Nagina Lok Sabha seat: भाजपा और बसपा को नगीना सीट पर चुनौती देंगे चंद्रशेखर!, अखिलेश और जयंत चौधरी का मिलेगा साथ, आखिर क्या है समीकरण
By राजेंद्र कुमार | Published: December 23, 2023 06:28 PM2023-12-23T18:28:57+5:302023-12-23T18:31:06+5:30
Nagina Lok Sabha seat: भीम आर्मी का गठन कर दलित समाज के हक की आवाज उठाने वाले चंद्रशेखर ने आजाद समाज पार्टी (काशीराम) के बैनर तले चुनाव लड़ने का फैसला किया है.
Nagina Lok Sabha seat: बीते छह साल से देश और प्रदेश के दलित समाज में युवा नेता के तौर पर उभरे चंद्रशेखर बिजनौर जिले की नगीना सीट से आगामी लोकसभा का चुनाव लड़ेंगे. पार्टी पदाधिकारियों के बीच चंद्रशेखर ने शनिवार को यह ऐलान किया और पार्टी पदाधिकारियों को नगीना सुरक्षित सीट पर प्रचार शुरू करने के निर्देश दिया.
अब सप्ताह के भीतर ही बिजनौर जिले के हर गांव में आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के पोस्टर दिखाई देने लगेंगे. भीम आर्मी का गठन कर दलित समाज के हक की आवाज उठाने वाले चंद्रशेखर ने आजाद समाज पार्टी (काशीराम) के बैनर तले चुनाव लड़ने का फैसला किया है. चुनाव आयोग ने चंद्रशेखर की पार्टी को केतली चुनाव चिन्ह आवंटित किया है. पार्टी पश्चिम यूपी में एएसपी के नाम से जानी जाती है.
भाजपा और बसपा से होगा मुक़ाबला: चंद्रशेखर
एएसपी के पदाधिकारियों का कहना है कि समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया अखिलेश यादव और राष्ट्रीय लोकदल के प्रमुख भी यह चाहते हैं कि एएसपी के सर्वेसर्वा चंद्रशेखर भी आगामी लोकसभा चुनाव लड़े. अब चंद्रशेखर ने नगीना सीट से चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है, तो जाहिर है कि सपा और रालोद इस सीट से उनके खिलाफ अपना प्रत्याशी खड़ा नहीं करेंगे.
बीते लोकसभा चुनावों में नगीना सीट से बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के गिरीश चंद्र जाटव चुनाव जीत कर सांसद बने थे. इसलिए आगामी लोकसभा चुनावों में चंद्रशेखर अपना मुक़ाबला भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और बसपा के प्रत्याशी से होने की संभावना जता रहे हैं. उनका दावा है कि आगामी लोकसभा चुनाव में नगीना की जनता उन्हें देश की संसद में भेजेगी.
ताकि डा. भीमराव अंबेडकर व मान्यवर कांशीराम की नीतियों, सिद्धांतों और दलितों के लिए उठाए गए मुद्दे सदन के भीतर उठाया जा सके. फिलहाल अभी चंद्रशेखर की पार्टी इंडिया गठबंधन का हिस्सा नहीं है और वह यूपी में सपा और रालोद खेमे के नजदीकी माने जाते हैं. इस वजह से उन्हें उम्मीद है कि जल्दी ही वह इंडिया गठबंधन का हिस्सा बनेंगे.
इसलिए नगीना को चुना :
नगीना सीट से चुनाव लड़ने के सवाल पर चंद्रशेखर का कहना है कि मान्यवर कांशीराम ने मायावती को बिजनौर सीट से चुनाव लड़ाया था ताकि वह देश की संसद में दलित समाज की आवाज उठा सके. इसलिए वह भी बिजनौर जिले की नगीना सीट चुनाव लड़ने जा रहे हैं. वह कहते हैं कि लोकसभा की 17 सुरक्षित सीटें हैं और यूपी में 49 जिले ऐसे हैं, जहां दलित मतदाताओं की संख्या सबसे ज्यादा है.
जबकि 42 जिले ऐसे हैं, जहां दलित मतदाताओं की संख्या 20 प्रतिशत से ज्यादा है. इनमें मुजफ्फरनगर में 23%, सहारनपुर में 24%, मेरठ में 23%, बिजनौर में 25%, गाजियाबाद में 21%, बागपत में 20%, अमरोहा में 22%, मुरादाबाद में 18% और गौतमबुद्ध नगर में 18% दलित वोटर्स हैं. और बिजनौर में दलित और मुस्लिम समाज के 62% वोटर हैं, जिसके ताकत के भरोसे मायावती भी सांसद बनी थी तो अब उसी तर्ज पर चंद्रशेकर भी सांसद बनने की राह पर चल पड़े हैं.
कौन हैं चंद्रशेखर :
यूपी की राजनीति में चंद्रशेखर का नाम पहली बार 5 मई 2017 को तब चर्चा में आया था, जब उन्होने सहारनपुर के शब्बीरपुर गांव में दलित और ठाकुर समुदाय के बीच हुई जातीय हिंसा में आवाज बुलंद की थी. सहारनपुर में लोग उन्हे चंद्रशेखर आजाद के नाम से पुकारते है. दलित और ठाकुर समाज के बीच हुई हिंसा में तब चंद्रशेखर आजाद का नाम मुख्य आरोपी के तौर पर सामने आया था.
इस मामले में पुलिस ने उन पर 12 हजार रुपए का इनाम भी घोषित किया था। बाद में उन्हें यूपी एसटीएफ ने हिमाचल प्रदेश के डलहौजी से गिरफ्तार किया था. इस मामले में चंद्रशेखर को 15 महीने जेल में रहना पड़ा था. वर्तमान में उनके खिलाफ 17 आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं.
दलित समाज के उत्पीड़न के खिलाफ आवाज बुलंद करने के चलते पश्चिमी यूपी में चंद्रशेखर दलित समाज में यूथ आइकॉन बन गए हैं. अब तो वह देश भर में दलित समाज की एकजुटता को लेकर जनसभाएं करने जाते हैं.