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कोरोना: ओमीक्रोन के बाद stealth Omicron ने बढ़ाई अब चिंता, आरटी-पीसीआर टेस्ट में भी पकड़ना मुश्किल

By विनीत कुमार | Published: January 24, 2022 8:05 AM

stealth Omicron: ओमीक्रोन के सब-स्ट्रेन BA.2 या 'स्टील्थ ओमीक्रोन' ने वैज्ञानिकों की चिंता बढ़ा दी है। इसके मामले भारत सहित दुनिया भर के 40 से अधिक देशों में सामने आ चुके हैं।

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ठळक मुद्देकोरोना के ओमीक्रोन वेरिएंट के सब-स्ट्रेन से दुनिया भर में चिंता, 40 से अधिक देशों में मिल चुके हैं केस।BA.2 या 'स्टील्थ ओमीक्रोन' में कई बार आरटी-पीसीआर टेस्ट को भी चकमा देने की भी क्षमता है।यूके और डेनमार्क के अलावा, स्वीडन, नॉर्वे और भारत में भी मिल चुके हैं stealth Omicron के केस।

नई दिल्ली: दुनिया भर में कोरोना के ओमीक्रोन वेरिएंट के खतरे के बीच इसके सब-स्ट्रेन के बारे में पता चला है। ओमीक्रोन के सब-स्ट्रेन के मामले 40 से अधिक देशों में मिल चुके हैं और सबसे चिंताजनक बात ये है कि इसमें आरटी-पीसीआर टेस्ट को भी चकमा देने की क्षमता है। इसके मायने हुए कि संभव है कि कई बार आरटी-पीसीआर टेस्ट में भी इससे संक्रमित होने की पुष्टि न हो।

stealth Omicron: ओमीक्रोन का सब-स्ट्रेन- BA.2

ओमीक्रोन के इस सब-स्ट्रेन को BA.2 या 'स्टील्थ ओमीक्रोन' (गुप्त या बच निकलने में कामयाब) नाम दिया गया है। इसकी पहचान ने पूरे यूरोप में कोरोना की और ज्यादा तेज लहर की आशंका बढ़ा दी है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, ओमीक्रोन वेरिएंट के तीन सब-स्ट्रेन अभी तक सामने आए हैं। ये हैं- BA.1, BA.2, और BA.3। दुनिया भर में मिल रहे ओमीक्रोन वेरिएंट में ज्यादातर BA.1 के मामले सामने आए हैं। वहीं, BA.2 सब-स्ट्रेन अब तेजी से फैल रहा है।  उदाहरण के तौर पर डेनमार्क ने 20 जनवरी को बताया कि BA.2 सब-स्ट्रेन देश के लगभग आधे सक्रिय मामलों के लिए जिम्मेदार है।

भारत में भी मिले stealth Omicron के केस

यूके के स्वास्थ्य अधिकारियों ने BA.2 को 'अभी जांच के तहत वेरिएंट' के तौर पर रखा है। यूके और डेनमार्क के अलावा, स्वीडन, नॉर्वे और भारत में BA.2 सब-स्ट्रेन के मामलों का पता चला है। भारत और फ्रांस के वैज्ञानिकों ने भी सब-स्ट्रेन के बारे में चेतावनी दी है कि बीए.1 सब-स्ट्रेन को पीछे छोड़ सकता है।

stealth Omicron: 28 अलग म्यूटेशन, आरटी-पीसीआर टेस्ट मुश्किल

शोधकर्ताओं के अनुसार भले ही BA.2 सब-स्ट्रेन में BA.1 की तरह एक समान 32 स्ट्रेन हैं पर इसमें 28 अलग तरह के म्यूटेशन भी हैं। शोधकर्ताओं का कहना है कि BA.1 में एक म्यूटेशन है - "S" या स्पाइक जीन में डिलीशन। पीसीआर टेस्ट यही नजर आता है जिससे ओमीक्रोन की पहचान आसान हो जाती है। वहीं, नए BA.2 में ये खास म्यूटेशन नहीं होता है जिससे इसका पता लगाना मुश्किल हो जाता है।

हालांकि BA.1 सब-स्ट्रेन कभी-कभी RT-PCR टेस्ट से बच सकते हैं पर विशेषज्ञों का कहना है कि ये टेस्ट अभी भी वायरस का पता लगाने का सबसे बेहतर तरीका हैं। 

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