमवार को वाझे को अपनी हिरासत में लिया। पुलिस ने यह कार्रवाई बिल्डर सह होटल मालिक विमल अग्रवाल की शिकायत पर की है जिसमें मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त परमबीर सिंह भी आरोपी हैं। बर्खास्त वाझे को राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने उद्योगपति मुकेश अंबानी के आवास के नजदीक विस्फोटकों से भरी कार बरामद होने और मनसुख हिरन की हत्या मामले में इस साल मार्च में गिरफ्तार किया था और तब से वह न्यायिक हिरासत के तहत जेल में है।

अपराध शाखा ने वाजे को मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया और उसकी 10 दिन की हिरासत देने का अनुरोध किया। अपराध शाखा की ओर से पेश विशेष लोक अभियोजक शेखर जगताप ने अदालत को बताया कि वाजे वसूली की गतिविधि में शामिल था और रंगदारी नहीं देने पर कारोबारियों को मुदकमे दर्ज करने की धमकी दी थी।

जगताप ने कहा कि 68 ऑडियो क्लिप मौजूद हैं जिनमें वाझे ‘नंबर एक’ के लिए रुपयों की वसूली की बात करता सुनाई दे रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘नंबर एक का इस्तेमाल मुंबई पुलिस के तत्कालीन आयुक्त परमबीर सिंह के संदर्भ में किया जा रहा है। वसूली से प्राप्त करीब 75 प्रतिशत राशि वाझे और और सिंह लेते थे जबकि बाकी की 25 प्रतिशत राशि अन्य में बांटी जाती थी।’’

जगताप ने कहा,‘‘हमे रुपये की लेनदन की जानकारी प्राप्त करनी है। हमारे पास इस समय एक पीड़ित है, आशंका है कि वसूली गिरोह के और भी पीड़ित हों। हमें उनका पता लगाना है। और भी कई लेनदेन हैं जिनकी जांच की जानी है।’’ उन्होंने बताया कि सिंह की अब भी तलाश की जा रही है। हालांकि, वाझे की ओर से पेश अधिवक्ता सजल यादव ने तर्क दिया कि बर्खास्त पुलिस अधिकारी ने पहले ही प्रवर्तन निदेशालय के सामने स्पष्ट कर दिया है कि ‘नंबर एक’ का इस्तेमाल वह (महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी नेता) अनिल देशमुख के लिए कर रहा था न कि परमबीर सिंह के लिए।

यादव ने अदालत में रेखांकित किया कि वाजे की सेहत ठीक नहीं है और हाल में उसकी सर्जरी हुई है। इसलिए पुलिस को उससे पूछताछ करने के दौरान इस तथ्य को ध्यान में रखना चाहिए। गौरतलब है कि 49 वर्षीय सहायक पुलिस निरीक्षक वाझे को एनआईए द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद पुलिस बल से बर्खास्त कर दिया गया था।

मुंबई पुलिस की अपराध शाखा गोरेगांव पुलिस थाने में दर्ज वसूली की शिकायत की जांच कर रही है और उसने मामले की आगे की जांच के लिए विशेष अदालत से वाजे को उसकी हिरासत में देने का अनुरोध किया था। विशेष अदालत ने पिछले सप्ताह वाजे को अपराध शाखा की हिरासत में भेजने की अनुमति दी थी। अग्रवाल ने शिकायत की है कि उसके दो बार और रेस्तरां पर छापेमारी नहीं करने के एवज में नौ लाख रुपये की मांग की गई थी। उसे दो स्मार्टफोन भी खरीदने के लिए मजबूर किया गया था जिसकी कीमत 2.92 लाख रुपये थी। 

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