पंजाब के अमृतसर में हुए 19 अक्टूबर को हुए भीषण रेल हादसे में हुए 59 लोगों की मौत के बाद आज ट्रेन ड्राइवर ने बड़ा खुलासा किया है। इस हादसे की जिम्मेदारी पर लागातार सावालिया निशान उठ रहे थे। इस बीच ट्रेन ड्राइवर के खुलासे के बाद नई बात निकलकर सामने आई है। बता दें कि ड्राइवर ने अपना बयान लिखित तौर पर दिया है। एएनआई एजेंसी के मुताबिक ट्रेन ड्राइवर ने बताया कि उसने हॉर्न भी बजाए और इमरजेंसी ब्रेक भी लगाए। लेकिन वो भी नाकाम हो गया।
पत्र में अपना बयान देते हुए ट्रेन के ड्राइवर ने लिखा कि उसने भीड़ को पहले से ही देख लिया था। इसके लिए उसने हॉर्न बजाई ताकि भीड़ हट जाएगी। जब भीड़ नहीं हटी तो इमर्जेंसी ब्रेक लगाई। हालांकि ट्रेन रुकने ही वाली थी कि वहां मैजूद लोगों ने ट्रेन पर पत्थर बरसाने शुरू कर दिए। ट्रेन यात्रियों को चोट न लगें इसलिए मैंने ट्रेन नहीं रोकी। जैसे ही अमृतसर स्टेशन पर पहुंचा। मैंने वहां अधिकारियों को घटना के बारे में सूचित कर दिया था।
ट्रेन ड्राइवर ने पत्र में लिखा कि जब ट्रेन किमी संख्या 503/11 पर पहुंची। उसी वक्त सामने से 13006 डाउन ट्रेन ने क्रॉस किया। अचानक मैंने ट्रैक पर लोगों की भारी भीड़ देखी। मैंने हॉर्न बजाया और तुरंत ही इमरजेंसी ब्रेक लगा दिए। इमरजेंसी ब्रेक लगाने के बावजूद कई लोग ट्रेन के नीचे आकर कुचल गए।
बता दें कि पंजाब के अमृतसर में शुक्रवार शाम रावण दहन का नजारा देख रहे सैकड़ों लोग रेलगाड़ी की चपेट में आ गए थे। तमाम आलाधिकारियों ने मौके का मुआयना किया और शुरुआती जांच की जा चुकी है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक अमृतसर के नजदीक जोड़ा फाटक के पास लोग रेलवे ट्रैक पर खड़े होकर रावण दहन देख रहे थे। पटाखों की तेज आवाज के बीच अमृतसर से दिल्ली के लिए रवाना हुई हावड़ा और जालंधर से अमृतसर को आ रही डीएमयू रेलगाड़ियां आ गई। जब तक लोगों को कुछ समझ आता, चंद सेकंड में ही हर तरफ खून ही खून फैल गया।