नयी दिल्ली, 15 दिसंबर केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने सरकार से मांग की है कि अति विशिष्ट व्यक्तियों (वीआईपी) की सुरक्षा के बढ़ते कार्य के मद्देनजर उसे 1,000 कर्मियों की एक नई बटालियन शामिल करने की मंजूरी दी जाए।
अर्द्धसैन्य बल इस समय केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, उनके बच्चों राहुल गांधी एवं प्रियंका गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह एवं उनकी पत्नी गुरशरण कौर समेत उन 75 हस्तियों को सुरक्षा मुहैया कराता है, जिन पर अत्यधिक खतरा है।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि बल ने अपनी वीआईपी सुरक्षा इकाई में एक और बटालियन शामिल किए जाने की मांग की है। यह इकाई वीआईपी को सशस्त्र सुरक्षा प्रदान करती है।
वर्तमान में इस कार्य के लिए इसकी पांच बटालियन निर्धारित की गई हैं और इसकी इकाइयां देश भर में स्थित हैं, जो वीआईपी की घरेलू यात्रा के दौरान उनके साथ रहती हैं। प्रत्येक सीआरपीएफ बटालियन में 1,000 से अधिक कर्मी होते हैं और इसकी वीआईपी सुरक्षा इकाइयां बैलिस्टिक सुरक्षा बख्तरबंदों और एमपी5 जैसी अत्याधुनिक बंदूकों से लैस होती हैं।
केंद्र सरकार ने कुछ साल पहले स्पष्ट किया था कि केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) केंद्रीय गृह मंत्रालय की कमान के तहत वीआईपी सुरक्षा दायित्वों की रीढ़ होंगे।
अधिकारियों ने बताया कि सीआरपीएफ परिचालन संबंधी एवं प्रशासनिक कार्यों के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले मध्यम, हल्के और बड़ी श्रेणी वाले चार पहिया वाहनों में बुलेट रोधी अधिक वाहनों को शामिल करने की प्रक्रिया में है।
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