पटना: सेना में भर्ती के लिए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा 'अग्निपथ स्कीम' की घोषणा के बाद इसके खिलाफ आवाजें भी उठने लगी हैं। बिहार में बुधवार सुबह सेना भर्ती उम्मीदवारों की ओर से अग्निपथ स्कीम के खिलाफ प्रदर्शन शुरू हो गया। मुजफ्फरपुर में कई युवा सड़कों पर उतरे तो वहीं बक्सर में ट्रेनों को रोके जाने और पत्थर फेंके जाने की भी खबरें आई हैं।
हिंदुस्तान अखबार की रिपोर्ट के अनुसार पटना जा रही पाटलिपुत्र एक्सप्रेस पर पथराव किया गया। जबकि इस हंगामे की वजह से काशी पटना जनशताब्दी एक्सप्रेस करीब 18 मिनट तक प्लेटफॉ़र्म संख्या-1 पर रुकी रही।
मुजफ्फरपुर रेलवे स्टेशन के पास चक्कर चौक पर हंगामा
मुजफ्फरपुर में भी सेना भर्ती उम्मीदवार प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शनकारी कर रहे युवाओं ने मुजफ्फरपुर रेलवे स्टेशन के पास चक्कर चौक पर जमकर हंगामा किया। चौक पर आग जलाकर रोड जाम कर दिया गया। इसके अलावा चक्कर मैदान के पास गोबरसही चौक पर भी प्रदर्शन किया गया।
मुजफ्फरपुर के चक्कर मैदान में सेना की भर्ती के लिए रैली होती है। शहर के सदर थाना के पास भगवानपुर गोलम्बर पर भी बड़ी संख्या में युवकों के जुटने की खबरे हैं। यहां भी आग जलाकर एनएच 28 को जाम कर दिया गया है। इस बीच पुलिस और प्रशासन उन्हें समझाने और मामले को शांत करने में लगी है।
अग्निपथ स्कीम पर क्यों शुरू हुआ हंगामा?
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को ही 'अग्निपथ' स्कीम की घोषणा की थी। इसके तहत सैनिकों की भर्ती चार साल की लघु अवधि के लिए संविदा आधार पर की जाएगी। योजना के तहत तीनों सेनाओं में इस साल 46,000 सैनिक भर्ती किए जाएंगे और चयन के लिए पात्रता आयु 17.5 वर्ष से 21 वर्ष के बीच होगी। इन्हें ‘अग्निवीर’ कहा जाएगा। कई सेना में भर्ती के इच्छुक उम्मीदवार इससे नाराज बताए जा रहे हैं।
अग्निपथ स्कीम के तहत रोजगार के पहले साल में एक ‘अग्निवीर’ का मासिक वेतन 30,000 रुपये होगा। हालांकि हाथ में केवल 21,000 रुपये ही आएंगे। हर महीने 9,000 रुपये सरकार के समान योगदान वाले एक कोष में जाएंगे। इसके बाद दूसरे, तीसरे और चौथे वर्ष में मासिक वेतन 33,000 रुपये, 36,500 रुपये और 40,000 रुपये होगा। प्रत्येक ‘अग्निवीर’ को चाल साल की समयसीमा खत्म होने के बाद ‘सेवा निधि पैकेज’ के रूप में 11.71 लाख रुपये की राशि मिलेगी और इस पर आयकर से छूट मिलेगी।
सरकार की इस योजना का मकसद रक्षा विभाग के बढ़ते वेतन और पेंशन खर्च को कम करना है। इस योजना के तहत ग्रेच्युटी और पेंशन लाभ की सुविधा नहीं दी जाएगी और सशस्त्र बलों में जारी कार्य अवधि के लिए 48 लाख रुपये का गैर-अंशदायी जीवन बीमा कवर प्रदान किया जाएगा।