नई दिल्ली: देश की राजधानी में वायु गुणवत्ता गुरुवार को भी 'खराब' श्रेणी में बनी रही। वायु गुणवत्ता और मौसम पूर्वानुमान और अनुसंधान प्रणाली के अनुसार दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) गुरुवार सुबह 276 दर्ज किया गया।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार बीते बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी में AQI 286 दर्ज किया गया था।
हालांकि, गुरुवार को दिल्ली के कुछ इलाकों में AQI 'बहुत खराब' श्रेणी में दर्ज किया गया। सीपीसीबी के आंकड़ों के मुताबिक गुरुवार सुबह 8 बजे आनंद विहार में AQI 348, आईटीओ में 313 और अशोक विहार इलाके में 323 रहा।
समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए एक शख्स ने कहा, "प्रदूषण का स्तर अब बहुत अधिक लग रहा है। सांस लेना मुश्किल हो जाता है। देखने में भी मुश्किल आ रही है और कभी-कभी सिर में दर्द भी होता है।"
इससे पहले दिल्ली में AQI मंगलवार को 'बहुत खराब' से सुधरकर बुधवार सुबह 'खराब' हो गया। सीपीसीबी के आंकड़ों के अनुसार बुधवार को आनंद विहार में एक्यूआई 291, आईजीआई हवाईअड्डा क्षेत्र में 279, आईटीओ में 252 और नरेला क्षेत्र में 283 रहा।
इस बीच भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने 11 दिसंबर तक राष्ट्रीय राजधानी में बारिश नहीं होने की भविष्यवाणी की है। पूरे शहर में सुबह के समय आसमान साफ रहेगा और हल्के से मध्यम कोहरा रहेगा।
दिल्ली में पिछले कुछ हफ्तों से हवा की गुणवत्ता 'गंभीर' से 'बहुत खराब' के बीच देखी जा रही है। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने पिछले हफ्ते कहा था कि राष्ट्रीय राजधानी में ग्रैप-3 को हटा लिया गया है लेकिन सरकार यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रही है कि ग्रैप-1 और 2 को सख्ती से लागू किया जाए।
उन्होंने कहा, "पिछले दो दिनों के दौरान मौसम में बदलाव के कारण प्रदूषण में गिरावट आई है। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने ग्रेप-3 के प्रतिबंध हटा दिए हैं। बीएस-3 पेट्रोल और बीएस-4 डीजल वाहनों पर और निर्माण कार्यों से प्रतिबंध हटा दिया गया है।"
मालूम हो कि जीआरएपी 3 तब लगाया जाता है, जब AQI 400 होता है, लेकिन यह कम AQI के बावजूद जारी रहता है क्योंकि दिवाली के बाद AQI में उतार-चढ़ाव दिखाई दे रहा था। यदि हवा की गति धीमी हो जाती है तो AQI फिर से बढ़ सकता है। इसलिए जीआरएपी-1 और जीआरएपी-2 को सख्ती से लागू किया जाना चाहिए।