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चैत्र नवरात्रि कन्या पूजा प्रसाद: बिना लहसुन-प्याज के भी बनाएं टेस्टी चने, उंगलियां चाटती रह जाएंगी कंजक

By गुलनीत कौर | Published: April 12, 2019 4:12 PM

नवरात्रि में कन्या पूजन करने के पीछे मां वैष्णो देवी के भक्त श्रीधर की कथा प्रचलित है। श्रीधर की कोई संतान नहीं थी, किसी ने उसे चैत्र नवरात्रि में कन्याओं का पूजन करके उन्हें प्रसाद खिलाने को कहा। श्रीधर ने वैसा ही किया। उसने 9 कन्याएं बुलाईं जिसमें मां वैष्णों खुद भी उसे आशीर्वाद देने आई थीं। इस कथा को आधार मानते हुए कन्या पूजन किया जाता है।

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हिन्दू धर्म के प्रसिद्ध पर्व नवरात्रि का समापन कन्या पूजन के साथ होता है। लोग अपनी श्रद्धा और रिवाज के मुताबिक अष्टमी या नवमी तिथि को कन्या पूजा करने के बाद नवरात्रि व्रत का पारण करते हैं। इस वर्ष चैत्र नवरात्रि 6 अप्रैल 2019, दिन शनिवार से प्रारंभ हुए हैं। 14 अप्रैल 2019, दिन रविवार की सुबह 6 बजे से दशमी तिथि लगेगी। इसके साथ ही इस पर्व का समापन होगा। 

अष्टमी-नवमी पूजा तिथि, महत्व (Ashtami puja, Navami puja april 2019 date, time, significance)

उत्थान ज्योतिष संस्थान के निदेशक ज्योतिर्विद पं दिवाकर त्रिपाठी पूर्वांचली के अनुसार 13 अप्रैल को ही अष्टमी और नवमी पूजा एक साथ किया जाएगा। 12 अप्रैल 2019 दिन शुक्रवार को सुबह 10:18 बजे से 13 अप्रैल दिन शनिवार को सुबह 08:16 बजे तक अष्टमी तिथि रहेगी। इसके बाद नवमी तिथि शुरू हो जाएगी। चूंकि अष्टमी तिथि का सूर्य उदय 13 अप्रैल को हुआ है और सुबह ही 8:16 बजे नवमी तिथि भी शुरू हो जाएगी, इसलिए महाष्टमी और नवमी का व्रत एवं पूजन दोनों ही 13 अप्रैल को होगा।

कन्या पूजन तिथि, महत्व (Kanya puja april 2019 date, time, significance)

नवरात्रि में कन्या पूजन करने के पीछे मां वैष्णो देवी के भक्त श्रीधर की कथा प्रचलित है। श्रीधर की कोई संतान नहीं थी, किसी ने उसे चैत्र नवरात्रि में कन्याओं का पूजन करके उन्हें प्रसाद खिलाने को कहा। श्रीधर ने वैसा ही किया। उसने 9 कन्याएं बुलाईं जिसमें मां वैष्णों खुद भी उसे आशीर्वाद देने आई थीं। इस कथा को आधार मानते हुए साल में दो बार - चैत्र और शारदीय नवरात्रि पर अष्टमी या नवमी तिथि को कन्याओं को घर बुलाया जाता है। आदर, सत्कार से उनका पूजन किया जाता है और जाते समय उन्हें भेंट भी दी जाती है।

नवरात्रि कन्या पूजन प्रसाद (Kanya puja prasad importance)

नवरात्रि कन्या पूजा के लिए पारंपरिक प्रसाद बनाया जाता है। काले चने, आलू की सब्जी, पूरी, खीर, हलवा आदि स्वादिष्ट व्यंजन नवरात्रि नियमों को ध्यान में रखते हुए बनाए जाते हैं। नवरात्रि में धार्मिक मान्यताओं के कारण कुल नौ दिनों तक तामसिक भोजन (लहसुन, अदरक, प्याज) का उपयोग वर्जित होता है। इस नियम का पालन नवरात्रि का प्रसाद बनाते समय भी किया जाता है। कन्या पूजन में बनने वाले चने का प्रसाद भी बिना लहसुन-प्याज के तैयार होता है। लेकिन बिना प्याज और लहसुन के स्वादिष्ट चने कैसे बनेंगे? अगर आप ये सोच रहे हैं तो आगे बताई जा रही रेसिपी को फॉलो करें। यकीन मानें, पूजा में आई हर कन्या अपनी उंगलियां चाटती रह जाएगी।

नवरात्रि पूजा के लिए चना बनाने की रेसिपी (Chaitra Navratri Recipe, Chana recipe without onion)

नवरात्रि में चना प्रसाद बनाने के लिए आपको चाहिए:- एक कप चना- 1/4 कटे हुए टमाटर- 2 से 3 कटी हुई हरी मिर्च- 1/4 चम्मच नमक (सेंधा या साधारण कोई भी )- 1/4 चम्मच लाल मिर्च पाउडर- 1/4 चम्मच धनिया पाउडर- 2 चुटकी हल्दी- एक चम्मच आम का पाउडर- 1/8 चम्मच गरम मसाला- एक चम्मच जीरा- 2 चम्मच तेल- 2 चुटकी हींग

यह भी पढ़ें: रामनवमी पर जरूर करें ये 10 काम, नौकरी, व्यापार में मिलेगी जबरदस्त तरक्की, खूब बरसेगा धन

बिना प्याज वाला चना बनाने की रेसिपी (Chana recipe without onion)

- एक रात पहले या कम से कम 6 घंटे के लिए पानी से भरे पतीले में चने भिगोकर रख दें। चने भिगोने के बाद पानी अलग कर दें। अब एक प्रेशर कूकर में 750 एमएल पानी भरें। उसमें चने डालकर कुकर बंद करके गैस पर चढ़ा दें और दो सीटी बजने का इन्तजार करें- 2 सीटी के बाद अगले 30 मिनट धीमी आंच पर चने उबलने दें। अगर आप पहली बार चने बना रही हैं तो आप चाहें तो 15 मिनट बाद प्रेशर निकालकर चेक कर लें कि चने खाने लायक उबल गए हैं या नहीं। नहीं तो आधे घंटे बाद गैस बंद करके अपने आप कूकर का प्रेशर निकलने दें- इस बीच चने का तड़का तैयार करें। गैस पास कढ़ाई रखें। उसमें सबसे पहले तेल डालें। जब तेल अच्छी तरह गर्म हो जाए तो उसमें जीरा और हींग डाल दें। जीरा का रंग गहरा होने पर टमाटर और हरी मिर्च डालकर अच्छी तरह मिक्स कर लें- इस मिक्सचर को करीब एक मिनट तक पकाते रहें। टमाटर सॉफ्ट हो जाने चाहिए। इसके बाद एक एक करके नमक, हल्दी, मैंगो पाउडर, धनिया पाउडर, लाल मिर्च पाउडर डालकर तड़का हिलाएं। ये सब चीजें मिलाते समय गैस की आंच को थोड़ा धीमा ही रखें- अब जब मसाला पाक जाए तो इसमें उबले हुए काले चने डालकर अच्छी तरह मिक्स करें। चने डालकर कड़छी को तब तक हिलाते रहें जब तक चने मसाले के साथ अच्छी तरह मिल ना जाएं। करीब 5 से 6 मिनट इसे पकाएं। आपके बिना प्याज वाले काले चने तैयार हैं

नोट: उपरोक्त बताई गई बिना प्याज के चने वाली रेसिपी सूखे चने बनाने के लिए है। अगर आप सूखे की बजाय रस्सेदार चने बनाना चाहती हैं तो प्रेशर कूकर में चने उबालने के बाद उसका पानी अलग ना करें। पानी के साथ ही चनों को मसाले में मिलाएं। रसेदार चने बनाते समय मसालों की मात्रा भी थोड़ी बढ़ा दें। क्योंकि पानी डालने के बाद मसालों का स्वाद कम हो जाएगा। 

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