तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के प्रमुख और आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने आंध्र प्रदेश के पूर्व स्पीकर और टीडीपी के वरिष्ठ नेता कोडेला शिव प्रसाद राव के कथित आत्महत्या के मामले में सीबीआई जांच की मांग की है। कोडेला शिव प्रसाद राव सोमवार को फंदे से लटके हुए मिले जिसके तुरंत बाद उनकी मौत हो गई। पश्चिमी जोन के पुलिस उपायुक्त एआर श्रीनिवास ने राव की बेटी के हवाले से बताया कि उन्होंने अपने पिता को शयनकक्ष में पंखे पर लगे फंदे से लटका हुआ देखा। उन्हें ड्राइवर और गनमैन की मदद से नीचे उतारा गया।
इसके बाद 72 साल के शिव प्रसाद राव को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन तमाम प्रयासों के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, 'प्रत्यक्षदर्शी के के बयान और उपलब्ध सूचनाओं के अनुसार, अभी यह आत्महत्या का मामला लग रहा है, हमें भी संदेह है कि यह आत्महत्या का मामला है।'
हैदराबाद के पुलिस आयुक्त अंजनी कुमार ने कहा कि राव को कैंसर अस्पताल में मृत घोषित किया गया। बाद में शव को उस्मानिया सदर अस्पताल ले जाया गया जहां सोमवार रात पोस्टमॉर्टम किया गया। राव की मौत से आंध्र प्रदेश में राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। टीडीपी राव की संदिग्ध आत्महत्या के लिए वाईएस जगनमोहन रेड्डी सरकार को जिम्मेदार बता रही है।
अमरावती से प्राप्त सूचनाओं के अनुसार, टीडीपी प्रमुख एन. चन्द्रबाबू नायडू ने राज्य सरकार पर आरोप लगाया कि उसने राव को झूठे मामले में फंसा कर उन्हें और उनके परिवार को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया है। वहीं सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस का कहना है कि राव की मृत्यु से उसका कोई लेना-देना नहीं है और टीडीपी के आरोप गलत हैं और सरकार किसी को निशाना नहीं बना रही है।
पेशे से डॉक्टर राव के परिवार में उनकी पत्नी, दो पुत्र और एक पुत्री हैं। उपायुक्त और अस्पताल ने बताया कि राव को सुबह करीब 11 बजे उनके आवास से बेहोशी की हालत में बसावताराकम इंडो-अमेरिकन कैंसर अस्पताल लाया गया जहां उन्हें होश में लाने की तमाम कोशिशों के बावजूद उनकी मृत्यु हो गयी।
(भाषा इनपुट)