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लड़ाकू विमानों की उत्पादन क्षमता तीन गुना करेगा एचएएल, हर साल बनाए जाएंगे 24 तेजस फाइटर जेट

By शिवेन्द्र कुमार राय | Updated: November 27, 2023 16:49 IST

आने वाले समय में भारतीय वायुसेना में लगभग 300 तेजस लड़ाकू विमान शामिल किए जाएंगे। इस मांग को पूरा करने के लिए उत्पादन क्षमता में यह महत्वपूर्ण वृद्धि आवश्यक है।

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ठळक मुद्देएचएएल लड़ाकू विमानों का उत्पादन बढ़ाने जा रहा है मांग को पूरा करने के लिए उत्पादन क्षमता में यह महत्वपूर्ण वृद्धि आवश्यक हैहर साल बनाए जाएंगे 24 तेजस फाइटर जेट

नई दिल्ली: भारतीय वायुसेना की जरूरतों को देखते हुए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल)  लड़ाकू विमानों का उत्पादन बढ़ाने जा रहा है। साल 2027 से लड़ाकू विमानों की उत्पादन क्षमता में तीनगुना वृद्धि करते हुए एचएएल हर साल 24 तेजस लड़ाकू विमानों का निर्माण अपनी फैक्ट्रीयों में करेगा। आने वाले समय में भारतीय वायुसेना में लगभग 300 तेजस लड़ाकू विमान शामिल किए जाएंगे। इस मांग को पूरा करने के लिए उत्पादन क्षमता में यह महत्वपूर्ण वृद्धि आवश्यक है।

तेजस के अलावा  एचएएल 126 पांचवीं पीढ़ी के उन्नत मध्यम लड़ाकू विमान (एएमसीए) का निर्माण करने के लिए भी तैयार है क्योंकि भारतीय नौसेना को अतिरिक्त 100 जेट की आवश्यकता है।  तेजी से देश की रक्षा जरूरतों को पूरा करने के लिए एचएएल ने बेंगलुरु में तेजस के लिए दो उत्पादन लाइनें स्थापित की हैं, जिनकी संयुक्त क्षमता सालाना 16 विमान तक उत्पादन करने की है। इसके अतिरिक्त, 2024-25 से प्रति वर्ष 24 विमानों से अधिक उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए एचएएल की नासिक सुविधा में एक तीसरी उत्पादन लाइन स्थापित की जा रही है। एचएएल वर्तमान और भविष्य दोनों तेजस ऑर्डरों की डिलीवरी में तेजी लाने के लिए प्रतिबद्ध है। फिलहाल एचएएल ने अब तक प्रति वर्ष आठ तेजस बनाने की क्षमता प्रदर्शित की है।

बता दें कि भारतीय वायुसेना ने 83 तेजस मार्क 1-ए विमानों का ऑर्डर दिया है, जिनकी डिलीवरी अगले साल फरवरी में शुरू होने वाली है। वर्तमान में भारतीय वायुसेना के दो स्क्वाड्रन - 45 स्क्वाड्रन और 18 स्क्वाड्रन - तेजस जेट के साथ पूरी तरह से परिचालन में हैं। एचएएल की बढ़ी हुई उत्पादन क्षमताएं भारत की स्वदेशी रक्षा विनिर्माण क्षमताओं को मजबूत करने और भारतीय वायुसेना और नौसेना को उन्नत लड़ाकू विमानों की समय पर डिलीवरी सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।

सैन्य रणनीतिकारों का मानना है कि अब भारत के लिए सबसे बड़ी चुनौती चीन है। चीन का मुकाबला करने के लिए वायुसेना और नौसेना दोनों के पास पर्याप्त विमान हों यह समय की जरूरत है। यही कारण है कि हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड द्वारा बनाए जा रहे तेजस लड़ाकू विमानों को उन्नत हथियारों और इलेक्ट्रानिक्स से लैस किया जा रहा है।

टॅग्स :Hindustan Aeronautics Ltd.Tejas Fighter Jetराजनाथ सिंहइंडियन एयर फोर्सindian air force
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