एयर मार्शल राकेश कुमार सिंह भदौरिया ने बुधवार को वाइस चीफ ऑफ एयर स्टॉफ के पद को संभालते हुए पदभार ग्रहण की। 15 जून 1980 को आईएएफ की फाइटर स्ट्रीम में कमीशंड भदौरिया मौजूदा समय में बेंगलुरु में ट्रेनिंग कमांड के प्रमुख हैं। उन्हें 4,250 घंटे उड़ान का अनुभव है। उन्हें सॉर्ड ऑफ ऑनर से भी सम्मानित किया जा चुका है। राकेश कुमार सिंह भदौरिया ने बुधवार को उप वायु सेना प्रमुख का पदभार ग्रहण किया। उन्होंने एयर मार्शल अनिल खोसला का स्थान लिया है।
36 राफेल लड़ाकू विमान की खरीद की डील में भदौरिया भी थे टीम में
फ्रांस के साथ हाल में हुई 36 राफेल लड़ाकू विमान की खरीद की डील में आरकेएस भदौरिया भारतीय टीम का हिस्सा भी थे। राफेल डील को लेकर चल रहे विवाद पर फरवरी में भदौरिया ने भी बयान जारी किया था। उन्होंने कहा था कि ये डील सबसे बातचीत के बाद हुई थी।
इस डील को लेकर किसी में असमहति नहीं थी। उन्होंने यह बयान उन दावों के जवाब में दिया था, जिसमें कहा गया था कि डील के दौरान रक्षा मंत्रालय के कुछ अधिकारियों ने इस पर आपत्ति जताई थी।
26 अलग-अलग तरह के विमान उड़ाने का अनुभव
भदौरिया को 26 अलग-अलग तरह के विमान उड़ाने का अनुभव हैं। आपको बता दें कि अपने 36 साल लंबे करियर में भदौरिया कई मेडल से सम्मनित किए जा चुके हैं। इनमें अति विशिष्ठ सेवा मेडल (जनवरी 2013) और परम विशिष्ठ सेवा मेडल (2018) शामिल है।
भदौरिया राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के पूर्व छात्र हैं
एयर मार्शल भदौरिया राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के पूर्व छात्र हैं। एयर मार्शल भदौरिया ने बांग्लादेश के कमांड एंड स्टाफ कॉलेज से रक्षा अध्ययन में परास्नातक किया है। एयर मार्शल ने वायु सेना में कई अहम पदों पर सेवा दी है। एयर मार्शल भदौरिया रूस में भारतीय दूतावास में ‘एयर अताशे’ भी रहे हैं। वायु सेना का उप प्रमुख बनने से पहले वह प्रशिक्षण कमांड के एयर ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ’ थे। उप वायु सेना प्रमुख को उनके करियर के दौरान परम विशिष्ट सेवा मेडल, अति विशिष्ट सेवा मेडल और वायु विशिष्ट सेवा मेडल से नवाजा गया है। एयर मार्शल खोसला सोमवार को सेवानिवृत्त हुए हैं। उन्होंने चार दशक तक वायुसेना में सेवा दी है।