मुबंई हाईकोर्ट ने बीएमसी के खिलाफ दायर याचिक को खारिज कर दिया। इस याचिक में बीएमसी द्वारा 2700 पेड़ों को काटने की मंजूरी दी गयी थी। ये मंजूरी मुंबई में मेट्रो कार शेड के निर्माण के लिये दी गयी थी।
बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) के प्रमुख प्रवीण परदेशी ने मेट्रो कार शेड के निर्माण के लिए आरे कॉलोनी में 2700 से अधिक पेड़ काटने के नगर निकाय के फैसले का बचाव करते हुए सोमवार को कहा था कि मुंबई में न्यूयॉर्क, लंदन और तोक्यो से ज्यादा पेड़ हैं।
बीएमसी के वृक्ष प्राधिकरण ने मुंबई उच्च न्यायालय को बताया था कि उसने मेट्रो के यार्ड (कार शेड) के लिए उपनगर आरे इलाके में 2700 से अधिक पेड़ काटे जाने और उनके प्रतिरोपण पर कोई औपचारिक फैसला नहीं लिया है। मुख्य न्यायाधीश प्रदीप नंदराजोग और न्यायमूर्ति भारती डांगरे की खंडपीठ पर्यावरणविद कार्यकर्ता जोरू भटेना की याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें मेट्रो यार्ड के लिए पेड़ों को काटे जाने के वास्ते 29 अगस्त को दी मंजूरी को चुनौती दी गई थी।
बीएमसी के वकील रवि कदम ने खंडपीठ को बताया था कि वृक्ष प्राधिकरण ने पेड़ों को काटे जाने की अभी अनुमति नहीं दी है। कदम ने कहा, ‘‘औपचारिक अनुमति अभी नहीं दी गई है। तब तक कोई पेड़ नहीं काटा जाएगा। औपचारिक अनुमति दिए जाने के बाद कोई भी व्यक्ति महाराष्ट्र के कानून के तहत इस अनुमति को 15 दिनों में चुनौती दे सकता है।’’
इस पर मुख्य न्यायाधीश ने कहा था कि याचिकाकर्ता काफी भयभीत है कि प्राधिकरण पेड़ काटना शुरू कर देगा और इसलिए उसने अदालत का दरवाजा खटखटाया। पीठ ने बीएमसी और मुंबई मेट्रो रेल कोरपोरेशन लिमिटेड (एमएमआरसीएल) को 17 सितंबर तक याचिका के जवाब में अपने-अपने हलफनामे दायर करने के निर्देश दिए थे। तब अदालत ने कहा था, ‘‘चूंकि कानून के तहत प्राधिकरण अभी पेड़ काटने शुरू नहीं कर सकता तो हमें औपचारिक रोक का आदेश देने की जरूरत नहीं है।’’
भटेना के वकील जनक द्वारकादास ने अदालत को बताया था कि वृक्ष प्राधिकरण ने पेड़ों को काटे जाने की अनुमति देते हुए उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया। उन्होंने कहा, ‘‘यह इंसान बनाम इंसान का मामला नहीं है। यह मानवता के खिलाफ पर्यावरण और पेड़ों का मामला है।’’ बॉलीवुड अभिनेत्री श्रद्धा कपूर, पूर्व केंद्रीय पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश और पूर्व क्रिकेटर वसीम जफर समेत कई हस्तियों ने पेड़ों को काटे जाने का विरोध भी कर चुके हैं। वहीं कई हस्तियां पेड़ काटे जाने के समर्थन में हैं।