लाइव न्यूज़ :

यूजीसी ने सुप्रीम कोर्ट से कहा, विद्यार्थी के अकादमिक करियर में अंतिम परीक्षा अहम, रद्द करने से छात्रों को होगा नुकसान

By भाषा | Updated: August 14, 2020 01:53 IST

कोरोना वायरस महामारी के बीच अंतिम वर्ष की परीक्षा को रद्द करने को लेकर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि विद्यार्थी के अकादमिक करियर में अंतिम परीक्षा ‘ महत्वपूर्ण’ होता है।

Open in App
ठळक मुद्देआयोग ने कहा कि यह दावा गलत है कि दिशा-निर्देशों के अनुसार अंतिम परीक्षा कराना संभव नहीं है।यूजीसी ने दिल्ली सरकार द्वारा शीर्ष अदालत में दाखिल हलफनामे पर भी अपना जवाब दाखिल किया।

नई दिल्ली। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) से उच्चतम न्यायालय से कहा कि विद्यार्थी के अकादमिक करियर में अंतिम परीक्षा ‘ महत्वपूर्ण’ होता है और राज्य सरकार यह नहीं कह सकती कि कोविड-19 महामारी के मद्देनजर 30 सितंबर तक अंत तक विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों से परीक्षा कराने को कहने वाले उसके छह जुलाई के निर्देश ‘ बाध्यकारी नहीं’ है। यूजीसी ने कहा कि छह जुलाई को उसके द्वारा जारी दिशा-निर्देश विशेषज्ञों की सिफारिश पर अधारित हैं और उचित विचार-विमर्श कर यह निर्णय लिया गया।

आयोग ने कहा कि यह दावा गलत है कि दिशा-निर्देशों के अनुसार अंतिम परीक्षा कराना संभव नहीं है। पूर्व में महाराष्ट्र सरकार द्वारा दाखिल हलफनामे पर जवाब देते हुए यूजीसी ने कहा, ‘‘एक ओर राज्य सरकार (महाराष्ट्र) कह रही है कि छात्रों के हित के लिए शैक्षणिक सत्र शुरू किया जाना चाहिए, वहीं दूसरी ओर अंतिम वर्ष की परीक्षा रद्द करने और बिना परीक्षा उपाधि देने की बात कर रही है। इससे छात्रों के भविष्य को अपूरणीय क्षति होगी। इसलिए यह स्पष्ट है कि राज्य सरकार के तर्क में दम नहीं है।

यूजीसी ने दिल्ली सरकार द्वारा शीर्ष अदालत में दाखिल हलफनामे पर भी अपना जवाब दाखिल किया। उल्लेखनीय है कि 10 अगस्त को यूजीसी ने कोविड-19 महामारी के चलते दिल्ली और महाराष्ट्र सरकारों द्वारा राज्य विश्वविद्यालयों की परीक्षा रद्द करने के फैसले पर भी सवाल उठाया और कहा कि यह नियमों के विपरीत है। महाराष्ट्र सरकार के हलफनामे का जवाब देते हुए यूजीसी ने कहा कि यह कहना पूरी तरह से गलत है कि छह जुलाई को जारी उसका संशोधित दिशा-निर्देश राज्य सरकार और उसके विश्वविद्यालयों के लिए बाध्यकारी नहीं है।

आयोग ने कहा कि वह पहले ही 30 सितंबर तक सभी विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों द्वारा अंतिम वर्ष की परीक्षा कराने के लिए छह जुलाई को जारी दिशा-निर्देश को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर जवाबी हलफनामा दाखिल कर चुका है। आयोग ने कहा कि दिशा-निर्देश में विश्वविद्यालयों या संस्थानों द्वारा अंतिम वर्ष की परीक्षा या अंतिम सेमेस्टर की परीक्षा के लिए पर्याप्त ढील दी गई है और इसे जारी करने से पहले सभी हितधारकों से परामर्श किया गया है।

यूजीसी ने कहा कि महाराष्ट्र का हलफनामा उसके अपने ही दावे के विपरीत है कि मौजूदा परिस्थितियां कथित तौर पर ऐसी हैं कि विश्वविद्यालय एवं संस्थान अंतिम वर्ष की परीक्षा भी नहीं करा सकते हैं। ऐसे में कहने की जरूरत नहीं है कि वे कथित परिस्थितियां अगला शैक्षणिक सत्र शुरू करने से भी रोकती हैं।’’

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने 10 अगस्त को शीर्ष अदालत से कहा कि राज्य सरकारें आयोग के नियमों को नहीं बदल सकती हैं, क्योंकि यूजीसी ही डिग्री देने के नियम तय करने के लिए अधिकृत है। मेहता ने न्यायालय को बताया कि करीब 800 विश्वविद्यालयों में 290 में परीक्षाएं संपन्न हो चुकी है जबकि 390 परीक्षा कराने की प्रक्रिया में हैं।

टॅग्स :यूजीसीसुप्रीम कोर्टदिल्ली सरकारमहाराष्ट्र
Open in App

संबंधित खबरें

भारतSupreme Court: बांग्लादेश से गर्भवती महिला और उसके बच्चे को भारत आने की अनुमति, कोर्ट ने मानवीय आधार पर लिया फैसला

भारतMaharashtra Civic Poll 2025 UPDATE: पूरे राज्य में मतगणना स्थगित, 21 दिसंबर को नए नतीजे की तारीख तय, सीएम फडणवीस ‘त्रुटिपूर्ण’ प्रक्रिया पर जताई नाराजगी

भारतMaharashtra Local Body Elections: महाराष्ट्र निकाय चुनाव के लिए वोटिंग शुरू, भाजपा और शिवसेना के बीच मुकाबला

भारतMaharashtra Local Body Polls 2025: राज्य के 242 नगर परिषदों और 46 नगर पंचायतों में 2 दिसंबर को मतदान, 3 को होगी मतगणना

भारतमहाराष्ट्र सीएम देवेंद्र फडणवीस ने आखिरी समय में नगर निगम चुनाव टालने के लिए चुनाव आयोग की आलोचना की | VIDEO

पाठशाला अधिक खबरें

भारतIndiGo Flights Cancelled: इंडिगो ने दिल्ली से सभी फ्लाइट्स आज रात तक की बंद, यात्रियों के लिए बड़ी मुसीबत खड़ी

भारतइंडिगो की 400 से ज्यादा उड़ानें आज हुई रद्द, यात्रियों के लिए मुश्किल हुआ हवाई सफर

भारतPutin Visit India: राष्ट्रपति पुतिन के भारत दौरे का दूसरा दिन, राजघाट पर देंगे श्रद्धांजलि; जानें क्या है शेड्यूल

भारतRBI MPC Meet: लोन होंगे सस्ते, RBI ने रेपो रेट 25 बेसिस पॉइंट्स घटाकर 5.25% किया

भारतपीएम मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन को भेंट की भगवत गीता, रशियन भाषा में किया गया है अनुवाद