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भारत के UNHRC में वोट से दूर रहने पर ओवैसी ने पीएम मोदी पर निशाना साधा, पूछा- क्या वो शी जिंगपिंग को अपमानित करने से इतना डरते हैं कि...

By मनाली रस्तोगी | Updated: October 7, 2022 14:27 IST

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने पूछा कि क्या पीएम मोदी साहब एक महत्वपूर्ण वोट से दूर रहने का विकल्प चुनकर उइघुर मुद्दे पर यूएनएचआरसी में चीन की मदद करने के भारत के फैसले का कारण बताएंगे?

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ठळक मुद्देमोदी पर कटाक्ष करते हुए ओवैसी ने पूछा कि क्या वो शी जिनपिंग को अपमानित करने से डरते हैं?भारतीय पक्ष ने चीन के शिनजियांग क्षेत्र में मानवाधिकार की स्थिति पर बहस की मांग करने वाले मसौदा प्रस्ताव से दूर रहने के अपने फैसले पर स्पष्टीकरण की पेशकश नहीं की।अंतिम वोट चीन के पक्ष में गया, जिसमें यूएनएचआरसी के 19 सदस्यों ने प्रस्ताव का विरोध किया और भारत, मलेशिया और यूक्रेन सहित 11 सदस्यों ने भाग नहीं लिया।

नई दिल्ली: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से यह बताने के लिए कहा कि भारत ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) में चीन के शिनजियांग क्षेत्र में मानवाधिकार की स्थिति पर बहस के लिए बुलाए गए एक मसौदा प्रस्ताव पर क्यों परहेज किया। मोदी पर कटाक्ष करते हुए ओवैसी ने पूछा कि क्या वो शी जिनपिंग को अपमानित करने से डरते हैं?

एआईएमआईएम अध्यक्ष ने ट्वीट करते हुए लिखा, "क्या पीएम मोदी साहब एक महत्वपूर्ण वोट से दूर रहने का विकल्प चुनकर उइघुर मुद्दे पर यूएनएचआरसी में चीन की मदद करने के भारत के फैसले का कारण बताएंगे? क्या वह शी जिंगपिंग को अपमानित करने से इतना डरते हैं, जिनसे वह 18 बार मिले थे, कि भारत सही के लिए नहीं बोल सकते?" कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता शमा मोहम्मद ने भी इस मुद्दे पर पीएम मोदी पर हमला बोला।

उन्होंने गुरुवार को ट्वीट करते हुए लिखा, "चीन में उइगरों के मानवाधिकारों के उल्लंघन पर बहस के लिए यूएनएचआरसी में मसौदा प्रस्ताव पर भारत ने परहेज किया। हमारी जमीन की चोरी के लिए चीन को जवाबदेह ठहराने की बात तो दूर, पीएम मोदी खुद को मानव अधिकारों के उल्लंघन पर चीन की निंदा करने के लिए भी नहीं ला सकते हैं। चीन से इतने डरे हुए क्यों हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी!"

भारतीय पक्ष ने चीन के शिनजियांग क्षेत्र में मानवाधिकार की स्थिति पर बहस की मांग करने वाले मसौदा प्रस्ताव से दूर रहने के अपने फैसले पर स्पष्टीकरण की पेशकश नहीं की। अंतिम वोट चीन के पक्ष में गया, जिसमें यूएनएचआरसी के 19 सदस्यों ने प्रस्ताव का विरोध किया और भारत, मलेशिया और यूक्रेन सहित 11 सदस्यों ने भाग नहीं लिया।

टॅग्स :असदुद्दीन ओवैसीनरेंद्र मोदीUNHCRचीनशी जिनपिंग
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