कल्लाकुरिची: तमिलनाडु के कल्लाकुरिची जिले में कथित तौर पर अवैध शराब पीने से बुधवार को कम से कम 25 लोगों की मौत हो गई और 60 से अधिक लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया। अधिकारियों ने गुरुवार को बताया कि मरने वालों की संख्या बढ़ने की आशंका है। मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कहा कि वह मौतों से स्तब्ध हैं और उन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है जो घटना को नहीं रोक पाने के लिए जिम्मेदार थे।
स्टालिन ने ट्वीट कर लिखा, "कल्लाकुरिची में मिलावटी शराब पीने से लोगों की मौत की खबर सुनकर मैं स्तब्ध और दुखी था। इस मामले में अपराध में शामिल लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। इसे रोकने में विफल रहने वाले अधिकारियों पर भी कार्रवाई की गयी है। जनता ऐसे अपराध में शामिल लोगों की सूचना देगी तो त्वरित कार्रवाई की जायेगी। समाज को बर्बाद करने वाले ऐसे अपराधों को सख्ती से दबाया जाएगा।"
सरकार ने एक बयान में कहा कि 49 वर्षीय के कन्नुकुट्टी को उसके पास से लगभग 200 लीटर अवैध शराब जब्त करने के बाद गिरफ्तार कर लिया गया है, जिसमें घातक मेथनॉल शामिल है। एमके स्टालिन ने गहन जांच के लिए अपराध शाखा-अपराध जांच विभाग जांच का आदेश दिया है।
एक बयान के अनुसार, सरकार ने कल्लाकुरिची जिला कलेक्टर श्रवण कुमार जाटवथ को हटा दिया है और पुलिस अधीक्षक समय सिंह मीना को निलंबित कर दिया है। इसके अलावा कल्लाकुरिची निषेध शाखा के अधिकारियों सहित नौ अन्य पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है।
कल्लाकुरिची जिले के नए कलेक्टर एमएस प्रशांत ने सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाज करा रहे मरीजों से मुलाकात की। राजथ चतुर्वेदी जिले के नए पुलिस अधीक्षक हैं। एमके स्टालिन ने प्रभावित परिवारों की मदद के लिए वरिष्ठ मंत्रियों ईवी वेलु और मा सुब्रमण्यम को कल्लाकुरिची भेजा। तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि ने भी मौतों पर शोक व्यक्त किया और पीड़ितों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।
तमिलनाडु राजभवन ने एक पोस्ट साझा करते हुए कहा, "मुझे यह जानकर बहुत सदमा लगा कि नकली शराब के सेवन के कारण कल्लाकुरिची में कई लोगों की जान चली गई। कई अन्य गंभीर हालत में जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं। शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदनाएं और अस्पतालों में भर्ती लोग शीघ्र स्वस्थ हों।"
बयान में आगे कहा गया, "समय-समय पर हमारे राज्य के अलग-अलग हिस्सों से जहरीली शराब पीने से हुई मौतों की खबरें सामने आती रहती हैं। वे अवैध शराब उत्पादन और खपत पर अंकुश लगाने में जारी कमियों को दर्शाते हैं। यह गंभीर चिंता का विषय है।"