'मुंह और ऑंखों पर पट्टियां बांध लो', पढ़ें सामूहिक 'सुइसाइड' डायरी में छिपे मौत के राज
By पल्लवी कुमारी | Published: July 2, 2018 11:30 AM2018-07-02T11:30:17+5:302018-07-02T11:30:17+5:30
बुराड़ी केस: रहस्यमयी परिस्थितियों में मृत पाए जाने के मामले में बरामद किए गए हाथ से लिखे नोटों में लिखा गया है ''मानव शरीर अस्थायी है और अपनी आंखें और मुंह बंद करके डर से उबरा जा सकता है। '' माना जा रहा है कि इन मौतों के पीछे तंत्र-मंत्र और अंधविश्वास है।
नई दिल्ली, 2 जुलाई: राजधानी दिल्ली में बुराड़ी के संत नगर इलाके में एक ही घर में 11 लोगों के शव मिलने से सनसनी फैल गई। इस खबर पर किसी को यकीन नहीं हो रहा है कि एक हंसते-खेलते परिवार के 11 लोगों को रहस्यमयी परिस्थितियों में मृत पाया गया है। इस मामले में जैसे-जैसे मौत के राज पर से पर्दा उठा रहा है, चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं।
रहस्यमयी परिस्थितियों में मृत पाए जाने के मामले में बरामद किए गए हाथ से लिखे नोटों में लिखा गया है ''मानव शरीर अस्थायी है और अपनी आंखें और मुंह बंद करके डर से उबरा जा सकता है। '' माना जा रहा है कि इन मौतों के पीछे तंत्र-मंत्र और अंधविश्वास है।
मृतकों के घर से मिली एक डायरी में इन मौतों के राज छिपे हुए हैं। डायरी में कुछ ऐसी रहस्यमय बातें लिखी हैं जो किसी को भी चौंका सकती है। तो आइए हम आपको उस डायरी के कुछ ऐसी बातों के बारे में बताएंगे, जिससे ये साफ हो जाता है कि ये परिवार बुरे तरीके से अंधविश्वास को मानता था।
'पट्टियां अच्छे से बांधनी है'
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक डायरी के एक पन्ने पर लिखा है, 'पट्टियां अच्छे से बांधनी है। शून्य के अलावा आपको कुछ भी नहीं दिखाई देना चाहिए। रस्सी के साथ सूती चुन्नियां या साड़ी का प्रयोग करना है।'
'पूजा लगातार करनी है। थोड़ी लगन और श्रद्धा से'
डायरी में इस क्रिया को करने की तारीख और विधी भी बताई गई है। डायरी के अन्य पन्ने पर लिखा है, 'सात दिन बाद पूजा लगातार करनी है। थोड़ी लगन और श्रद्धा से। कोई घर में आ जाए तो अगले दिन। गुरुवार या रविवार को चुनिए।'
'रात के एक बजे क्रिया करनी है'
डायरी में इस क्रिया का उपयुक्त समय भी बताया गया है। क्रिया के लिए रात एक बजे का वक्त सबसे सही है। इस वक्त ना कोई आपके घर में आएगा ना ही कोई परेशान करेगा।
'ढृढता और श्रद्धा दिखाओगे उतना ही उचित फल मिलेगा'
डायरी के एक पेज पर लिखा है, 'सबकी सोच एक जैसी होनी चाहिए। पहले से ज्यादा ढृढता से। ये करते ही तुम्हारे आगे के काम ढृढता से शुरू होंगे।' डायरी में बताया गया है कि इस क्रिया को करते वक्त घर में एकदम मद्धम रोशनी ही रखना है। साथ ही हाथों पर और पट्टियां बच जाए तो उसे फिर से ऑंखों पर बांध लें। ऑंखों के साथ-साथ ये पट्टियां आपको मुंह पर भी बांधना है। इस क्रिया को करते हुए जितनी ढृढता और श्रद्धा दिखाओगे उतना ही उचित फल मिलेगा।
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एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि यह नोट संकेत देते हैं कि इन मौतों में कोई धार्मिक या आध्यात्मिक पहलू है। एक अन्य अधिकारी ने कहा कि यह पता लगाने के लिए जांच की जाएगी कि क्या परिवार किसी तंत्र - मंत्र में शामिल था या वे किसी तांत्रिक के अनुयायी थे।
पुलिस ने बताया कि 10 सदस्यों की आंखें और मुंह कपड़ों से बंधे हुए थे और उनके शव झूल रहे थे जबकि 77 साल की एक महिला फर्श पर मृत पाई गईं और उसकी आंखों और मुंह पर पट्टी नहीं बंधी थी। बच्चों के हाथ - पांव बंधे हुए थे। मकान की तलाशी के दौरान पुलिस को हाथ से लिखे कुछ नोट मिले जिसके बारे में उनका कहना है कि परिवार किसी धार्मिक कर्मकांड का पालन करता होगा।
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