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अहमदाबाद विमान दुर्घटना: लंदन में रहने वाले बेटे ने पहले ही बुकिंग कराई, 1 नंबर सीट आवंटित किया, मैंने यात्रा 4 दिन के लिए टाली, जान बचने पर सावजीभाई टिंबाडिया बोले

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: June 13, 2025 13:07 IST

अहमदाबाद विमान दुर्घटना: विमान में दो पायलट और चालक दल के 10 सदस्य सहित 242 लोग सवार थे।

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ठळक मुद्देमुझे नहीं पता था कि यह फैसला मेरी जान बचा लेगा। जीवन में मेरे अच्छे कर्मों ने मुझे बचा लिया।मेडिकल कॉलेज परिसर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया।

अहमदाबादविमान दुर्घटनासावजीभाई टिंबाडिया भगवान का शुक्रिया अदा करते नहीं थक रहे, क्योंकि बृहस्पतिवार को अहमदाबाद से लंदन जाने वाली एअर इंडिया की उड़ान में न बैठने के उनके फैसले ने उनकी जान बचा ली। टिंबाडिया ने एक टेलीविजन चैनल से कहा, ‘‘मैं अपने जीवन के लिए स्वामीनारायण का ऋणी हूं और मुझे बचाने के लिए सभी देवी-देवताओं का धन्यवाद करता हूं।’’ टिंबाडिया ने कहा, ‘‘लंदन में रहने वाले मेरे बेटे ने पहले ही इस उड़ान की बुकिंग करा ली थी। मुझे भी एक सीट नंबर आवंटित किया गया था, लेकिन मैंने अपनी यात्रा चार दिन के लिए टाल दी।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे नहीं पता था कि यह फैसला मेरी जान बचा लेगा। दुर्घटना के बाद, मेरे बेटे ने मुझे लंदन से फोन किया और बताया कि इस जीवन में मेरे अच्छे कर्मों ने मुझे बचा लिया।’’ एअर इंडिया का लंदन जा रहा विमान बृहस्पतिवार दोपहर अहमदाबाद हवाई अड्डे से उड़ान भरने के कुछ ही मिनट बाद यहां एक मेडिकल कॉलेज परिसर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया।

एअर इंडिया का लंदन जा रहा विमान बृहस्पतिवार दोपहर अहमदाबाद हवाई अड्डे से उड़ान भरने के कुछ ही मिनट बाद यहां एक मेडिकल कॉलेज परिसर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस हादसे में कम से कम 265 लोग मारे गए। विमान में दो पायलट और चालक दल के 10 सदस्य सहित 242 लोग सवार थे। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता सीआर पाटिल के अनुसार, गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रुपाणी भी मृतकों में शामिल हैं। ऐसी भी खबरें हैं कि विश्वाश कुमार रमेश नामक एक यात्री, जो बोइंग 787 ड्रीमलाइनर (एआई171) की 11ए सीट पर बैठा था, चमत्कारिक रूप से बच गया।

सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास शहर के सिविल अस्पताल और बीजे मेडिकल कॉलेज परिसर में विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने की घटना देश के सबसे घातक हवाई हादसों में से एक है। पुलिस उपायुक्त कानन देसाई ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमें प्राप्त संदेश के अनुसार 265 शव शहर सिविल अस्पताल पहुंचाए जा चुके हैं।’’

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मरने वालों में चार एमबीबीएस छात्र और एक चिकित्सक की पत्नी शामिल है। बहुमंजिला छात्रावास भवन में दोपहर के भोजन के समय विमान के कुछ हिस्से के भोजन कक्ष से टकराने के कारण कई छात्र प्रभावित हुए। एअर इंडिया के मुताबिक, विमान में सवार 230 यात्रियों में से 169 भारतीय, 53 ब्रिटिश, एक कनाडाई और सात पुर्तगाली नागरिक थे।

विमान में सवार अन्य 12 लोगों में दो पायलट और चालक दल के 10 सदस्य थे। अहमदाबाद सिविल अस्पताल के ट्रॉमा वार्ड में कार्यरत डॉ. शरीक एम ने 'पीटीआई-भाषा' को बताया कि हादसे में जीवित बचे रमेश को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वह अपने भाई के साथ लंदन जा रहा था।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बृहस्पतिवार को कहा कि अहमदाबाद में दुर्घटनाग्रस्त हुए एअर इंडिया के विमान का तापमान ईंधन जलने के कारण इतना अधिक था कि किसी को बचा पाने की कोई गुंजाइश ही नहीं थी। शाह ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘विमान के अंदर 1.25 लाख लीटर ईंधन था। विमान गर्म हो गया था, इसलिए किसी को भी बचाने की गुंजाइश नहीं थी।’’

उन्होंने कहा कि इस त्रासदी के बाद पूरा देश गहरे सदमे में है। शाह ने दुर्घटना में मारे गए लोगों के परिजन के प्रति संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा, ‘‘अधिकारी मृतकों की संख्या डीएनए जांच और पीड़ितों की पहचान के बाद आधिकारिक तौर पर जारी करेंगे।’’ शाह ने कहा, ‘‘अच्छी खबर यह है कि दुर्घटना में एक व्यक्ति बच गया है और मैं उससे मिलने के बाद यहां आया हूं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘विमान दुर्घटना में मारे गए लोगों के शवों से डीएनए नमूने एकत्र करने की प्रक्रिया पूरी हो गई है। फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला और गुजरात में राष्ट्रीय फॉरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय पीड़ितों के डीएनए की जांच करेंगे।’’ अहमदाबाद में हवाई यातायात नियंत्रण (एटीसी) ने बताया कि विमान के पायलट ने अपराह्न 1.39 बजे उड़ान भरने के तुरंत बाद 'मेडे' (आपातकालीन संदेश देने के लिए) कॉल किया, जो पूर्ण आपात स्थिति का संकेत था। विमान के ‘ब्लैक बॉक्स’ (फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर) की भी तलाश जारी है, ताकि यह पता चल सके कि अंतिम पलों में क्या हुआ था।

बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान उड़ान भरने के तुरंत बाद एकदम तेजी से नीचे आया और दुर्घटनाग्रस्त हो गया। दुर्घटनास्थल पर काले धुएं का गुबार उठता देखा गया। यह विमान 11 साल पुराना था। लंबी यात्रा के लिए ईंधन टंकी पूरी तरह से भरी रहने का उल्लेख करते हुए विमानन विशेषज्ञों ने बताया कि विमान नीचे गिरने से पहले महज 600 से 800 फुट की ऊंचाई पर गया था। उन्होंने कहा कि उपलब्ध वीडियो फुटेज के अनुसार, दोनों इंजन का पूरी क्षमता से काम न करना या पक्षी का टकराना दुर्घटना के संभावित कारणों में से एक हो सकता है।

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