पटनाः बिहार विधानमंडल परिसर में शराब की खाली बोतलें मिलने के बाद एक्शन में आई सरकार और पुलिस खाली बोतलों का पोस्टमार्टम करने में जुट गई है. कार्रवाई में तेजी ऐसी दिखाई जा रही है, मानों इससे बड़ा कोई और अपराध होता ही नहीं हो.
जांच करके यह पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है कि बोतल की शराब को किसने पिया और फिर किसने उसे फेंका? सूत्रों के अनुसार शराब की खाली बोतलों से फिंगर प्रिंट उठाये जा रहे हैं. फोरेंसिक टीम उसकी जांच कर रही है. उत्पाद विभाग की प्रयोगशाला में खाली बोतल जाचें जा रहे हैं.
जांच की प्रक्रिया इतनी तेजी से की जा रही है जैसे शराब की इन बोतलों का किसी हत्या, लूट या अपहरण जैसी किसी आपराधिक वारदात से कोई संबंध हो. इस संबंध में राज्य डीजीपी एसके सिंघल ने कहा कि पुलिस ने पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है. जांच का परिणाम आएगा तो लोगों को बता दिया जायेगा कि ये क्या मामला है?
उन्होंने कहा कि पुलिस ने उस जगह को देखा है, जहां शराब की खाली बोतलें मिली हैं. वहां सीसीटीवी कैमरा नहीं लगा है. लेकिन थोडी दूर पर सीसीटीवी कैमरे हैं. उनके फुटेज को देखा जायेगा. जहां पर शराब की खाली बोतलें मिली थीं, उस स्थान को घेर कर बोतलों को जब्त कर लिया गया है.
शराब की खाली बोतलों की फोरेंसिक साइंस लेबोरेट्री में जांच कराई जा रही है. इसके अलावा उत्पाद विभाग की भी एक लैब यानि प्रयोगशाला है. वहां से भी शराब की खाली बोतलों की जांच करायी जायेगी. उत्पाद विभाग की लैब से भी संपर्क साधा गया है. वहीं, मुख्यमंत्री का फरमान सुनकर जांच में जुटे सूबे के मुख्य सचिव त्रिपुरारी शरण ने कहा कि किसी मकसद से ही शराब की बोतलें यहां फेंकी गई है.
सरकार सारे पहलू की जांच करेगी. सामान्य घटना तो है नहीं. हम इसकी पूरी जांच करायेंगे. वहीं राज्य के मद्य निषेध मंत्री सुनील कुमार ने कहा कि जांच में सब पता चल जायेगा कि किसने शराब की बोतल फेंकी है? सरकार उसे छोडे़गी नहीं. इसबीच नेता विरोधी दल तेजस्वी यादव ने कहा कि किसी के घर से शराब मिलने पर तो सरकार उस घर को जब्त कर लेती है क्या विधानसभा को भी सील कर दिया जायेगा?