नई दिल्ली: केंद्र द्वारा प्रोजेक्ट चीता के तहत अफ्रीकी देश नामीबिया से लाए गए चीतों को लेकर अब देश में राजनीति शुरू हो गई है। ऐसे में महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने सोमवार को कहा कि केंद्र सरकार जानबूझकर भारत में चीतों को लम्पी वायरस के प्रसार और किसानों को नुकसान पहुंचाने के लिए लाई है। इसी क्रम में पटोले ने कहा कि लम्पी वायरस लंबे समय से नाइजीरिया में व्याप्त है और चीतों को भी वहीं से लाया गया है।
रिपोर्टर्स से बात करते हुए उन्होंने ये भी कहा कि केंद्र सरकार ने जानबूझकर किसानों के नुकसान पहुंचाने के लिए ऐसा किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17 सितंबर को मध्य प्रदेश के कुनो नेशनल पार्क (केएनपी) में नामीबिया से लाए गए चीतों को एक विशेष बाड़े में छोड़ा था। चीतों को देश में विलुप्त घोषित किए जाने के सात दशक बाद भारत में चीतों को पुन: पेश करने के कार्यक्रम के हिस्से के रूप में लाया गया था।
पटोले की टिप्पणी खार के मुंबई उपनगर में एक जानवर में लम्पी वायरस के एक संदिग्ध मामले के कुछ दिनों बाद आई है। लम्पी वायरस एक ऐसा त्वचा रोग है जो गायों व भैंसों जैसे मवेशियों को प्रभावित करती है। बृहन्मुंबई नगर निगम के अनुसार, मुंबई में 24,388 भैंसों सहित 27,500 से अधिक मवेशी हैं। इनमें से 2,203 गायों को पहले ही लम्पी वायरस के खिलाफ टीका दिया जा चुका है और शेष को अगले सप्ताह तक टीका लगाया जाएगा।
बीएमसी ने इस बीमारी से बचाव के लिए एहतियात के तौर पर नौ सितंबर से शहर में भैंसों के वध पर रोक लगा दी है। लम्पी वायरस एक संक्रामक वायरल रोग है। मच्छरों और मक्खियों जैसे रक्त-पोषक कीड़ों द्वारा प्रेषित, यह मवेशियों को प्रभावित करता है और त्वचा पर बुखार, पिंड का कारण बनता है और संक्रमित मवेशियों की मृत्यु भी हो सकती है। गुजरात, राजस्थान, पंजाब और हरियाणा सहित आठ से अधिक राज्यों में इसकेके कारण हजारों मवेशियों की मौत हो चुकी है।