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Earthquake in Ladakh: लद्दाख में भूकंप से हिली धरती, रिक्टर स्केल पर इतनी रही तीव्रता

By आकाश चौरसिया | Updated: July 3, 2024 12:20 IST

Earthquake in Ladakh: अफगानिस्तान के बाद भारत के लद्दाख में 4.4 की तीव्रता से भूकंप आया, हालांकि इसमें किसी के हताहत होने की खबर सामने नहीं आई है।

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ठळक मुद्देलद्दाख में 4.4 की तीव्रता से भूकंप आयाइसकी जानकारी राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (एनसीएस) ने दीभूकंप केंद्र सतह से 150 किलोमीटर नीचे- एनसीएस

Earthquake in Ladakh: अफगानिस्तान के बाद अब देश के उत्तर में स्थित लद्दाख में 4.4 की तीव्रता से भूकंप आया और इसकी जानकारी राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (एनसीएस) ने दी है। एनसीएस के अनुसार, भूकंप केंद्र सतह से 150 किलोमीटर नीचे 36.10 डिग्री अक्षांश और 74.81 डिग्री देशांतर में था। लेह में भूकंप भारतीय समयानुसार सुबह 8:12 बजे आया।

लद्दाख में बुधवार (3 जुलाई) सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4.4 रही। भूकंप की तीव्रता कम होने के कारण इलाके में किसी प्रकार के जान माल का नुकसान नहीं हुआ है। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि सुबह लगभग 08:12 बजे भूकंप आया। 

सामने आई खबरों के मुताबिक, इससे पहले 20 मई 2024 को लद्दाख में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। नेशनल सेंटर ऑफ सीस्मोलॉजी ने बताया कि लद्दाख में जो भूकंप आया था, उसकी तीव्रता 4.0 मापी गई थी। फिलहाल इस दौरान भी भूकंप की तीव्रता काफी तेज रही, लेकिन किसी भी प्रकार के नुकसान की कोई खबर सामने नहीं आई। मई के महीने में लद्दाख में आए भूकंप की खास बात यह थी कि जिस दिन सुबह यह भूकंप आया उस दिन लद्दाख में लोकसभा चुनाव के मतदान भी होने थे।

'भूकंप' आए तो आप ये करेंयदि आप किसी बिल्डिंग में है और भूकंप के झटके महसूस कर रहे हैं, तो सबसे पहले फर्श पर बैठ जाएं या किसी मजबूत फर्नीचर के नीचे चले जाएं। यदि आप किसी बिल्डिंग के बाहर हैं तो पेड़, खंभे और तारों से दूर हो जाए, क्योंकि इनके गिरने के खतरे ज्यादा होते हैं। यदि आप कोई गाड़ी चला रहे हैं तो उसे तुरंत रोक दें और उसी के अंदर बैठे रहे।

भूकंप आने के बाद यदि आप मलबे के ढेर में दबे हुए हैं तो कभी भी माचिस ना जलाएं और ना ही हिले डुले, ना ही किसी चीज को धक्का दे ऐसा करने से उस पर टिकी चीज भी आप पर गिर सकती हैं। कभी भी मलबे में दबे होने या बचाव करने की स्थिति में शोर न मचे ऐसे में धूल और गर्दा गले में जम सकता है। 

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