बुराड़ी केस: मौत के घर में 2007 से चल रही है थी मोक्ष की कहानी, बरामद 20 रजिस्टर में खुले कई राज
By पल्लवी कुमारी | Published: July 4, 2018 10:14 AM2018-07-04T10:14:02+5:302018-07-04T10:14:02+5:30
घर से मिले सबूत और मेडिकल सांइस के नजरिए से पुलिस इसे सामूहिक आत्महत्या मान रही है। वहीं, मृतकों के परिजन इस बात का दावा कर रहे हैं कि ये एक सोची-समझी प्लानिंग के तहत किया गया मर्डर है।
नई दिल्ली, 4 जुलाई: दिल्ली के बुराड़ी संत नगर इलाके में एक ही घर में 11 रहस्यमय तरीके से हुई मौत ने कई सवाल पैदा कर दिए हैं। लेकिन जवाब एक भी नहीं मिल रहा है। इस केस से जुड़ी कई ऐसी अजीबो-गरीब बातें सामने आई है, जो अंधविश्वास और तंत्र-मंत्र की ओर इशारा कर रहे हैं।
घर से मिले सबूत और मेडिकल सांइस के नजरिए से पुलिस इसे सामूहिक आत्महत्या मान रही है। वहीं, मृतकों के परिजन इस बात का दावा कर रहे हैं कि ये एक सोची-समझी प्लानिंग के तहत किया गया मर्डर है। नवभारत टाइम्स के मुताबिक इस घर से 20 रजिस्टर बरामद किए गए हैं। जिसमें सामूहिक मौत का राज छिपा है। क्राइम ब्रांच के मुताबिक घर में मिले ऐसे डायरी व रजिस्टर एक नहीं बल्कि कई हैं।
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इस डायरी को कुछ महीनों से नहीं बल्कि 27 मई 2013 से लिखा जा रहा था। घर से बरामद रजिस्टर करीब 200 पेज से भरा है। इस रजिस्टर में जैसी बातें लिखी गई हैं उससे साफ पता चल रहा है कि आखिर परिवार या उसका कोई एक सदस्य किस तरह मृत आत्मा की रूह का हर दिन अहसास करता था। उसी आत्मा के संपर्क में आकर ललित रजिस्टर में ऐसी रहस्यमय बातें लाइव लिखा करता था।
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ललित की बातों को ही घर वाले मानकर ऐसा काम करते थे। इन पन्नों को गौर से देखा और समझा जा सकता है कि आखिर कैसे रूहानी शक्ति के जाल में फंसकर परिवार के 11 लोगों ने जान दी है।
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क्राइम ब्रांच की मानें तो ललित के पिता भोपाल दास भाटिया की कई साल पहले मौत हो गई थी। भोपाल दास भाटिया भारतीय सेना के जवान थे। लेकिन घोड़े से गिरने के कारण 2007 उनकी मौत हो गई है। ललित इनका सबसे लाडला बेटा था। मंगलवार 3 जुलाई को क्राइम ब्रांच को मिले एक और रजिस्टर से पता चला कि ललित अपने पिता की आत्मा से संपर्क में था।
पुलिस को शुरुआती तौर ये पूरा मामला अधंविश्वास का लग रहा है, क्योंकि घर से जो डायरी बरामद की गई थी, उसमें भी कुछ तंत्र-मंत्र की ही बातें लिखी हुई है। वहीं परिवार की बहन सुजाता और एक अन्य सदस्य का कहना है कि ये एक मर्डर केस है। इस मामले में परिवार के सदस्य दिनेश का कहना है- 'मैंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराया है क्योंकि ये आत्महत्या का केस नहीं है। मुझे मीडिया रिपोर्ट पर विश्वास नहीं है। वे लोग किसी भी बाबाा के संपर्क में नहीं थे। दीवार में लगी पाइप वेंटिलेशन के लिए हो सकता है।
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