महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को कहा कि आपातकाल के दौरान जिन लोगों को जेल भेजा गया था उन्हें पेंशन और प्रशस्ति पत्र दिया जाएगा। फडणवीस ने प्रश्नकाल के दौरान राज्य विधानसभा में कहा कि उन लोगों के लिए “पेंशन पैसे से ज्यादा एक सम्मान है” जो आपातकाल के दौरान जेल में रहे।
उन्होंने कहा, “कई लोगों ने पेंशन से इनकार किया। लेकिन कुछ लोग अब भी गरीब हैं जिन्होंने बिना किसी गलती के गिरफ्तार किए जाने के बाद अपनी नौकरियां खो दी थी।” इससे पहले बचाव एवं पुनर्वास राज्य मंत्री मदन येरावर ने राकांपा सदस्य अजित पवार के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि अब तक पेंशन के लिए 3,267 आवेदन स्वीकृत कर लिए गए हैं।
इनमें से 1,179 आवेदनों को 100 रुपये के स्टांप पेपर के आधार पर स्वीकृत किया गया जिससे यह साबित हो कि आपातकाल के दौरान आवेदक जेल में रहा था। पवार ने पूछा कि बिना साक्ष्य के पेंशन कैसे दी जा सकती है और इस बात की क्या गारंटी है कि स्टांप पेपर सही हैं।
इसके जवाब में येरावर ने कहा कि आवेदनों की छंटनी जिला कलेक्टर की अध्यक्षता वाली एक समिति कर रही है और केवल सही स्टांप पेपरों को स्वीकृत किया गया है। येरावर ने कहा, “पेंशन योजना के लिए 42 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया गया है और इसमें से 28 से 29 करोड़ रुपये वितरित किया जा चुका है।’’
पाटिल व दो अन्य मंत्रियों की नियुक्ति पर अदालत को भेजेंगे जवाब : मुख्यमंत्री
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने मंगलवार को कहा कि राधाकृष्ण विखे पाटिल और राज्य सरकार में दो अन्य मंत्रियों की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर बंबई उच्च न्यायालय में जवाब दाखिल किया जाएगा।
अदालत ने सरकार से इस संबंध में जवाब दाखिल करने को कहा था। उच्च न्यायालय ने सोमवार को राज्य विधानसभा में पूर्व नेता प्रतिपक्ष विखे पाटिल, राकांपा से शिवसेना में शामिल हुए जयदत्त क्षीरसागर और आरपीआई(ए) नेता अविनाश महातेकर से जवाब मांगा था, जिन्हें हाल ही में फडणवीस के नेतृत्व वाली सरकार में मंत्री बनाया गया था।
अदालत ने मामले की सुनवाई को चार हफ्तों के लिये टालते हुए कहा था, “प्रतिवादियों (मंत्रियों) को भी याचिका पर आपत्ति जताने या अपना पक्ष रखने का मौका देते हैं।” विधानसभा में इस मुद्दे पर फडणवीस ने कहा, “नोटिस प्राप्त होने के बाद उच्च न्यायालय को जवाब भेजा जाएगा।...उच्च न्यायालय को इस मामले में सुनवाई के लिये अतिशीघ्रता महसूस नहीं हुई, इसलिये उसने जवाब के लिये चार हफ्ते का वक्त दिया है।”