मुंबई, 23 अगस्त: मुंबई के दादर इलाके में स्थित एक बहुमंजिला इमारत की 12वीं मंजिल पर 22 अगस्त को आग लगने की घटना में चार लोगों की मौत हो गयी है, जबकि 21 अन्य घायल हो गये। पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए देर रात को बिल्डर को गिरफ्तार कर लिया है।
मुंबई के इस दर्दनाक घटना के बीच 10 साल की एक बच्ची ने अपनी सूझबूझ से अपने परिवार तथा पड़ोसियों की जिंदगी बचा ली। बच्ची ने इस संकट के वक्त अपनी होशयारी से धैर्य दिखाते हुए पढ़ाई के दौरान फायर फाइटिंग व फायर सेफ्टी की घरेलू तकनीक का इस्तेमाल कर कई जानें बचा ली।
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक इस बच्ची का नाम जेन सदावर्ते है। जेन अपने परिवार और एक भाई के साथ मध्य मुंबई के परेल में बनी 17 मंजिला क्रिस्टल टावर इमारत की 16वीं मंजिल पर रहती है। डॉन बॉस्को स्कूल की छठी कक्षा की छात्रा जेन ने कक्षा तीन में एक स्कूल प्रोजेक्ट के दौरान ये सीखा था। सुरक्षा युक्तियों को याद किया और उनका इस्तेमाल किया जिससे उसका परिवार एवं पड़ोसी दमकल कर्मियों के आने तक सुरक्षित रह पाए।
आग लगने के बाद बच्ची ने सभी लोगों को नहीं घबराने की सलाह दी और मुंह पर गीला रुमाल रख एयर प्यूरिफायर के पास ले गई। जिससे सभी लोग आसानी से सांस लेते रहे। बच्ची ने बताया, 'मैं सो रही थी और चीख पुकार सुनकर उठ गई। पहले लगा कि शायद गीजर में ब्लास्ट हुआ है। लेकिन पड़ोसियों के चीखने की आवाजें भी आने लगी तो मुझे लगा कि कुछ बहुत बुरा हुआ है।'
जेन ने बताया कि आग इतनी भयंकर थी कि सांस लेना मुश्किल हो गया था। खिड़की खोलते ही काले रंग का बड़ा सा गुबार आने लगा था। इसके बाद जेन ने घर में मौजूद कॉटन के कपड़ों को रूमाल की शक्ल में फाड़ा और उन्हें गीला कर लोगों को थमा दिया। जिसके बाद गीले कपड़े की मदद से लोगों को वही कार्बन वाली भरी हवाएं छन कर साफ हवा मिली, सांस लेने के लिए। इसके बाद जब स्थिति सामन्य हुई तो जेन और उसकी फैमली वाले नीचे उतरे।