पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव में धमाकेदार जीत दर्ज करने के बाद अब शपथ ग्रहण की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। पटना से लेकर दिल्ली तक मंत्रियों के नाम पर चर्चा हो रही है। 20 नवंबर को पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में नीतीश कुमार और उनके नए मंत्रिमंडल के सदस्य शपथ लेंगे। इस बार के मंत्रिमंडल में किनको मौका मिलेगा, इस पर चर्चाओं का बाजार गर्म है। सूत्रों की मानें तो भाजपा के वरिष्ठ नेता और गया टाउन सीट से विधायक डॉ. प्रेम कुमार को विधानसभा अध्यक्ष बनाया जा सकता है। डॉ. प्रेम कुमार का नाम इस पद के लिए सबसे आगे चल रहा है।
Bihar Government Formation: संभावित कैबिनेट
नीतीश कुमारः मुख्यमंत्री (जदयू)
सम्राट चौधरीः उप मुख्यमंत्री (भाजपा)
मंगल पांडेः उप मुख्यमंत्री (भाजपा)
मंत्रियों की सूचीः
रामकृपाल यादव (भाजपा)
विजय सिन्हा (भाजपा)
नितिन नबीन (भाजपा)
रेणु देवी (भाजपा)
विनोद मंडल (भाजपा)
इंजीनियर शैलेंद्र (भाजपा)
आनंद मिश्रा या मिथिलेश तिवारी (इनमें से किसी एक को मंत्री बनाया जा सकता है) (भाजपा)
नीतीश मिश्रा (भाजपा)
नीरज कुमार सिंह बबलू (भाजपा)
श्रवण कुमार (जदयू)
मदन सहनी (जदयू)
लेसी सिंह (जदयू)
विजय चौधरी (जदयू)
संतोष सहनी (जदयू)
राजू तिवारी (लोजपा-आर)
माधव आनंद या स्नेहलता कुशवाहा (रालोमो)
संतोष मांझी (हम)।
वह भाजपा के एक वरिष्ठ नेता हैं और उनका लंबा राजनीतिक अनुभव रहा है। भाजपा आलाकमान जल्द ही इस संबंध में आधिकारिक घोषणा कर सकता है। इस बदलाव को एनडीए गठबंधन की मजबूती और नई सरकार के गठन के बाद सत्ता संतुलन साधने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है। सबकी निगाहें अब आधिकारिक ऐलान पर टिकी हैं।
इसी बीच प्रेम कुमार उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा के आवास पहुंचे। प्रेम कुमार ने कहा कि “पार्टी जो भी जिम्मेदारी देगी, हम उसी भूमिका में काम करेंगे। पार्टी के निर्देश का पूरा पालन होगा। वहीं, विजय कुमार सिन्हा ने भी उनकी तारीफ करते हुए कहा कि “मैं खुद विधानसभा अध्यक्ष रह चुका हूं। प्रेम कुमार सदन में भाजपा के सबसे वरिष्ठ सदस्य हैं, जबकि जदयू की तरफ से हरिनारायण सिंह सबसे सीनियर हैं।
उम्मीद है प्रेम कुमार जी सदन को बेहतरीन तरीके से चलाएंगे। पार्टी उनके लिए जो भी भूमिका तय करेगी, हम उसका स्वागत करते हैं। वैसे सियासी गलियारे में चर्चा इस बात की भी थी कि जदयू ने विधानसभा अध्यक्ष पद पर दावा किया था। जदयू का कहना था कि चूंकि विधान परिषद में भाजपा के सभापति हैं, इसलिए विधानसभा में जदयू का अध्यक्ष होना चाहिए।
लेकिन भाजपा ने यह मांग नहीं मानी। उधर, मंत्रिमंडल में संभावित मंत्रियों को लेकर अलग-अलग बैठकें हो रही हैं। सूत्रों के अनुसार नीतीश कुमार के पिछले मंत्रिपरिषद में से कई चेहरे रिपीट हो सकते हैं तो कुछ मंत्रालय के चेहरे बदल सकते हैं। कुछ नए नाम भी मंत्रिपरिषद में शामिल किए जा सकते हैं।
मंत्रिपरिषद के गठन में जाति, धर्म और क्षेत्र के अलावा वरिष्ठता का भी ख्याल रखा जाएगा, इसमें कोई दोराय नहीं होनी चाहिए। इसके अलावा, नीतीश कुमार के चहेतों को भी जगह मिल सकती है। उत्तर प्रदेश में 2027 के शुरुआती महीनों में चुनाव है तो मंत्रिपरिषद के गठन में इस बात का भी ख्याल रखा जा सकता है।
माना जा रहा है कि एक उपमुख्यमंत्री ब्राह्मण को बनाया जा सकता है। अगर ऐसा होता है तो सीवान से चुनाव जीते मंगल पांडेय की लॉटरी लग सकती है। प्रेम कुमार को अगर विधानसभा अध्यक्ष बनाया जाता है तो विजय सिन्हा को मंत्री पद मिलना तय माना जा रहा है। चुनाव में राजपूत विधायकों की तादाद ठीक ठाक है तो उनका प्रतिनिधित्व भी उसी अनुपात में हो सकता है।
सूत्रों की मानें तो भाजपा से सम्राट चौधरी, मंगल पांडेय, रामकृपाल यादव, नितिन नबीन, रेणु देवी, विनोद मंडल, इंजीनियर शैलेंद्र, आनंद मिश्रा या मिथिलेश तिवारी (इनमें से किसी एक को मंत्री बनाया जा सकता है), नीतीश मिश्रा और नीरज कुमार सिंह बबलू को शामिल किया जा सकता है।
जबकि जदयू से श्रवण कुमार, मदन सहनी, लेशी सिंह, विजय चौधरी और संतोष सहनी ओ मंत्री बनाया जा सकता है। वहीं, लोजपा से राजू तिवारी को मंत्री बनाने की चर्चा है। जबकि रालोमो से माधव आनंद या स्नेहलता, इनमें से किसी एक को मंत्री बनाया जा सकता है। वहीं हम से संतोष मांझी फिर से मंत्री बनाए जा सकते है। इस सूची के अलावा और भी विधायकों को मंत्री बनाया जा सकता है।