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वाराणसी के पिशाचमोचन कुंड में मर गई 50 क्विंटल मछलियां, पिंडदान के कारण उड़ गये प्राण पखेरू

By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: September 28, 2022 20:17 IST

वाराणसी के पिशाचमोचन कुंड में पितृपक्ष के दौरान लाखों लोगों द्वारा पूर्वजों की आत्मा की शांति और मुक्ति के लिए किये गये पिंडदान से सैकड़ों-हजारों मछलियों की मौत हो चुकी है।

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ठळक मुद्देबनारस के पिशाचमोचन कुंड में पिंडदान के कारण सैकड़ों-हजारों मछलियों की मौत हो गई हैपिशाचमोचन कुंड में जाल की सहायत से अब तक 50 क्विंटल मृत मछलियों को बाहर निकाला गया है क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि हर साल पितृपक्ष के बाद पिशाचमोचन कुंड में मछलियों की मौत होती है

वाराणसी:पितृपक्ष समाप्त होने के बाद बनारस के मशहूर पिशाचमोचन कुंड में सैकड़ों-हजारों मछलियों की मौत हो गई है और वो पानी की सतह पर तैर रही हैं। खबरों के मुताबिक पिशाचमोचन कुंड से अब तक 50 क्विंटल मृत मछलियों को जाल की सहायत से बाहर निकाला गया है बावजूद उसके अब भी बहुत सारी मृत मछलियां कुंड में पानी की सतह पर तैर रही हैं।

बताया जा रहा है कि पितृपक्ष में लाखों लोगों द्वारा पूर्वजों की आत्मा की शांति और मुक्ति के लिए किये गये पिंडदान और विसर्जन के कारण इन मछलियां की मौत हुई है। इतनी बड़ी संख्या में मछलियों के मरने से पूरे कुंड का पानी दूषित हो चुका है और मछलियों के सड़ने के कारण पैदा हो रही तीव्र दुर्गंध आ रही है। जिसके कारण आसपास के लोगों के जीवन दूभर हो गया है।

इस घटना के संबंध में क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि हर साल की तरह इस साल भी देशभर से लाखों लोग अपने पूर्वजों के तारण के लिए पिशाचमोचन कुंड पर आये थे। यहां पर पंडितों ने विधि-विधान से पूर्वजों का तर्पण और पिंडदान कराया। जिसके बाद जौ और तील के आंटे में मिली हुई गोलियों को पूजन के बाद कुंड में प्रवाहित करने का नियम है। इस कारण लगभग क्विंटल से ज्यादा आटे की गोलियां कुंड में समाहित की गई।

इन आटे की गोलियों के साथ सिंदूरस रोली, अक्षत भी होता है। जिन्हें मछलियां बड़े चाव से खाती हैं लेकिन भोजन की अधिकता के कारण उनके पेट में और आटे की गोलियों के कारण पूरे कुंड में गैस का निर्णाण होता है। पेट में ज्यादा भोजन होने के कारण मछलियां शिथिल हो जाती हैं और कुंड में बनी गैस के कारण ऑक्सिजन बाधित हो जाती है। इस कारण न केवल इस साल बल्कि हर साल इसी तरह से पितृपक्ष के बाद पिशाचमोचन कुंड में क्लिंटलों से ज्यादा मछलियां मारी जाती हैं।

बताया जा रहा है कि मछलियों के मारने की सूचना मिलने पर वाराणसी नगर निगम के अधिकारी मौके पर पहुंचे और जाल डलवाकर मरी हुई मछलियों को कुंड से बाहर निकलवाया।  इसके साथ ही नगर निगम कुंड को फिर से स्वच्छ बनाने के लिए दवा का छिड़काव भी करा रहा है। 

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