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Interview: अनुराग ठाकुर ने कहा- 'सभी जानते हैं कि असली शिवसेना कौन सी है', बताया क्या है महाराष्ट्र में भाजपा का 'मिशन-144'

By शरद गुप्ता | Updated: September 21, 2022 09:37 IST

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने हाल में महाराष्ट्र के दौरे के बाद लोकमत से बातचीत की. उन्होंने महाराष्ट्र में भाजपा की योजना और एकनाथ शिंदे गुट से गठबंधन पर भी अपनी बात रखी.

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केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर महाराष्ट्र के कुछ उन हिस्सों में लोकसभा चुनाव के प्रभारी हैं जिनमें भाजपा बहुत मजबूत नहीं रही है. पिछले सप्ताह अपने महाराष्ट्र दौरे पर उन्होंने क्या कुछ पाया, इस बारे में लोकमत मीडिया ग्रुप के सीनियर एडिटर (बिजनेस एवं पॉलिटिक्स) शरद गुप्ता से विस्तार से बात की. प्रस्तुत हैं मुख्य अंश... 

- आप महाराष्ट्र में कहां-कहां गए थे?

मुझे कल्याण और मुंबई का दायित्व दिया गया है. इससे पहले भी मैं इन स्थानों का एक दौरा कर चुका हूं. वह केवल क्षेत्र और लोगों को जानने के लिए था. इस बार मैंने यहां की राजनीति और लोगों की जरूरतों को काफी करीब से देखा और समझा. नवंबर-दिसंबर में मुझे इन इलाकों में फिर जाना है.

- इस बार आपने यहां क्या पाया?

पिछले तीन वर्षों के दौरान महाआघाड़ी की सरकार ने केवल अपने लिए पैसा बनाने पर ध्यान दिया था. विकास कार्यों की जबरदस्त अनदेखी हुई. उस सरकार के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे लोगों से मिलते ही नहीं थे. वैसा ही व्यवहार उनसे नीचे के नेता और अधिकारी करने लगे थे.

- इसके अलावा भी आपने कुछ पाया?

जी हां, केंद्र सरकार की योजनाओं को लागू ही नहीं किया गया. उन्हें लगातार लगता था कि कहीं जनता का भला न हो जाए. लोग याचक की तरह हमेशा उनकी ओर ही देखते रहें. कुछ योजनाओं को लागू करने की कोशिश भी की तो उसमें भी राज्य सरकार की ओर से आने वाले फंड को रोक दिया गया. जिस पैसे से जनहित की योजनाएं चलनी थीं उसे उद्धव सरकार में बैठे लोगों ने अपनी जेब में डाल लिया. मैंने हर योजना की प्रगति की समीक्षा की.

- उनमें क्या मिला?

मैंने लोगों से पूछा कि क्या उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर दिए गए तो अधिकतर ने इंकार कर दिया. यानी उद्धव ठाकरे सरकार के कार्यकाल के दौरान ज्यादातर घर बने ही नहीं और जो बने भी उन्हें लोगों के हवाले करने की जगह उन पर ताला लगा दिया गया. बीएमसी के एक अधिकारी का कहना था कि मुंबई में जगह की कमी की वजह से हर घर में शौचालय नहीं दिया जा सकता. मैंने पूछा कि कम से कम सामुदायिक शौचालय तो तैयार कर दिए होते, तो उत्तर मिला कि अगले दो वर्षों में मुंबई में सभी जगहों पर सार्वजनिक शौचालय तैयार कर दिए जाएंगे. इतनी धीमी प्रगति देखकर मेरे आश्चर्य प्रकट करने पर उस महिला अधिकारी ने एक वर्ष के भीतर ही मुंबई के सभी सार्वजनिक शौचालय तैयार कर देने का वादा किया. यानी पूरे देश में जो काम काफी पहले ही पूरा हो चुका है, वह लक्ष्य पाने में मुंबई को अभी भी काफी समय लगेगा. लोग समझ रहे हैं कि मुंबई के इतना पीछे रहने में केवल उद्धव ठाकरेजी की अकर्मण्यता और कार्य अकुशलता जिम्मेदार है. अभी भी मुंबई में बाबा आदम के जमाने की सिटी बसें चलती हैं. केंद्र सरकार की योजना जेएनएनआरयूएम के तहत नई बसें भेजी गईं लेकिन उनके पुर्जे निकाल पुरानी बसों में लगा दिए. नई बसें कबाड़ बन गईं.

- कल्याण को स्मार्ट सिटी के तौर पर चिन्हित किया गया है. क्या वहां भी यही हालत थी?

जी मैंने एक एक योजना की समीक्षा की. केंद्र की स्मार्ट सिटी योजना के तहत जो भी कार्य निर्धारित किए गए हैं उनमें से एक भी पूरा नहीं हो पाया है. कई तो शुरू ही नहीं किए गए. सड़कों में बड़े-बड़े गड्ढे हैं. अब एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में चल रही गठबंधन सरकार कल्याण को सही मायने में स्मार्ट सिटी बनाएगी.

- आपका मुंबई दौरा क्या मिशन-144 का हिस्सा था? क्या है यह मिशन?

दरअसल पार्टी ने उन 144 सीटों पर फोकस करने का फैसला लिया है जो पिछले चुनाव में हम या हमारे सहयोगी नहीं जीत पाए थे. इस बार इनमें से हमें अधिकतम सीटें जीतनी हैं. इनमें कल्याण और मुंबई की सीटें भी हैं.

- आपका गठबंधन इनमें से कितनी सीटें जीतेगा?

हमारा लक्ष्य इन 144 सीटों में से पचास प्रतिशत से अधिक सीटें जीतने का है. महाराष्ट्र की 48 लोकसभा सीटों में से हमें 45 सीटें जीतने का विश्वास है. हमारा काम और उसमें लोगों का विश्वास ही हमारी जीत का आधार बनेगा. डिलीवरी (काम करके देना) और क्रेडिबिलिटी यानी विश्वसनीयता ही हमारी खूबी है. पहले से भी कहीं ज्यादा लोगों को आज मोदीजी की क्षमता और विश्वसनीयता में भरोसा है.

- महाराष्ट्र में भाजपा और शिंदे गुट ने मिलकर सरकार बनाई है. ऐसे में कई सीटें ऐसी हैं जो आपके सहयोगी दल के पास हैं. क्या आप अपने सहयोगी के खिलाफ ही प्रचार करेंगे?

हम एक दूसरे के खिलाफ नहीं बल्कि एक दूसरे के साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे. भाजपा कार्यकर्ता जमीनी स्तर पर जितना ज्यादा सक्रिय होगा, हमारा गठबंधन उतना ही ज्यादा मजबूत होगा.

- असली शिवसेना किसकी है यह मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में अटका है. क्या इस फैसले का आपकी गठबंधन सरकार पर कोई असर पड़ेगा?

बिल्कुल नहीं. सभी जानते हैं कि असली शिवसेना कौन सी है. जो लोग सरकार में होने पर जनता को अपने घर में घुसने भी नहीं देते थे उनके प्रति जनता का रुख अभी ही दिख रहा है. वैसे भी आज शिवसेना के अधिकतर सांसद और विधायक ही नहीं बल्कि ज्यादातर जिलों की पार्टी इकाइयां भी एकनाथ शिंदे जी के पास ही हैं.

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