पटना: बिहार में समस्तीपुर रेलमंडल के लोको डीजल शेड के एक इंजीनियर के द्वारा पूरे रेल इंजन को बेचे जाने का मामला सामने आया है. अधिकारियों ने भी इस पर ध्यान नहीं दिया. इस गड़बड़ी के बारे में जानकारी तब मिली जब ऑन ड्यूटी एक महिला सिपाही संगीता कुमारी ने इसकी जांच शुरू की.
बताया जाता है कि महिला सिपाही संगीता कुमारी की रिपोर्ट के आधार पर और अब आरपीएफ के दारोगा एमएम रहमान के बयान पर मंडल के बनमनकी पोस्ट पर रविवार देर शाम प्राथमिकी दर्ज की गई है. मामला पूर्णिया कोर्ट स्टेशन से जुड़ा बताया गया है.
इंजीनियर ने कैसे बेच दी पूरी रेल इंजन
आरोप है कि समस्तीपुर लोको डीजल शेड के एक इंजीनियर राजीव रंजन झा ने डीएमई का फर्जी कार्यालय आदेश दिखाकर रेलवे मंडल के पूर्णिया कोर्ट स्टेशन के पास वर्षों से खड़ी छोटी लाइन का पुराना वाष्प इंजन स्क्रैप माफियाओं के हांथ बेच डाला.
मामला उजागर नहीं हो इसके लिए डीजल शेड पोस्ट पर कार्यरत एक दारोगा की मिलीभगत से शेड के आवक रजिस्टर पर एक पिकअप वैन को स्क्रैप के अंदर प्रवेश करने संबंधी एंट्री भी करवा दी गई.
प्राप्त जानकारी के अनुसार गड़बड़ी की बात तब सामने आई जब बीते 14 दिसंबर को समस्तीपुर डीजल शेड के इंजीनियर राजीव रंजन झा, हेल्पर सुशील यादव के साथ पूर्णिया कोर्ट स्टेशन के पास वर्षों से खड़ी पुराने वाष्प इंजन को गैस कटर से कटवाते हुए मिले. पूर्णिया आउट पोस्ट प्रभारी एमएम रहमान आर ने रोका तो इंजीनियर ने डीजल शेड के डीएमई का पत्र दिखाते हुए आरपीएफ को लिखित रूप से मेमो दिया कि इंजन का स्क्रैप वापस डीजल शेड ले जाना है.
अगले दिन सिपाही संगीता ने स्क्रैप लोड पिकअप के प्रवेश की एंट्री देखी, लेकिन स्क्रैप था ही नहीं. संगीता ने इसकी जानकारी अधिकारियों को दी. वहीं, सिपाही संगीता की सूचना के बाद स्क्रैप की खोज शुरू हुई.
जांच शुरू हुई को सामने आया फर्जी डीएमई लेटर का सच
मंडल सुरक्षा आयुक्त एके लाल ने बताया कि एमएम रहमान ने डीजल शेड से जारी पत्र के बारे में जांच शुरू की तो शेड के डीएमई ने इस तरह का कोई भी पत्र कार्यालय से जारी करने की बात से इनकार कर दिया.
दो दिनों तक खोज के बाद भी कहीं स्क्रैप लोड वाहन की जानकारी नहीं मिली. फिर इस मामले में पूर्णिया कोर्ट स्थित आरपीएफ के दारोगा एमएम रहमान के बयान पर मंडल के बनमनकी पोस्ट पर रविवार देर शाम प्राथमिकी दर्ज की गई है. जिसमें इंजीनियर राजीव रंजन झा, हेल्पर सुशील यादव समेत सात लोगों को आरोपी बनाया गया है.
उधर, डीआरएम आलोक अग्रवाल के आदेश पर इंजीनियर व हेल्पर के अलावा डीजल शेड पोस्ट पर तैनात दारोगा वीरेंद्र द्विवेदी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है. मामला उजागर होने के बाद से फरार चल रहे इंजीनियर आरआर झा की गिरफ्तारी के लिए आरपीएफ की टीम लगातार छापेमारी कर रही है. पूरी मामले की जांच शुरू कर दी गई है. तत्काल डीजल शेड के दो कर्मी व एक आरपीएफ दारोगा को निलंबित किया गया है.