कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में तबाही मचा रखी है। चीन से निकले इस खतरानक वायरस ने दुनियाभर में 571,571 लोगों को मौत के घाट उतार दिया है। कोविड-19 से अब तक 13,035,942 लोग संक्रमित हो चुके हैं और यह आंकड़ा तेजी से बढ़ता जा रहा है।
इस महामारी से अमेरिका सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। अमेरिका में कोरोना संक्रमितों की संख्या 3,413,995 हो गई है और मरने वालों का आंकड़ा 137,782 पर पहुंच गया है। इसके बाद 1,866,176 मामलों के साथ ब्राजील दूसरे स्थान पर है और मरने वालों की संख्या 72,151 हो गई है।
भारत कोरोना संक्रमितों के मामले दुनिया में तीसरे स्थान पर है। यहां कोरोना के मरीजों की संख्या 879,466 हो गई और यह आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है। इस वायरस से अब तक 23,187 लोगों की मौत हो गई है। हालांकि 554,429 लोग सही भी हुए हैं।
गूगल पर सर्च हो रहा है 'घर पर कोरोना की दवाई कैसे बनाएं'
कोरोना वायरस का कई स्थायी इलाज नहीं है हालांकि कई दवाओं पर ट्रायल जारी है। कोई वैक्सीन उपलब्ध नहीं होने से लोग अब घर पर कोविड-19 वैक्सीन बनाना चाह रहे हैं। इसे लेकर वो गूगल पर घर पर कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने का तरीका खोज रहे हैं। पिछले कुछ दिनों से 'घर पर कोरोना की वैक्सीन कैसे बनाएं' (how to make COVID-19 vaccine at home) के सर्च तेजी से बढ़े हैं।
सोशल मीडिया पर कोरोना के इलाज के कई दावे किये जा रहे हैं। कोरोना की दवा तैयार हो गई, घरेलू उपाय और टीबी की दवाओं से कोरोना का इलाज हो सकता है जैसी कई अफवाह सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही हैं।
कुछ मामलों में इन उपायों को कोरोना वायरस वैक्सीन के रूप में देखा जा रहा है, जिससे लोगों को यह विश्वास हो जाता है कि कोविड-19 का इलाज मिल गया है। सबसे ताजा मामला रामदेव की पतंजलि का है, जिसने दावा किया था कि उनकी दवा कोरोनिल और स्वसारी कोरोना वायरस के मरीज को एक हफ्ते में ठीक कर सकती है।
कोरोना वायरस की वैक्सीन नहीं होने के कारण लोगों के बीच मौजूदा घबराहट के कारण कोरोना वायरस के खिलाफ घरेलू उपचार सोशल मीडिया और व्हाट्सएप पर वायरल हो रहे हैं।
अदरक, लौंग, काली मिर्च, कैरवे (अजवाईन) जैसे मसालों से युक्त आयुर्वेदिक व्यंजन लोकप्रिय हो गए हैं। आपको बता दें कि ये घरेलू उपचार संक्रमण के खिलाफ प्रभावी नहीं हो सकते हैं। यह सिर्फ प्रतिरक्षा को बढ़ा सकते हैं।
कब आएगी कोरोना वायरस की वैक्सीन
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, वर्तमान में कोरोना के कम से कम 21 टीकों पर काम चल रहा है। हाल ही में रूस के शोधकर्ताओं द्वारा कोरोना की दवा का पहला मानव परीक्षण सफल करने का दावा किया गया है।
बताया जा रहा है कि इसके साथ रूस कोविड-19 वैक्सीन के ह्यूमन ट्रायल को पूरा करने वाला दुनिया का पहला राष्ट्र बन गया है और परिणाम दवा की प्रभावशीलता साबित करते हैं। इस टीके को गामेली इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी ने बनाया है।
इस बीच एक फ्रांसीसी विशेषज्ञ ने दावा किया है कि साल 2021 तक कोरोना वायरस के 100 फीसदी इलाज की दवा आने के चांस हैं। तब तक उन्होंने लोगों से सामाजिक दूरी के उपायों को और अधिक गंभीरता से लेने का आग्रह किया है।
महामारी विज्ञानी अरनौद फोंटानेट ने कहा, 'एक वैक्सीन को बनने में कई साल लग जाते हैं। निश्चित रूप से एक टीका बनाने बड़े लेवल पर प्रयास जारी हैं लेकिन मुझे लगता है कि साल 2021 तक हमें कोरोना का प्रभावी टीका मिल जाएगा।