रक्षा मंत्री के रूप में कार्यभार संभालने वाले राजनाथ सिंह सोमवार को अपने पहले दौरे के लिए सियाचिन ग्लेशियर जाएंगे। यह उनकी पहली रक्षा बेस यात्रा होगी। इस यात्रा के दौरान सेना अध्यक्ष विपिन रावत भी उनके साथ रहेंगे। सियाचिन पहुंचकर राजनाथ सिंह अपने अफसरों के साथ पहले वॉर मेमोरियल पर शहीदों को श्रद्धांजलि देंगे। इसके बाद जवानों से मुलाकात करेंगे। सियाचिन में रक्षा मंत्री जवानों की जरूरतों की जानकारी लेंगे।
बता दें कि हिमालयन रेंज में सियाचिन ग्लेशियर दुनिया का सबसे ऊंचा युद्ध क्षेत्र है। सियाचिन ग्लेशियर से चीन और पाकिस्तान दोनों ही देशों पर नजर रखी जाती है।
शनिवार को राजनाथ सिंह ने रक्षा मंत्री के तौर पर पदभार संभालने के शीघ्र बाद ही थलसेना, नौसेना एवं वायुसेना प्रमुखों को देश के समक्ष मौजूद सुरक्षा चुनौतियों पर और अपने-अपने बलों के संपूर्ण कामकाज पर अलग - अलग विवरण तैयार करने के लिए कहा।
इसके साथ ही उन्होंने रक्षा मंत्रालय मुख्यालय में थलसेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत, वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल बी एस धनोआ और नव-नियुक्त नौसेना प्रमुख करमबीर सिंह के साथ बैठक की। इस दौरान उनके साथ कई मुद्दों पर चर्चा की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रथम कार्यकाल वाली सरकार में सिंह गृह मंत्री थे।