नगीना में सपा के खिलाफ भीम आर्मी ने खोला मोर्चा!अखिलेश के फैसले से खफा दलित नेता चंद्रशेखर आजाद
By राजेंद्र कुमार | Published: March 20, 2024 08:04 PM2024-03-20T20:04:38+5:302024-03-20T20:06:40+5:30
नगीना सीट पर कुछ समय पहले तक यह चर्चा थी कि सपा मुखिया अखिलेश यादव इस सीट से भीम आर्मी से चीफ चंद्रशेखर आजाद के चुनाव लड़ने का समर्थन करेंगे। अखिलेश और चंद्रशेखर की बीच चुनाव लड़ने वाली सीटों को लेकर बात नहीं बनी तो अखिलेश यादव ने अतिरिक्त जिला जज रहे मनोज कुमार को इस सीट से उम्मीदवार घोषित कर दिया।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की नई लोकसभा सीटों में से एक नगीना आरक्षित सीट है. वर्ष 2009 में हुए लोकसभा चुनाव से पहले ही यह सीट अस्तित्व में आई थी. तब से अब तक यहां समाजवादी पार्टी (सपा), भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के उम्मीदवार चुनाव जीतकर देश की संसद में पहुंच चुके हैं. इस बार भी भाजपा, सपा और बसपा के प्रत्याशी एक दूसरे के खिलाफ चुनाव मैदान में हैं. इस बार के चुनाव की खास बात यह है कि इस सीट पर सपा के उम्मीदवार मनोज कुमार के खिलाफ भाजपा और बसपा के उम्मीदवारों के अलावा भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर आजाद ने भी मोर्चा खोल दिया है.
चंद्रशेखर ने ऐलान किया है कि जिन सीटों पर आज़ाद समाज पार्टी के उम्मीदवार नहीं हैं वहां भीम आर्मी समर्थक वो नोटा का बटन दबाएं क्योकि समाजवादी पार्टी अब आरएसएस की विचारधारा पर चल रही है. सपा में अब दलित और मुस्लिमों का पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक यानी पीडीए के नाम पर शोषण किया जा रहा है. चंद्रशेखर की इस अपील से सपा उम्मीदवार मनोज कुमार को जनता के बीच सफाई देते हुए यह बताना पड़ रहा है कि दलित नेता चंद्रशेखर उनके खिलाफ मोर्चा क्यों खोले हुए हैं.
नगीना सीट पर कुछ समय पहले तक यह चर्चा थी कि सपा मुखिया अखिलेश यादव इस सीट से भीम आर्मी से चीफ चंद्रशेखर आजाद के चुनाव लड़ने का समर्थन करेंगे. सपा का आजाद समाज पार्टी से चुनावी गठबंधन होगा और आजाद समाज पार्टी के बैनर तले चंद्रशेखर आजाद नगीना सीट से चुनाव लड़ेंगे. परन्तु अखिलेश और चंद्रशेखर की बीच चुनाव लड़ने वाली सीटों को लेकर बात नहीं बनी तो अखिलेश यादव ने अतिरिक्त जिला जज रहे मनोज कुमार को इस सीट से उम्मीदवार घोषित कर दिया.
अखिलेश के इस फैसले से नाराज चंद्रशेखर अब नगीना में सपा की खिलाफत कर रहे हैं. सियासत के इस टकराव के बीच भाजपा ने ओम कुमार को चुनाव मैदान में उतार दिया और बसपा ने सुरेन्द्र पाल मैनवाल को इस सीट से चुनाव लड़ाने का फैसला किया है. मुजफ्फरनगर की पुरकाजी विधानसभा से बसपा के टिकट पर किस्मत आजमा चुके सुरेंद्र पाल वकालत करते हुए राजनीति में आए हैं. वह दो चुनाव लड़ चुके हैं लेकिन अब तक उन्हे जीत नसीब नहीं हुई है. इस आरक्षित सीट पर सबसे अधिक मुस्लिम बिरादरी की आबादी है. इस क्षेत्र में मुस्लिम वोटर्स की संख्या आबादी में से 70.53% है, जबकि यहां पर हिंदू वोटर्स की संख्या 29.06% है.
इस सीट पर करीब 21 फीसदी एससी वोटर्स हैं. इस सीट पर 50 फीसदी से अधिक मुस्लिम वोटर्स के होने की वजह से यहां पर इनकी भूमिका निर्णायक रहती है.
फिलहाल इसी वोटबैंक को अपने पाले में लाने के लिए सपा और बसपा यहां ज़ोर लगा रहे हैं. जबकि भाजपा उम्मीदवार मोदी और योगी के नाम पर लोगों जिताने की अपील कर रहे हैं. कहा जा रहा है इस सीट पर तीखा मुक़ाबला होगा और जीत हार बहुत ही कम वोटों से होगी क्योंकि चंद्रशेखर का सपा के खिलाफ मोर्चा खोलने से दलित समाज का वोट बटेगा. अब देखना यह है कि जीत का नगीना किसके सिर पर सजेगा.
नगीना सीट का सफर
साल 2009 में पहली बार नगीना सीट पर लोकसभा चुनाव हुआ. इस चुनाव में सपा के यशवीर सिंह ने बाजी मारी. फिर वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर में भाजपा के यशवंत सिंह ने सपा के पूर्व सांसद यशवीर सिंह को मात दी. वर्ष 2019 में सपा-बसपा गठबंधन में बसपा के गिरीश चंद्र ने यहां भाजपा के यशवंत सिंह को हराकर जीत हासिल की थी. इस बार भाजपा ने यशवंत सिंह के स्थान पर ओम कुमार को चुनाव मैदान में उतारा है.
बीते लोकसभा चुनाव का रिजल्ट
गिरीश चंद्र (बसपा) : 5, 68,378
यशवंत सिंह (भाजपा) : 4,01,546
ओमवती देवी (कांग्रेस) : 20,046