महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे 30 दिसंबर को बहुप्रतीक्षित कैबिनेट विस्तार करने जा रहे हैं। कैबिनेट में एनसीपी प्रमुख शरद पवार के भतीजे अजित पवार भी शामिल होंगे। अजित पवार को उप मुख्यमंत्री का पद दिया जाएगा। हालांकि उन्हें गृह मंत्रालय का प्रभार नहीं मिलेगा।
28 नवंबर को उद्धव ठाकरे के साथ कुल एनसीपी-शिवसेना-कांग्रेस के दो-दो नेताओं ने मंत्री पद की शपथ ली थी। शिवसेना कोटे से एकनाथ शिंदे के पास अभी गृह मंत्रालय का प्रभार है। टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के अनुसार, भले ही शिंदे गृह मंत्री हैं लेकिन जल्द ही यह जिम्मेदारी एनसीपी के किसी नेता को दी जाएगी।
एनसीपी के वरिष्ठ नेता मानते हैं कि उद्धव ठाकरे के साथ ही शिवाजी पार्क में अजित शपथ ले सकते थे और महाविकास आघाड़ी सरकार में शामिल होते। हालांकि एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने निर्णय लिया कि बीजेपी नेता देवेंद्र फड़नवीस के साथ हाथ मिलाने की गलती का एहसास अजित को होना चाहिए।
अजित पवार ने 23 नवंबर को एक अप्रत्याशित फैसले में देवेंद्र फड़नवीस के साथ हाथ मिलाकर उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। हालांकि 80 घंटे के अंदर ही फड़नवीस सरकार गिर गई। एनसीपी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि अजित पवार को जल संसाधन विभाग सौंपा जाएगा जो वह पहले भी संभालते थे। अजित पवार ने एनसीपी नेतृत्व से कहा है कि वह जल संसाधन और गृह विभाग के इतर वित्त विभाग देखने को इच्छुक हैं।
एनसीपी ये नेता बनेंगे मंत्री
अजित पवार के अलावा एनसीपी कोटे से दिलीप पाटिल, अदिति तटकरे, राजेंद्र शिंगने, राजेश टोपे और माणिक कोकाटे को मंत्री बनाया जा सकता है।
सरकार में कांग्रेस को विधानसभा स्पीकर के पद के अलावा 13 मंत्रियों की हिस्सेदारी मिलेगी। सरकार में पहले ही से बालासाहेब थोराट और नितिन राउत शामिल हैं। सूत्रों के अनुसार, अशोक चव्हाण और अमित देशमुख के नामों को अंतिम रूप दे दिया गया है, जबकि शेष नामों को पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा मंजूरी का इंतजार है।
वहीं शिवसेना की ओर से प्रकाश अबितकर, गुलाब पाटिल, दादा भिसे, उदय सामंत, संजय राठौड़ और अब्दुल सत्तार को मंत्री बनाया जा सकता है।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव नतीजे 24 अक्टूबर को आए थे। बीजेपी को 105, शिवसेना को 56, एनसीपी को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिली थी। शिवसेना ने बीजेपी के साथ गठबंधन तोड़कर एनसीपी-कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाई।