मुंबईः महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में रेल की पटरियों पर सो रहे कम से कम 16 प्रवासी मजदूरों की शुक्रवार सुबह मालगाड़ी की चपेट में आने से मौत हो गई, जबकि दो अन्य मजदूर घायल हुए हैं। सरकार ने इस दर्दकान घटना के जांच के आदेश दिए हैं। इस पर स्वराज इंडिया के प्रमुख योगेंद्र यादव ने सवाल खड़े किए हैं और पूछा है कि किसकी जांच की जाएगी?
औरंगाबाद में हुए हादसे को लेकर योगेंद्र यादव ने ट्वीट कर कहा, 'सुनते हैं जांच होगी। किसकी? उस "लापरवाह" ड्राइवर की, जिसने ट्रेन रोकने की कोशिश की? उन "अनुशासनहीन" लोगों की, जो थक कर ट्रैक पर सो गए थे? इन रोटियों की, जिनके चक्कर में वो घर से चले थे? या उन कुर्सियों की, जिन्होंने रेल पर सवार होने वालों को रेल के नीचे धकेल दिया?'
उन्होंने आगे कहा, 'मन से इस "दुर्घटना" की खबर उतर नहीं रही है। याद आता है वो नारा: अब भी जिसका खून ना खौला, खून नहीं वो पानी है! ये किसी और कि मौत नहीं है, जो औरंगाबाद में हुआ यह हमारी मौत है!'
रेल मंत्रालय ने कहा है कि आज सुबह ट्रैक पर कुछ मजदूरों को देखने के बाद मालगाड़ी के लोको पायलट ने ट्रेन को रोकने की कोशिश की, लेकिन परभणी-मनमाड सेक्शन के बदनपुर और करमाड स्टेशनों के बीच उन्हें टक्कर लग गई। घायलों को औरंगाबाद सिविल अस्पताल ले जाया गया है। जांच के आदेश दिए गए हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र के औरंगाबाद में ट्रेन दुर्घटना में 16 प्रवासी मजदूरों की मौत पर दुख जताया। उन्होंने कहा कि हर संभव सहायता मुहैया कराई जा रही है। प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, 'महाराष्ट्र के औरंगाबाद में रेल दुर्घटना में लोगों के मारे जाने से बहुत दुखी हूं। रेल मंत्री पीयूष गोयल से बात की है और वह स्थिति पर करीबी नजर रख रहे हैं।'