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आरएसएस की तुलना नक्सलियों से, छत्तीसगढ़ सीएम भूपेश बघेल ने कहा-नागपुर से संचालित, धर्मांतरण और सांप्रदायिकता में मास्टरी

By भाषा | Updated: October 13, 2021 18:36 IST

संघ पर हमला किया। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि दो विषय में मास्टरी है। पहला धर्मांतरण और दूसरा सांप्रदायिकता। यह दोनों में ही लड़ाने का काम कर रहे हैं।

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ठळक मुद्देमुख्यमंत्री ने कहा कि कवर्धा हिंसा की निष्पक्ष जांच होगी।आरएसएस के लोगों का कोई बखत नहीं है, जो कुछ है वह नागपुर से करते हैं।सत्ताधारी दल कांग्रेस ने कवर्धा हिंसा के लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहराया है।

रायपुरः छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बुधवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की तुलना नक्सलियों से करते हुए कहा कि जिस तरह से छत्तीसगढ़ में सक्रिय नक्सलियों को दूसरे राज्यों में बैठे उनके वरिष्ठ नेता निर्देशित करते हैं, उसी प्रकार छत्तीसगढ़ के आरएसएस कार्यकर्ताओं को नागपुर से संचालित किया जा रहा है।

छत्तीसगढ़ के पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र के नागपुर शहर में आरएसएस का मुख्यालय है। राजधानी रायपुर के हैलीपैड पर संवाददाताओं से बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार देश में कोयले की कमी को छिपाने की कोशिश कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कवर्धा हिंसा की निष्पक्ष जांच होगी।

उन्होंने कहा, ‘‘ छत्तीसगढ़ में आरएसएस के लोगों का 15 साल तक (भारतीय जनता पार्टी के शासन में) कोई काम नहीं हुआ। वे बंधुआ मजदूर की तरह काम करते रहे, आज इनकी नहीं चलती है। सभी नागपुर से संचालित होते हैं।’’ बघेल ने कहा, ‘‘जिस तरह नक्सलियों के नेता आंध्रप्रदेश, तेलंगाना और दूसरे राज्यों में हैं और यहां के लोग केवल गोली चलाने और गोली खाने का काम करते हैं, उसी तरह आरएसएस की स्थिति भी यही है। यहां आरएसएस के लोगों का कोई बखत नहीं है, जो कुछ है वह नागपुर से करते हैं।’’

बघेल कबीरधाम जिले के मुख्यालय कवर्धा में इस महीने की पांच तारीख को हिंदू संगठनों द्वारा निकाली गई एक रैली के दौरान हुई हिंसा की निष्पक्ष जांच के लिए राज्य सरकार को राज्यपाल अनुसुइया उइके द्वारा लिखे पत्र के संबंध में पूछे गए सवाल का जवाब दे रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘अब इनके (भाजपा के) पास छत्तीसगढ़ में कोई मुद्दा नहीं है। किसानों की बात वह कर नहीं सकते हैं। मजदूरों, आदिवासियों, अनुसूचति जाति के बारे में वह बात नहीं कर सकते हैं। व्यापार और उद्योग के बारे में वह बात नहीं कर सकते हैं। इनकी केवल दो विषय में मास्टरी है।

पहला धर्मांतरण और दूसरा सांप्रदायिकता। यह दोनों में ही लड़ाने का काम कर रहे हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ कोरोना काल के कारण बहुत सारे व्यापार अब जाकर खुल रहे हैं। अब ये लोग दंगा भड़काकर क्या इसे इस प्रकार से बर्बाद करेंगे। यह कतई नहीं होने दिया जाएगा।’’ उन्होंने कहा कि राज्य में कोई भी छोटी घटना को हल्के में नहीं लेना है। यह किसी भी घटना को बड़ा बनाना चाहते हैं। यह हर लड़ाई को सांप्रादायिकता का रंग देने की कोशिश करेंगे। उस पर हमें कड़ी निगाह रखनी होगी।

राज्य के सत्ताधारी दल कांग्रेस ने कवर्धा हिंसा के लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहराया है। इस मामले में भाजपा सांसद संतोष पांडे और पूर्व सांसद अभिषेक सिंह समेत कई अन्य पार्टी नेताओं के ​खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। देश में कथित कोयले की कमी को लेकर मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि ‘‘भारत सरकार ने कहा था कि देश में कोयले का संकट नहीं है। लेकिन विभिन्न राज्यों में कोयले की कमी के कारण दर्जनों ताप विद्युत संयंत्र बंद पड़े हैं। यदि कमी नहीं है तब कोयला मंत्री आज छत्तीसगढ़ क्यों आ रहे हैं।

वह बिलासपुर और कोरबा क्यों जा रहे हैं। इसका मतलब है कि भारत सरकार को स्वीकार करना चाहिए कि कोयले की कमी है, बिजली की कमी है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ यह भारत सरकार पता नहीं क्या करती है कि आक्सीजन की कमी (कोरोना महामारी की दूसरी लहर का संकेत करते हुए), खाद की कमी और अब कोयले की कमी हो गई है। यह भारत सरकार से संभल नहीं रहा है। इन छोटी-छोटी व्यवस्थाओं को ही नियमित करने और निरन्तरता में रखने की आवश्यकता है। इसको भी यह सरकार नहीं कर पा रही है। इससे ज्यादा दुर्भाग्यजनक क्या हो सकता है।’’

केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री प्रहलाद जोशी बुधवार को कोरबा जिले में साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड की खदानों का दौरा करने छत्तीसगढ़ पहुंचे हैं। बघेल के इस बयान के बाद राज्य के मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी ने इसे 'चरमपंथियों की भाषा' कहा है। भाजपा ने कहा है कि कांग्रेस महात्मा गांधी की विचारधारा से भटक गई है। विधानसभा में विपक्ष के नेता धरमलाल कौशिक ने कहा है कि जिस प्रकार से राज्य के मुख्यमंत्री संघ और नक्सलवाद की तुलना कर रहे हैं। वह वास्तविक रूप में भूपेश बघेल नहीं बोल रहे हैं बल्कि उनकी वामपंथी विचारधारा बोल रही है।

कांग्रेस अपनी मूल विचारधारा से भटक गई है। गांधीवादी विचारधारा से कांग्रेस भटक गई है। कौशिक ने कहा, ‘‘पूरे हिंदुस्तान में आज कांग्रेस अंतरकलह से जूझ रही है। 70 सीट लेने के बाद भी जिस तरह से छत्तीसगढ़ में अंतरकलह हो रहा है, इसका मूल कारण है कि वह अपने मूल विचारधारा को छोड़कर वामपंथ की तरफ प्रभावित हो रही है।’’

विपक्ष के नेता ने कहा, ‘‘आज भूपेश बघेल जी को सलाह देना चाहता हूं कि संघ के बारे में बोलना है तो पहले एक बार संघ को पढ़ना चाहिए, संघ स्थान में जाना चाहिए और वहां जाकर संघ के कार्यों को देखना चाहिए। आपके अनुयायी जिस विचारधारा को लेकर आपको बढ़ा रहे हैं उससे कांग्रेस का पतन हो रहा है। वह छत्तीसगढ़ में भी सुनिश्चित है। और जिस तरह यह चरमपंथी की भाषा जो बोली जा रही है एक दिन कांग्रेस इसी में डूबेगी।’’

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