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"समान नागरिक संहिता के जरिए ध्रुवीकरण की कोशिश", छत्तीसगढ़ में गरमाएं यूसीसी के मुद्दे पर बोले डिप्टी सीएम टीएस सिंह देव

By अंजली चौहान | Updated: July 5, 2023 17:10 IST

छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री टीएस सिंह देव ने बुधवार को आरोप लगाया कि समान नागरिक संहिता के माध्यम से मुस्लिम समुदाय के नाम पर ध्रुवीकरण करने के साथ-साथ ध्रुवीकरण करने का प्रयास किया जा रहा है।

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ठळक मुद्दे समान नागरिक संहिता को छत्तीसगढ़ डिप्टी सीएम ने बताया ध्रुवीकरण का प्रयासछत्तीसगढ़ डिप्टी सीएम टीएस सिंह देव ने यूसीसी का विरोध किया टीएस सिंह देव ने यूसीसी को वोट बैंक के लिए उठाया गया कदम बताया

रायपुर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समान नागरिक संहिता कानून पर दिए बयान के बाद से देशभर में सियासत गरमा गई है। केंद्र सरकार पूरे देश में यूसीसी कानून को मानसून सत्र में विधेयक पारित करने के दौरान लागू करना चाहती है वहीं, विपक्षी पार्टियां ऐसा नहीं होने देना चाहती।

इस बीच, कांग्रेस सरकार वाले राज्य छत्तीसगढ़ में भी समान नागरिक संहिता कानून की गूंज सुनाई दे रही है। दरअसल, छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री टीएस सिंह देव ने बुधवार को आरोप लगाया कि समान नागरिक संहिता के माध्यम सरकार ध्रुवीकरण करने का प्रयास कर रही है।

उन्होंने कहा कि मुस्लिम समुदाय के नाम पर पूरे देश में ध्रुवीकरण का काम किया जा रहा है। हिंदू और मुस्लिम के बहाने वोटों का बंटवारा यूसीसी के तहत किया जा रहा है। डिप्टी सीएम सिंह ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि वह केवल हिंदू-मुस्लिम के बारे में बात करते हैं ताकि वे चुनाव जीत सकें। 

इससे पहले मंगलवार को छत्तीसगढ़ डिप्टी सीएम ने कहा कि कर्नाटक चुनाव के नतीजों के बाद जागरूक मतदाता कई बातों को ध्यान में रखकर वोट डालेंगे और वे इन भावनात्मक बातों में नहीं आएंगे।

मुस्लिम आरक्षण को खत्म करने के लिए भगवान हनुमान, केरल की कहानी, हिजाब के मुद्दे उठाए गए और कर्नाटक में ध्रुवीकरण के लिए बड़े पैमाने पर प्रयास किए गए, लेकिन अंततः मतदाताओं ने अपना स्पष्ट जनादेश दिया। उन्होंने कहा, "2024 के लोकसभा और राज्य चुनावों के लिए यूसीसी कोई मुद्दा नहीं है।"

भाजपा के पास चुनाव जीतने के लिए कोई मुद्दा नहीं बचा- छत्तीसगढ़ उपमुख्यमंत्री 

छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री सिंह देव ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के पास सर्जिकल स्ट्राइक, पुलवामा हमला, धारा 370 को निरस्त करना और राम मंदिर जैसे कोई मुद्दे मतदाताओं से अपील करने के लिए नहीं बचे हैं इसलिए भावनात्मक आधार पर लोगों के बीच विभाजन पैदा करने और वोट मांगने की कोशिश की जा रही है।

सिंह देव ने आगे कहा कि कुछ महीने पहले उन्होंने कपिल सिब्बल का इंटरव्यू देखा था, जिसमें वरिष्ठ वकील ने संविधान सभा में दिया गया गोलवलकर का बयान पढ़ा था।

गोलवलकर के कथन के अनुसार, यह (यूसीसी) देश में कानून नहीं होना चाहिए। इस देश में बहुत विविधता है और विविधता में सामंजस्य बनाए रखने के लिए हमें काम करना होगा।

उन्होंने कहा, चाहे सिख, ईसाई, आदिवासी या कोई अन्य समुदाय हो, सभी की अपनी अलग संस्कृति और परंपराएं हैं। यूसीसी में विवाह, तलाक, विरासत और गोद लेने जैसे मामलों में सभी धार्मिक समुदायों पर लागू एक सामान्य कानून शामिल है। 

टॅग्स :समान नागरिक संहिता (यूनिफॉर्म सिविल कोड)छत्तीसगढ़Chhattisgarh Congress
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