नई दिल्लीः भारत सरकार के गृह सचिव गोबिंद मोहन की अध्यक्षता में हरियाणा और राजस्थान के कुछ हिस्सों में तत्काल पानी की जरूरतों को पूरा करने के लिए हरियाणा को 08 दिनों के लिए अतिरिक्त 4500 क्यूसेक पानी उपलब्ध कराने के भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (BBMB) के निर्णय को लागू कराने के मुद्दे पर चर्चा के लिए नई दिल्ली में एक बैठक आयोजित की गई। बैठक में भारत सरकार और BBMB के साझेदार राज्यों हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और और BBMB के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। हरियाणा ने अपनी अतिरिक्त जल आवश्यकता के लिए दृढ़ता से अपनी बात रखी। हरियाणा की ओर से सिंचाई विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री अनुराग अग्रवाल मौजूद रहे। इस बैठक में केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय की सचिव देबाश्री मुखर्जी और ऊर्जा सचिव पंकज अग्रवाल भी उपस्थित रहे।
बैठक में इस मामले पर चर्चा/विचार-विमर्श किया गया और यह सलाह दी गई कि BBMB के निर्णय को लागू किया जाए, जिसके तहत हरियाणा के लिए भाखड़ा बांधों से अगले 08 दिनों के लिए 4500 क्यूसेक अतिरिक्त पानी छोड़ा जाए ताकि उनकी तत्काल पानी की आवश्यकताएं पूरी हो सकें।
यह भी सहमति बनी कि बांधों के भरने की अवधि के दौरान BBMB पंजाब को उनकी किसी भी अतिरिक्त आवश्यकता को पूरा करने के लिए यह अतिरिक्त पानी उपलब्ध कराएगा। BBMB हरियाणा को अतिरिक्त पानी जारी करने के कार्यान्वयन की रूपरेखा तैयार करने के लिए तुरंत बोर्ड की बैठक बुलाएगा।
केंद्रीय गृह सचिव ने पंजाब के अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से पंजाब द्वारा भाखड़ा डैम पर तैनात पुलिस को हटाने को कहा गया। पंजाब और हरियाणा के बीच जल बंटवारे को लेकर एक नया विवाद शुरू हो गया है, क्योंकि आम आदमी पार्टी (आप) शासित पंजाब ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित हरियाणा को अधिक पानी देने से इनकार कर दिया है।
हरियाणा में विपक्षी नेताओं ने आरोप लगाया है कि पंजाब ने हरियाणा को भाखड़ा बांध से जल आपूर्ति की सीमा 4,000 क्यूसेक तय कर दी है, जबकि सतलुज यमुना लिंक (एसवाईएल) नहर का मुद्दा दोनों राज्यों के बीच कई वर्षों से विवाद का विषय बना हुआ है।
जल बंटवारे को लेकर पंजाब और हरियाणा में बढ़ते तनाव के बीच पंजाब की ‘आप’ सरकार की ओर से शुक्रवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में सभी दलों ने इस मुद्दे पर एकजुट रुख दिखाया। भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने इस मुद्दे पर सोमवार को राज्य विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया है। वहीं, सर्वदलीय बैठक में इस बात पर विचार किया गया कि आने वाले दिनों में पार्टियां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात कर सकती हैं