लाइव न्यूज़ :

एक प्रबुद्ध महिला समाज में आश्चर्यजनक परिवर्तन ला सकती है: डॉ. उज्ज्वला चक्रदेव

By अनुभा जैन | Updated: February 3, 2023 15:47 IST

डॉ उज्ज्वला चक्रदेव, कुलपति, एसएनडीटी महिला विश्वविद्यालय, मुंबई के साथ पत्रकार अनुभा जैन का विशेष साक्षात्कार

Open in App

पेशे से आर्किटेक्ट मुंबई की मशहूर एसएनडीटी महिला विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. उज्ज्वला चक्रदेव ने पत्रकार अनुभा जैन से महिला सशक्तिकरण और लैंगिक समानता के मुद्दे पर खुलकर बातचीत की। अपने करियर की शुरुआत में डॉ. उज्ज्वला  ने जरूर महसूस किया कि चूंकि वह कम परिपक्व थी और इसलिए, उनको भी कुछ हद तक महिला होने के नाते भेदभाव का सामना करना पड़ा, लेकिन समय के साथ अब इस उच्च स्तर पर पहुंचने के बाद लोग और अधिक सहायक हुये हैं और उन्हें सम्मान देते हैं।

डा. उज्जवला के अनुसार “मुझे लगता है, समानता के लिए, पहले आश्वस्त होना होगा, नेतृत्व करना होगा, और फिर दूसरे या समाज महिलाओं का सम्मान करेंगे।"

पत्रकार अनुभा जैन के साथ विशेष साक्षात्कार में, डॉ. उज्ज्वला ने कहा, “महिलाओं के नेतृत्व में समाज का सशक्तिकरण संभव है। वास्तव में महिला सशक्तिकरण की आवश्यकता नहीं है। महिलाओं को नेतृत्व करना चाहिए और समझना चाहिए कि वे सशक्त हैं। उन्हें अपने सुविधा क्षेत्र और संरक्षित वातावरण से बाहर आना होगा। एसएनडीटी महिला विश्वविद्यालय का आदर्श वाक्य ’संस्कृत स्त्री पराशक्ति’ है। एक प्रबुद्ध महिला समाज में अद्भुत बदलाव ला सकती है। वह अपने साथ मिलकर विश्व और समाज को सशक्त बना सकती हैं। इसकी परिकल्पना 107 साल पहले एसएनडीटी महिला विश्वविद्यालय के संस्थापक महर्षि धोंडो केशव कर्वे जी ने की थी और इसीलिए इस दृष्टि से विश्वविद्यालय की स्थापना की गई थी। शिक्षा के माध्यम से यह किया जा सकता है और इसी को ध्यान में रखते हुये एसएनडीटी महिलाओं को शिक्षित करती है और उन्हें समझाती है कि वे शक्तिशाली हैं और अपनी ताकत का इस्तेमाल वे अपने लिए और समाज के लिए कर सकती हैं।

उन्होंने आगे कहा कि सामाजिक मानदंड हैं कि पुरुष कमाने वाले होते हैं और महिलाएं किसी भी परिवार की देखभाल करने वाली होती हैं। एक समय था जब भारत में महिलाओं का काफी सम्मान था। महिला विद्वान मौजूद थीं। लेकिन मुगल काल के दौरान महिलाओं की स्थिति में गिरावट आई। लेकिन अब धीरे-धीरे स्थिति में सुधार हुआ है और यह उतना भयानक नहीं है जितना चित्रित किया गया है। वास्तव में हमारे देश में महिलाएं कहीं अधिक शक्तिशाली और उदार हैं। महिलाएं भी एक गृहिणी के रूप में आसानी के साथ जो चाहें कर सकती हैं।

उन्होंने आगे कहा, “हाल ही में एसएनडीटी ने दून विश्वविद्यालय के सहयोग से एक सम्मेलन की मेजबानी की, जहां मुख्य एजेंडा भारत में महिलाओं के वास्तविक परिप्रेक्ष्य को सामने लाना था। डा. उज्जवला आगे कहती हैं, ‘मुझे लगता है कि जैविक रूप से पुरुष और महिलाएं अलग हैं। आपसी सम्मान होना चाहिए, लेकिन कुछ हद तक यह अब खो गया है। यही कारण है कि दोनों लिंगों के बीच कुछ असमानता है। हालांकि, हमारी संस्कृति हमें वह सम्मान देती है जिसकी हम महिलाएं मांग करती हैं। यह हमारे पारिवारिक मूल्यों और हममें निहित आदर्शों व विचारों के माध्यम से भी परिलक्षित होता है।'

इस सवाल का जवाब देते हुए कि सक्षम होने के बावजूद महिलाओं को शीर्ष निर्णय लेने वाली भूमिका नहीं मिल रही है, उन्होंने जवाब दिया, “अतीत में महिलाओं को विभिन्न कारणों से शीर्ष स्तर पर आने की इजाजत नहीं थी और महिलाओं भी इसके लिये सहमत हुई। लेकिन अब महिलाएं शिक्षित हैं और नेतृत्व कर रही हैं, और इसलिए परिदृश्य बदल रहा है। क्षमताओं और अच्छे अवसरों के आने से अब महिलाएं शीर्ष निर्णय लेने वाली स्थिति भी हासिल कर रही हैं। आने वाला युग नारी का होगा। पीएम मोदी ने नागपुर में अपने भाषण में उल्लेख किया कि इतनी सारी महिलाएं अब शीर्ष पदों पर हैं और आर्थिक रूप से स्वतंत्र हैं। ”

उन्होंने कहा, “मैंने“ अर्ध नारी नटेश्वरी “पर एक पेपर लिखा है और एक अवधारणा विकसित की है कि लिंग भूमिकाएं अलग हैं लेकिन यह किसी को भी एक व्यक्ति के रूप में विकसित होने से नहीं रोकता है। आगे बढ़ने का अर्थ स्वयं से है। हर किसी को बढ़ने के अवसरों की आवश्यकता होती है। एक पहलू है जिसमें संस्कृति, लोकाचार और समाज आपको वह अवसर देता है। हालांकि, व्यक्ति को यह समझना होगा कि उन्हें उस दिशा में बढ़ना होगा। इसी तरह, महिला को खुद अपनी ताकत को समझना होगा और अपनी मानसिकता बदलनी होगी। उन्हें स्वयं खोल से बाहर आना होगा। साथ ही अपनी विवेकशीलता के बल पर महिलाओं को कुछ अवसरों और गलत कदम उठाने से बचना भी होगा।''

उन्होंने कहा कि महिलाओं के उत्थान के लिए मैं एसएनडीटी यूनिवर्सिटी के विजन को आगे बढ़ा रही हूं। पहली बात यह है कि हम महिलाओं के लिए कौशल विकास कार्यक्रम चला रहे हैं। हमारे पास एक पॉलिटेक्निक कॉलेज है जहां कई कौशल विकास पाठ्यक्रम चल रहे हैं। इसके अलावा, हमारे दूरस्थ शिक्षा विभाग के केंद्र के माध्यम से, हम उन महिलाओं से संपर्क करते हैं जो विश्वविद्यालय नहीं आ सकती हैं और उन्हें शिक्षित बनाते हैं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार हमने कई प्रावधानों का पालन किया है और विभिन्न अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालयों के साथ कई एमओयू किए हैं। आदान-प्रदान कार्यक्रम के माध्यम से, हमारे छात्र अब विभिन्न विश्वविद्यालयों में जा सकते हैं। हमारे कई छात्र आने वाले समय में न्यूयॉर्क शहर के विश्वविद्यालय के कार्यक्रमों का विकल्प चुन सकते हैं। इसी तरह, ऐसे प्रावधान हैं जहां विदेशी छात्र हमारे पाठ्यक्रम में प्रवेश ले सकते हैं।

इस अवसर पर डा.उज्जवला ने पत्रकार अनुभा जैन को एसएनडीटी महिला विश्वविद्यालय के संस्थापक महर्षि धोंडो केशव कर्वे जी की 'लुकिंग बैक' ऑटोबायोग्राफी पुस्तक भी भेंट की।

टॅग्स :मुंबई
Open in App

संबंधित खबरें

भारत2024 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव, 2025 तक नेता प्रतिपक्ष नियुक्त नहीं?, उद्धव ठाकरे ने कहा-प्रचंड बहुमत होने के बावजूद क्यों डर रही है सरकार?

भारतIndiGo Crisis: इंडिगो ने 5वें दिन की सैकड़ों उड़ानें की रद्द, दिल्ली-मुंबई समेत कई शहरों में हवाई यात्रा प्रभावित

भारतIndiGo Flight: कुवैत से हैदराबाद जा रहे विमान को मुंबई किया गया डायवर्ट, 'ह्यूमन बम' की धमकी के बाद एक्शन

कारोबारLPG Prices December 1: राहत की खबर, रसोई गैस की कीमतों में बड़ा बदलाव, मुंबई, कोलकाता, दिल्ली, पटना और चेन्नई में घटे दाम, चेक करें

बॉलीवुड चुस्कीMalaika Arora: सफलता की राह पर कई उतार-चढ़ाव, लेखिका के रूप में शुरुआत करने को तैयार मलाइका अरोड़ा

भारत अधिक खबरें

भारतजब आग लगी तो ‘डांस फ्लोर’ पर मौजूद थे 100 लोग?, प्रत्यक्षदर्शी बोले- हर कोई एक-दूसरे को बचा रहा था और यहां-वहां कूद रहे थे, वीडियो

भारतडांस फ्लोर पर लगी आग..., कुछ ही पलों में पूरा क्लब आग की लपटों में घिरा, गोवा हादसे के चश्मदीद ने बताया

भारतगोवा के नाइट क्लब में भीषण आग, 25 लोगों की गई जान; जानें कैसे हुआ हादसा

भारतGoa Club Fire: नाइट क्लब अग्निकांड में मरने वालों की संख्या बढ़कर 25 हुई, 4 पर्यटकों समेत 14 कर्मचारियों की मौत

भारतGoa Fire: गोवा नाइट क्लब आग मामले में पीएम ने सीएम सावंत से की बात, हालातों का लिया जायजा