कोरोना वैक्सीन को लेकर गर्भवती महिलाओं में अक्सर शंकाए रहती है. की उन्हें वैक्सीन लगनी चाहिए या नहीं या ये कितना सेफ है. इन सभी सवालों का स्वास्थ्य मंत्रालय ने जवाब दिए हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से जारी नई गाइडलाइंस में साफ कहा गया है कि प्रेग ...
शोधकर्ताओं ने पाया है कि दूसरी डोज के 6 महीने बाद जब तीसरी डोज बूस्टर के तौर पर दी गई तो कोरोना वायरस के वैरिएंट के खिलाफ इंसानी शरीर में ज्यादा बेहतर रिस्पॉन्स पाया गया। ...
कोविड के दौरान हाई डोज़ ऑफ़ steriods एवं लम्बें समय तक वेन्टिलेटर पर रहने के कारण, कुछ मरीजों में ब्लैक फंगस यानि mucormycosis विकसित होता है, जिसका इलाज सर्जरी और amphotericin के combination द्वारा किये जाने से excellent results प्राप्त किये जा सक ...
ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका वैक्सीन (Oxford-Astrazeneca Vaccine) के दो डोज के बीच टाइम गैप को लेकर बहस जारी है. अब ऑक्सफोर्ड की एक नई स्टडी में कहा गया है कि अगर इस वैक्सीन के दो डोज के बीच टाइम गैप 10 महीने का रखा जाए तो कोरोना के खिलाफ प्रतिरोधक क्षम ...
नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे (NFHS) की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 58.6% बच्चे, 53.2% लड़कियां और 50.4% गर्भवती महिलाएं खून की कमी यानी एनीमिया का शिकार हैं।एनीमिया एक ऐसी स्थिति है जिसमें किसी व्यक्ति के शरीर में रेड ब्लड सेल्स काउंट कम हो जाता है ...