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अब भी खौफ में है दिल्ली, खतरे से बचने के लिए लोगों ने घर और दूकान के सामने से हटाए नेमप्लेट और होर्डिंग बोर्ड

By भाषा | Updated: March 4, 2020 13:14 IST

दिल्ली हिंसा के बाद से प्रभावित इलाकों में आर्थिक गतिविधियों पर काफी असर पड़ा है। संवेदनशील इलाकों की सुरक्षा के लिए अर्धसैनिक बल के जवानों को तैनात किया गया है। कई दुकानें अब भी बंद हैं।

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ठळक मुद्देहिंसा में लोगों ने घर या दुकान पर से ‘नेमप्लेट’, ‘होर्डिंग बोर्ड’ को सबसे पहले हटायाहिंसा का शिकार हुई शिव विहार की तंग बंद गलियां अब भी खाली पड़ी हैं।

उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा में लोगों ने घर या दुकान पर से ‘नेमप्लेट’, ‘होर्डिंग बोर्ड’ को सबसे पहले हटाया ताकि संभावित खतरे से बचने के लिए पहचान छुपायी जा सके । हिंसा का शिकार हुई शिव विहार की तंग बंद गलियां अब भी खाली पड़ी हैं।

मुस्तफाबाद सीमा से लगे इलाके में रहने वाले हिंदू परिवार अपने घरों पर ताला लगाकर चले गए हैं। वहीं कुछ ने अपने ‘नेमप्लेट’ को खुद ही तोड़ दिया है ताकि उनकी पहचान ना हो पाए। यहां 24 फरवरी को हुई हिंसा के बाद गाजियाबाद स्थित अपने एक रिश्तेदार के घर पर रह रहे दीपक राजोरा (32) ने कहा, ‘‘ वहां से भागने से पहले मैंने अपने पिता के नाम वाली ‘नेमप्लेट’ हटा दी थी।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ हमारी गली में रहने वाले अन्य कुछ लोगों ने भी ऐसा ही किया था। गली के कोने पर बने घर आग में पूरी तरह खाक हो गए थे।’’ हिंसा ग्रस्त इलाके से थोड़ी दूर बुराड़ी इलाके में भी अबरब सईद की फर्नीचर की दुकान का ‘होर्डिंग’ हटा दिया गया है।

नाम उजागर ना करने की शर्त पर एक सेल्समैन ने कहा,‘‘ ‘इकबाल फर्नीचर हाउस’ नाम का एक बड़ा सा होर्डिंग दुकान के बाहर लगा था लेकिन हम कोई जोखिम नहीं लेना चाहते थे क्योंकि इस इलाके में यही एक मुस्लिम की दुकान है।’’ शिव विहार के याकूब मलिक (55) ने भी भीड़ के हमले से बचने के लिए अपनी दुकान का ‘मलिक क्लॉथ हाउस’ नाम का होर्डिंग हटा दिया। उन्होंने कहा, ‘‘ मेरे पड़ोसी शिव भाई जिनकी दवाइयों की दुकान है, उन्होंने भी शीशे के दरवाजे पर बना ओम का निशान हटा दिया। सौभाग्य से हमारा कोई नुकसान नहीं हुआ है।’’

अर्धसैनिक बल के जवानों की तैनाती को देखते हुए मलिक सोमवार को अपनी दुकान पर लौटे। उन्होंने कहा, ‘‘ स्थिति अब शांतिपूर्ण बनी है। लोग अपनी दुकानों पर लौट रहे हैं। ऐसे ही स्थिति सामान्य होती है।’’ हिंसा के बाद से प्रभावित इलाकों में आर्थिक गतिविधियों पर काफी असर पड़ा है । संवेदनशील इलाकों की सुरक्षा के लिए अर्धसैनिक बल के जवानों को तैनात किया गया है। कई दुकानें अब भी बंद हैं।

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