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आंध्र हाईकोर्ट ने 3 आईएएस अधिकारियों को अवमानना ​​के मामले में सुनाई एक महीने की जेल की सजा, जुर्माना भी लगाया

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: May 7, 2022 19:14 IST

आंध्रा हाईकोर्ट के जस्टिस देवानंद ने अदालत के आदेशों का उल्लंघन के मामले में विशेष मुख्य सचिव (कृषि) पूनम मलकोंडैया, तत्कालीन विशेष कृषि आयुक्त एच अरुण कुमार और कुरनूल के तत्कालीन जिला कलेक्टर जी वीरपांडियन को एक महीने जेल की सजा सुनाई है।

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ठळक मुद्देआंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने अवमानना के मामले में तीन आईएएस अधिकारियों को एक महीने जेल की सजा सुनाई हैसजा पाने वालों में पूनम मलकोंडैया, एच अरुण कुमार और जी वीरपांडियन शामिल हैंकोर्ट ने कहा कि जारी आदेश का अनुपालन न कराने के कारण सभी अधिकारी सजा के पात्र हैं

अमरावती: आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने शुक्रवार को अवमानना के एक मामले में सूबे के एक विशेष मुख्य सचिव सहित तीन आईएएस अधिकारियों को एक महीने की जेल की सजा सुनाई है। इस सजा के साथ कोर्ट ने सभी अधिकारियों पर 2,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है।

हाईकोर्ट के जस्टिस देवानंद ने अदालत के आदेशों का उल्लंघन के मामले में विशेष मुख्य सचिव (कृषि) पूनम मलकोंडैया, तत्कालीन विशेष कृषि आयुक्त एच अरुण कुमार और कुरनूल के तत्कालीन जिला कलेक्टर जी वीरपांडियन के खिलाफ यह आदेश दिया है।

कोर्ट ने यह आदेश उस मामले में दिया है, जिसमें कोर्ट ने अक्टूबर 2019 में सरकारी अधिकारियों को ग्राम कृषि सहायक (ग्रेड -2) के पद के लिए एक याचिकाकर्ता की उम्मीदवारी पर विचार करने और दो सप्ताह के भीतर उस संबंध में उचित आदेश पारित करने का आदेश संबंधित अधिकारियों को दिया था।

लेकिन कोर्ट के आदेश के बाद भी जब शासन की ओर से कोई आदेश जारी नहीं हुआ तो याचिकाकर्ता ने इसे कोर्ट की अवमानना बताते हुए हाईकोर्ट में फिर से अपील दायर की, जिसके बाद कोर्ट ने आज सख्त आदेश पारित करते हुए तीनों अधिकारियों को जेल और जुर्माने की सजा सुनाई।

जानकारी के मुताबिक नवंबर 2020 में जैसे ही याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में अवमानना की ​​याचिका दायर की, सरकारी अधिकारियों ने दिसंबर 2020 में याचिकाकर्ता को "ग्राम कृषि सहायक (ग्रेड -2) के पद के लिए अयोग्य घोषित किया। 

अवमानना ​​मामले में सुनवाई करते हुए जस्टिस देवानंद ने कहा, "प्राशानिक अधिकारियों ने 22 अक्टूबर 2019 को कोर्ट के जारी आदेश का अनुपालन न करके गंभीर अवमानना की है और इसलिए वो सजा के पात्र हैं।"

इसके साथ उन्होंने कहा कि प्राशानिक अधिकारी स्वच्छ मनोभाव से अदालत के आदेश को लागू करने में पूरी तरह से विफल रहे। जज देवानंद ने अपनी टिप्पणी में कहा, "यह सरकारी महकमें में वरिष्ठ पदों पर बैठे लोगों की जिम्मेदारी बनती है कि वो अदालत के आदेशों का अनुपालन शीघ्रता से और ईमानदारी से निर्धारित समय के भीतर करें।"

हालांकि जस्टिस देवानंद ने तत्कालीन विशेष कृषि आयुक्त एच अरुण कुमार और कुरनूल के तत्कालीन जिला कलेक्टर जी वीरपांडियन के अनुरोध पर सजा को छह सप्ताह के लिए निलंबित कर दिया और साथ ही आदेश दिया कि वो 13 मई को या उससे पहले हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार (न्यायिक) के समक्ष सरेंडर करें। (समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)

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