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भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने जमानत की शर्तों को गलत बताते हुए किया अदालत का रुख, शनिवार को सुनवाई

By भाषा | Updated: January 17, 2020 23:02 IST

भीम आर्मी अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद ने जमानत की शर्तों को गलत बताते हुए उनमें बदलाव की मांग को लेकर दिल्ली की अदालत का रुख किया है।

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ठळक मुद्देरिहा होने के कुछ ही घंटे बाद भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद शुक्रवार को जामा मस्जिद पहुंचे। वहां उन्होंने संविधान की प्रस्तावना पढ़ी और संशोधित नागरिकता कानून को निरस्त करने की मांग की।

भीम आर्मी अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद ने जमानत की शर्तों को गलत बताते हुए उनमें बदलाव की मांग को लेकर दिल्ली की अदालत का रुख किया है। एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक इस याचिका पर शनिवार को सुनवाई हो सकती है।

तिहाड़ जेल से रिहा होने के कुछ ही घंटे बाद भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद शुक्रवार को जामा मस्जिद पहुंचे। वहां उन्होंने संविधान की प्रस्तावना पढ़ी और संशोधित नागरिकता कानून को निरस्त करने की मांग की। आजाद के साथ उनके समर्थक और स्थानीय लोग भी थे। वह जामा मस्जिद में करीब 40 मिनट तक रहे।

उन्होंने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को ‘‘काला कानून’’ करार दिया तथा कहा कि देश को एकजुट रखने से ज्यादा महत्वपूर्ण कोई और चीज नहीं है। उन्हें गुरुवार की रात जमानत पर तिहाड़ जेल से रिहा किया गया। उनके समर्थकों ने उनका स्वागत किया। उन्होंने शाहीन बाग, जामिया मिल्लिया इस्लामिया और देश के अन्य हिस्सों में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) विरोधी प्रदर्शनों में शामिल होने के लिए महिलाओं की तारीफ की।

आजाद ने कहा, ‘‘सीएए विरोधी आंदोलन देश के भविष्य, हमारी पहचान और संविधान बचाने के लिए है। इसे मजबूत करना हमारा दायित्व है।’’ उन्होंने कहा कि संविधान बचाना लोगों का मूल कर्तव्य है। उन्होंने लोगों से सीएए के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने का आग्रह किया। जामा मस्जिद जाने से पहले वह गोल मार्केट के पास महर्षि वाल्मीकि मंदिर और गुरुद्वारा बंगला साहिब भी पहुंचे। वह जोरबाग स्थित कर्बला भी गए। दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार को उन्हें जमानत प्रदान कर दी थी। उन पर 20 दिसंबर को सीएए के विरोध में प्रदर्शन के दौरान जामा मस्जिद के पास लोगों को भड़काने का आरोप है।

अदालत ने उन्हें जमानत देते समय शर्त लगाई कि उन्हें चार सप्ताह तक दिल्ली से दूर रहना होगा। इसने उन्हें यह भी निर्देश दिया कि वह चुनाव होने तक राष्ट्रीय राजधानी में कोई धरना-प्रदर्शन न करें और कहा कि ‘‘देश को अराजकता के हवाले नहीं किया जा सकता।’’

अदालत ने यह भी कहा कि सहारनपुर जाने से पहले आजाद अगर 24 घंटे के भीतर जामा मस्जिद सहित दिल्ली में कहीं जाना चाहते हैं तो पुलिस उनके साथ रहेगी। उत्तराखंड के रुड़की से दिल्ली स्थित जामा मस्जिद पहुंचे मुमताज अब्बास नकवी ने कहा, ‘‘हम यहां आजाद का समर्थन करने आए हैं। यहां से वह सहारनपुर जाएंगे। हम हरिद्वार और रुड़की में कार्यक्रम करेंगे जहां वह लोगों को संबोधित करेंगे।’’ स्थानीय व्यक्ति मोहम्मद इकरामुद्दीन ने कहा, ‘‘हम यहां सीएए और एनआरसी का विरोध कर रहे हैं और चाहते हैं कि सरकार हालिया कानून को निरस्त करे। हम इसका विरोध करना जारी रखेंगे।’’

टॅग्स :भीम आर्मी
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