लाइव न्यूज़ :

Dr Rajendra Prasad Death Anniversary: 12 साल रहे भारत के राष्ट्रपति, जीवन के अंतिम दिन बिताए जर्जर मकान में; सादगी भरा था पूरा जीवन

By ज्ञानेश चौहान | Published: February 28, 2020 4:06 PM

15 अगस्‍त साल 1947 को देश स्‍वतंत्र हुआ। फिर राजेंद्र प्रसाद स्‍वतंत्र भारत के पहले राष्‍ट्रपति बने। बतौर राष्‍ट्रपति दिल्‍ली के रायसीना हिल स्थित विशाल राष्‍ट्रपति भवन में 12 साल रहने के बाद वे फिर 14 मई 1962 को पटना आकर उसी खपरैल मकान में ठहरे।

Open in App

स्वतंत्र भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद एक ऐसी शक्सियत जिन्हें देश की माटी से जुड़ी सादगी की मिसाल कहा जाता है। 28 फरवरी 1963 में बिहार में उनका स्वर्गवास हो गया था, लेकिन उनके विचार और सादगी आज भी चर्चा का विषय रहते हैं। ऐसा कहा जाता है कि वे भारत के एक मात्र ऐसे राष्‍ट्रपति रहे, जिन्‍होंने पद से हटने के बाद बंगले को छोड़कर जर्जर खपरैल कुटिया जैसे मकान को आशियाना बनाया था।

डॉ. राजेंद्र प्रसाद के राजनीतिक करियर की अगर हम बात करें तो वे 12 साल तक भारत के राष्ट्रपति रहे। लेकिन उनका व्यक्तित्व ऐसा था कि वे गरीब से गरीब आदमी को भी गले लगा लेते थे। उनकी सादगी का अनुमान इस बात से लगाया जा सकता है कि जब उनकी तबियत खराब हुई थी तो वे अपनी सेहत का इलाज कराने देश-विदेश नहीं गए। उन्होंने सरकारी सुविधाएं लेने से भी मना कर दिया और पटना के अपने जर्जर खपरैल मकान में लौट आए। इसी मकान से उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी। उन्होंने पहले यह बात कह दी थी कि 'लौटकर वहीं जाऊंगा जहां से चलकर आया हूं' और उन्होंने ऐसा किया भी। 

डॉ. राजेंद्र प्रसाद का जन्म बिहार के सिवान स्थित जीरादेई में 3 दिसंबर साल 1884 को हुआ था। वहां पहले-बढ़े, वहीं उन्‍होंने जीवन का बड़ा हिस्सा गुजारा। आज जीरादेई स्थित उनका पैतृक मकान राष्‍ट्रीय स्‍मारक है। पटना में जब उच्‍च न्‍यायालय बना तब डॉ. राजेंद्र प्रसाद 1916 में यहां आ गए। इसके बाद महात्मा गांधी की प्रेरणा से वकालत छोड़ स्वतंत्रता आंदोलन में कूद पड़े।

15 अगस्‍त साल 1947 को देश स्‍वतंत्र हुआ। फिर राजेंद्र प्रसाद स्‍वतंत्र भारत के पहले राष्‍ट्रपति बने। बतौर राष्‍ट्रपति दिल्‍ली के रायसीना हिल स्थित विशाल राष्‍ट्रपति भवन में 12 साल रहने के बाद वे फिर 14 मई 1962 को पटना आकर उसी खपरैल मकान में ठहरे। लेकिन वे वहां अधिक दिनों तक नहीं रह सके। मरीज डॉ. राजेंद्र प्रसाद को दमे के  की बीमारी बढ़ती गई। अगले साल 28 फरवरी की रात वे चिर निद्रा में लीन हो गए।

टॅग्स :राजेंद्र प्रसाद
Open in App

संबंधित खबरें

भारतFirst Republic Day Parade कहां हुई थी, किसने फहराया था तिरंगा

भारतडॉ विजय दर्डा का ब्लॉग: क्यों उठा नए संविधान का सवाल ?

भारत26 जनवरी: भारत का संविधान हुआ था लागू, राजेन्द्र प्रसाद बने देश के पहले राष्ट्रपति, पढ़ें आज का इतिहास

भारतRepublic Day 2021: क्यों-कब और कैसे मनाया जाता है गणतंत्र दिवस, जानें अहम सवालों के जवाब

भारतदेश के पहले राष्ट्रपति डा. राजेन्द्र प्रसाद को जयंती पर पीएम मोदी ने दी श्रद्धांजलि, ट्वीट कर कही ये बात

भारत अधिक खबरें

भारतस्वाति मालीवाल मारपीट मामले में दिल्ली पुलिस ने विभव कुमार को किया अरेस्ट, जानें 'आप' ने क्या कहा

भारतप्रज्वल रेवन्ना मामले में एचडी देवेगौड़ा ने तोड़ी चुप्पी, कहा- 'और भी लोग' शामिल'

भारतSwati Maliwal Assault Case: दिल्ली पुलिस ने CM आवास से विभव कुमार को हिरासत में लिया, स्वाति मालीवाल ने लगाए थे आरोप

भारतSwati Maliwal Assault Case: बाएं पैर के पिछले हिस्से में लगभग 3x2 सेंमी आकार के और दाहिनी आंख के नीचे गाल पर लगभग 2x2 सेंमी आकार के चोट के निशान, एम्स मेडिकल रिपोर्ट में खुलासा

भारतPawan Singh Karakat LS polls 2024: भोजपुरी अभिनेता पवन सिंह की मां प्रतिमा देवी ने उम्मीदवारी वापस ली, पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा और राजाराम सिंह से टक्कर