कोलकाता: एटीके मोहन बागान के बोर्ड ने फुटबॉल क्लब की 131 वर्षीय विरासत का पर्याय बनी हरे और लाल रंग की जर्सी को बरकरार रखने का फैसला किया है। शुक्रवार को बोर्ड की बैठक में क्लब का नाम बदलकर एटीके मोहन बागान कर दिया गया, जबकि लोगो (प्रतीक चिह्न) में मोहन बागान की पहचान ‘नाव’ बरकरार है और उसके पास ‘एटीके’ शब्द लिख दिया गया है। एटीके ने सौ वर्षों से ज्यादा पुराने क्लब की 80 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल की है।
आई-लीग टीम मोहन बागान और आईएसएल टीम एटीके के गठजोड़ से बने इस नये क्लब की ओर से जारी बयान में कहा गया, ‘‘उस संस्कृति और परंपरा को बरकरार रखा गया है जिसने ब्रैंड को एक घरेलू नाम बनाया है। लोगो में भी इस पहचान को बरकरार रखा गया है।’’
क्लब ने बंगाल में एक विश्व स्तरीय फुटबॉल अकादमी बनाने और मोहन बागान की मौजूदा सुविधाओं को फिर से शुरू करने की योजना की घोषणा की ताकि आईएसएल और एएफसी टूर्नामेंट के घरेलू मुकाबले यहां खेले जा सकें। मोहन बागान में 80 प्रतिशत की हिस्सेदारी रखने वाले टीम के प्रमुख मालिक संजीव गोयनका ने कहा, ‘‘मोहन बागान बचपन से ही मेरे दिल के करीब रहा है। मुझे हरे और लाल रंग की जर्सी में उनके बेहतरीन फुटबॉल के खेल का लुत्फ उठाने का सम्मान मिला है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमने विरासत का सम्मान करते हुए उसी जर्सी को बरकरार रखा है, जिसे पीढ़ी दर पीढ़ी पसंद किया गया।’’ गोयनका ने कहा, ‘‘मेरा सपना एटीके मोहन बागान को विश्व स्तर की टीम के रूप में स्थापित करना है जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी जगह बनाये।’’
सौरव गांगुली, नीता अंबानी ने की एटीके और मोहन बागान के साथ आने की तारीफ
भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष और एटीके के सह-मालिक एवं बोर्ड निदेशक सौरव गांगुली ने भी 30 मिनट से कम समय तक चली इस ऑनलाइन बैठक में भाग लिया। क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान ने कहा, ‘‘मैं एटीके और मोहन बागान के एक साथ आने को सैल्यूट करता हूं। ब्रैंड नाम एटीके मोहन बागान इतिहास बनाएगा।’
’ फुटबॉल स्पोर्ट्स डेवलपमेंट लिमिटेड (एफएसडीएल) की संस्थापक और अध्यक्ष नीता अंबानी ने आईएसएल में मोहन बागान का स्वागत करते हुए कहा कि नई इकाई पश्चिम बंगाल या भारतीय फुटबॉल के लिए ही नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफी संभावनाएं रखती है।
आईएसएल से जारी विज्ञप्ति में नीता ने कहा, ‘‘दो बड़ी टीमों का एकजुट होना भारतीय खेलों के इतिहास में एक महत्वपूर्ण अध्याय है। नई इकाई, ‘एटीके मोहन बागान एफसी’ पश्चिम बंगाल या भारतीय फुटबॉल ही नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी बहुत संभावनाएं रखती है। हम एएफसी प्रतियोगिताओं में मजबूत खिलाड़ियों के साथ भारतीय क्लबों को स्थापित करने का प्रयास कर रहे हैं।’’
एटीके ने इस साल जनवरी में विलय की घोषणा की थी और मार्च में फाइनल में चेन्नइयिन एफसी को 3-1 से हराकर रिकॉर्ड तीसरा आईएसएल खिताब जीता था। वहीं, दूसरी तरफ कोविड-19 महामारी के कारण आई-लीग सत्र को जल्दी खत्म करते समय मोहन बागान को तालिका में शीर्ष पर रहने के कारण चैम्पियन घोषित किया गया। मोहन बागान के निर्देशक श्रींजय बोस और देबाशीष दत्ता ने कहा कि वे इस बात से खुश हैं कि बोर्ड जर्सी के हरे और लाल रंग को बरकरार रखने का फैसला करने के साथ लोगो में नाव रखने पर सहमत हो गये।