मुंबई में बारिश और बाढ़ के बाद 'लेप्टोस्पायरोसिस' का कहर, 4 की मौत, जानिए लक्षण और बचाव
By उस्मान | Published: July 24, 2018 11:38 AM2018-07-24T11:38:22+5:302018-07-24T11:38:22+5:30
बीमारी का खतरा देख कीट नियंत्रण विभाग ने चूहों के बिलों में कीटनाशक दवा का छिड़काव करना शुरू कर दिया है और साथ ही लोगों को चूहों और बाढ़ के गंदे पानी से बचने की सलाह दी है।
देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में पिछले एक महीने से रुक-रुक कर बारिश हो रही है। शहर में बाढ़ जैसी स्थति बन गई है। कई स्थानों पर नालों और सड़कों पर पानी भरा हुआ है। इससे लोगों का सामान्य जीवन तो प्रभावित हुआ ही है, साथ ही कई गंभीर बीमारियों का खतरा भी बना हुआ है। इन दिनों एक खतरनाक बीमारी लेप्टोस्पायरोसिस ने तेजी से लोगों को अपनी चपेट में लेना शुरू कर दिया है। एक रिपोर्ट की मानें तो चूहों और जानवरों में पाए जाने वाले एक बैक्टीरिया का कारण होने वाली इस बीमारी ने अब तक चार लोगों को मौत के घाट उतार दिया है और कई लोगों की हालत गंभीर बनी हुई है। बीमारी का खतरा देख कीट नियंत्रण विभाग ने चूहों के बिलों में कीटनाशक दवा का छिड़काव करना शुरू कर दिया है और साथ ही लोगों को चूहों और बाढ़ के गंदे पानी से बचने की सलाह दी है। इस बीमारी को लेकर हमने दिल्ली के मशहूर जरनल फिजिशियन डॉक्टर अजय लेखी से बात की है। चलिए जानते हैं यह क्या बीमारी है और इससे कैसे बचा जा सकता है।
लेप्टोस्पायरोसिस क्या है?
यह एक बैक्टीरियल इन्फेक्शन है जो जो जानवरों से होता है। यह कुत्ते, चूहे और खेत के जानवरों के पेशाब से फैलता है। इस खतरनाक रोग के कोई विशेष लक्षण नहीं होते हैं। कई मामलों में यह बीमारी घातक है लेकिन स्थति ज्यादा खराब होने पर आपको जान का खतरा हो सकता है। इसके लक्षणों में सीने में दर्द और हाथ पैरों में सूजन होना शामिल है।
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कैसे फैलती है यह बीमारी
लेप्टोस्पायरोसिस लेप्टोस्पिरा इंटरऑर्गन नामक बैक्टीरिया से होती है। यह बैक्टीरिया कई जानवरों के उनकी किडनियों में होता है। यह मिटटी और उनके पेशाब के जरिए बाहर निकलता है। यह आपके मुंह, नाक और जननांगों के जरिए दूसरे लोगों में प्रवेश कर सकता है। इतना ही नहीं यह सेक्स और ब्रेस्फीडिंग के जरिए भी फ़ैल सकता है।
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लेप्टोस्पायरोसिस के लक्षण
आम तौर पर दो हफ्ते के भीतर लेप्टोस्पायरोसिस के लक्षण दिखाना शुरू होते सकते हैं, हालांकि कुछ मामलों में, लक्षण एक महीने में भी दिखाई नहीं देते हैं। जब यह बीमारी होती है, तो इसका असर तेजी से होता है। उस दौरान आपको 104 डिग्री सेल्सियस तक बुखार आ सकता है। इसके अन्य विशिष्ट लक्षणों में शामिल हैं-
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- सरदर्द
- मांसपेशियों में दर्द
- पीलिया (त्वचा और आंखों का पीला)
- उल्टी
- दस्त
- त्वचा पर लाल दाने होना
लेप्टोस्पायरोसिस से बचाव
1) दूषित पानी से बचें
बारिश के गंदे पानी की वजह से इस बीमारी के फैलने का सबसे अधिक खतरा होता है। इससे बचने के लिए आपको गंदे पानी में जाने से बचना चाहिए।
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2) जानवर और चूहों से बचें
अगर आपके घर और आसपास चूहें, तो आपको उन्हें भगाने की कोशिश करनी चाहिए। घर को साफ रखें और कोई भी खाने की चीज को खुला ना छोड़ें।
3) गंदे टॉयलेट्स से बचें
अगर आप सफर कर रहे हैं, तो ध्यान रहे कि गंदे टॉयलेट्स का इस्तेमाल ना करें। कोई भी समस्या होने पर तुरंत डॉक्टर से सम्पर्क करें।
(फोटो- पिक्साबे)