लाइव न्यूज़ :

163 साल पुरानी है जौनपुर की इमरतियां, पूर्व सांसद डिम्पल यादव भी हैं इसके स्वाद की दीवानी

By मेघना वर्मा | Updated: June 27, 2018 09:21 IST

इस इमरती को बनाने के लिए उड़द की दाल, चीनी और देशा घी का उपयोग किया जाता है। आज भी इस इमरती को बनाने के लिए स्पेशली बलिया इलाके से चीनी को मंगवाई जाती है।

Open in App

सुबह की शुरूआत कुछ मीठे से हो जाए तो क्या कहने और उस मीठे में अगर इमरती मिल जाए तो दिन बन गया समझिए। अगर आप भी मीठे के शौकीन है तो अपको एक बार जौनपुर की इमरतियां जरूर खानी चाहिए। वैसे तो इमरतियां किसी भी जगह की अच्छी लगती हैं लेकिन जौनपुर की इमरतियों की बात ही निराली है। पूरे विश्व में अपने स्वाद के लिए पहचानी जाने वाली यह इमरती विदेशी पर्यटकों और हमारे नेता-अभिनेताओं को भी काफी पसंद आते हैं। जितना स्वाद इन इमरतियों में है उतना ही खास इसका इतिहास भी है। आइए आज हम आपको बताते हैं क्या है इन इमरतियों के स्वाद का राज और कितना पुराना और रोचक है इसका इतिहास। 

1855 से बन रही हैं यह इमरतियां

भारत के उत्तर प्रदेश में बसा ऐतिहासिक शहर जौनपुर अपने अलग-अलग और अनोखो इतिहास के लिए जाना जाता है। जौनपुर को शिराज-ए-हिंद भी कहा जाता है। मध्यकाल में शर्की शासकों की राजधानी रहा जौनपुर गोमती नदी के दोनों तरफ फैला हुआ है। यहां के चमेली के तेल आज भी पूरी दुनिया भर में जाने जाते हैं। इसके साथ ही जो चीज इस शहर को और फेमस बनाती है वह है यहां की इमरतियां।  शहर के ओलन्दगंज के नक्खास मुहल्ले में बेनीराम कि दुकान वाली इमरती कि बात ही कुछ और है। बेनीराम देवी प्रसाद ने सन् 1855 से अपनी दुकान पर देशी घी की इमरतियां बनाना शुरू किया था। जिसे आज 163 साल बाद भी लोग दूर-दराज से खाने आते हैं। 

ये भी पढ़ें- बिना छिले खाएंगे ये 5 फल तो होंगे अचूक फायदे, मोटापे के साथ सन बर्न से पहुंचाएंगे राहत

विदेश भी भेजा जाती है मिठाइयां

गुलामी के उस दौर में भी बेनीप्रसाद की यह मिठाइयां सबसे अच्छी मानी जाती हैं। उसके बाद बेनी राम देवी प्रसाद के  उनके लड़के बैजनाथ प्रसाद, सीताराम व पुरषोत्तम दास ने  जौनपुर की प्रसिद्ध इमरती की महक तक बनाए रखी। अब जौनपुर की प्रसिद्ध इमरती को बेनीराम देवी प्रसाद की चौथी पीढ़ी के वंशजों ने पूरी तरह से संभाल लिया है और इसे विदेश भी भेजा जाने लगा है।   

नहीं होती 10 दिनों तक खराब

इस इमरती को बनाने के लिए उड़द की दाल, चीनी और देशा घी का उपयोग किया जाता है। आज भी इस इमरती को बनाने के लिए स्पेशली बलिया इलाके से चीनी को मंगवाई जाती है। इसके बाद लकड़ी की आंच पर इसे बनाया जाता है। देशी चीनी और देशी घी में बनने के कारण इमरती गरम होने और ठंडी रहने पर भी मुलायम रहती है। बिना फ्रिज के इस इमरती को कम से कम दस दिन तक सही हालत में रखा जा सकता है।

ये भी पढ़ें -कहीं भूख की वजह से तो नहीं आता आपको गुस्सा, ऐसे करें अपनी भूख को कंट्रोल

डिम्पल यादव भी है इन इमरतियों की दीवानी

जौनपुर की इन इमरतियों को उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम अखिलेश यादव की पत्नि और समाजवादी पार्टी की पूर्व सांसद डिम्पल यादव भी काफी पसंद करती है। सिर्फ इतना ही नहीं अपने लिए वह इन इमरतियों को खासा जौनपुर से मंगवाती भी हैं।

तो बस अगली बार आप भी जाइए जौनपुर तो इन इमरतियों का स्वाद चखना बिल्कुल मत भूलिएगा। 

टॅग्स :हेल्थी फूडउत्तर प्रदेश
Open in App

संबंधित खबरें

भारतजन संस्कृतिक मंचः 50 वर्ष पूरे होने पर स्वर्ण जयंती, 15 सदस्यीय आयोजन समिति का गठन 

क्राइम अलर्टनाबालिग लड़की और मां को प्रलोभन देकर साहिब से शादी का दबाव, दूल्हा और उसकी मां अरेस्ट

क्राइम अलर्टBareilly poster row: मुख्य आरोपी मौलवी तौकीर रजा और 37 अन्य के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल, 26 सितंबर को ‘आई लव मुहम्मद’ पोस्टर विवाद को लेकर भड़की थी

भारतमेरे सम्मानित प्रदेश वासियों?, सीएम योगी लिखी चिट्ठी, क्या है इसमें खास?, पढ़िए

भारत32000 छात्र ले रहे थे शिक्षा, कामिल और फाजिल की डिग्रियां ‘असंवैधानिक’?, सुप्रीम कोर्ट आदेश के बाद नए विकल्प तलाश रहे छात्र

खाऊ गली अधिक खबरें

खाऊ गलीChaitra Navratri 2023: नवरात्रि में नौ दिनों तक व्रत रखने के साथ ऐसे रहे हेल्दी, पूरे दिन ऊर्जावान रहने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके

खाऊ गलीबनारस में आ गई विश्व प्रसिद्ध 'मलइयो' की बहार, एक बार चख लेंगे तो भूल नहीं पाएंगे इसका स्वाद

खाऊ गलीनवरात्र: कई खूबियों वाले कनोला ऑयल के फायदे जानते हैं आप ?

खाऊ गलीसावन फलहारी रेसेपी: सावन के व्रत में खाएं, चटपटी मखाना भेल, स्वाद के साथ मिलेगा पोषण-चटपट ऐसे केरं तैयार

खाऊ गलीFood Gully: चखिए प्रीत विहार के मशहूर आलू टिक्की चाट का जायका, देखिए ये खास एपिसोड