Watermelon Side Effects: गर्मियां आते ही बाजारों में तरबूज मिलना शुरू हो जाता है और लोग भी इसे खूब पसंद से खाते है। लेकिन क्या आप जानते है आपके द्वारा बाजार से खरीदा गया तरबूज कितना सही है। कहीं उस तरबूज में जानलेवा केमिकल तो नहीं न मिला हुआ है। बाजार से खरीदे गए तरबूज की सही पहचना के लिए भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण ने एक वीडियो जारी कर इसकी सही पहचान करने का तरीका बताया है।
ऐसे में आइए जानते है कि इस सीजन में केमिकल वाले तरबूज खाने से हमें क्या-क्या नुकसान होता है। यही नहीं हम यह भी जानने की कोशिश करेंगे किसी भी तरबूज में कोई भी केमिकल मिलाया हुआ है कि नहीं, हम इसकी पहचान कैसे करेंगे। आइए इसके नुकसान और इसकी सही पहचना करने का तरीका जान लें।
तरबूज में क्या मिलाए जाते है
बता दें कि तरबूज के कारोबार करने वाले बिजनेसमैन हर वह कोशिश करते है जिससे तरबूज एक दम लाल ही लाल दिखे और इससे उनकी अच्छी बिक्री और कमाई हो। ऐसे में इसके लिए कारोबारी किसान एक खतरनाक व जहरीले डाई का इस्तेमाल करते हैं जिसे एरिथ्रोसिन के नाम से जाना जाता है। इस डाई के लगाने से तरबूज का रंग बदल जाता है और वह पहले से ज्यादा लाल दिखने लगता है।
यही नहीं इन कारोबारियों द्वारा तरबूज जैसे अन्य फल को जल्दी पकने के लिए कार्बाइड जैसे केमिकल का भी इस्तेमाल किया जाता है। इससे कच्चे फल जल्दी पक जाते है जिसे कारोबारी बेच फटाफट पैसे कमा लेते है। आमतौर पर आम, केले, खजूर समेत अन्य फलों पर इस केमिकल को उपयोग किया जाता है।
ऐसे करें केमिकल वाले तरबूज की पहचान
केमिकल वाले तरबूज की पहचान करना सबसे आसान है। इसके लिए बहुत पहले भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण ने एक वीडियो भी जारी किया था और बताया था कि कैसे केवल थोड़े से कॉटन बॉल की मदद से आप बहुत ही आसानी से यह पता लगा सकते है कि आप जो तरबूज लेने जा रहे है उसमें कोई केमिकल मिला हुआ है कि नहीं है। वीडियो में यह बताया गया है कि इसकी पहचान के लिए एक पूरे तरबूज के दो टुकड़े कर लें और फिर थोड़े से कॉटन बॉल को लेकर तरबूज पर रगड़ें।
जब आप कॉटन बॉल को जहां-जहां लाल दिख रहा है वहां रगड़ेंगे तो इससे आपका कॉटन बॉल रंग बदलने लगेगा और वह भी सफेद से लाल हो जाएगा। ऐसे में अगर कॉटन बॉल रंग बदलकर लाल हो जाता है तो इसका मतलब यह हुआ है कि इस तरबूज में केमिकल मिलाए गए है। वहीं अगर कॉटन बॉल अगर अपना रंग नहीं बदलता है और वैसे ही सफेद रह जाता है तो इससे यह पता चलता है कि आपके तरबूज में कोई भी केमिकल मिलाई नहीं गई है।
केमिकल वाले फल खाने के नुकसान
बता दें कि केमिकल वाले फल सेहत के लिए सही नहीं होते है और इससे हमें तरह-तरह की बीमारियां भी होती है। ऐसे में अगर आप केमिकल वाले तरबूज खाते है तो इससे आपका नर्वस सिस्टम भी प्रभावित हो सकता है। यही नहीं अगर आप केमिकल या कार्बाइड से पके हुए फल भी खाते है तो इससे आप में सिरदर्द, स्किन पर रेसेज, खुजली, बेहोशी, दौरे जैसी स्थिति भी बन सकती है।
(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Lokmat Hindi News इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन पर अमल करने से पहले या इसके बारे में अधिक जानकारी लेने के लिए डॉक्टरों से जरूर संपर्क करें।)