Delhi: राजधानी के वसंत कुंज इलाके में एक प्रतिष्ठित संस्थान की कई छात्राओं ने स्वयंभू धर्मगुरु, स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती के ऊपर यौन उत्पीड़न का संगीन आरोप लगाया है। 16-17 छात्रों के आरोप लगाने के बाद पुलिस ने चैतन्यानंद सरस्वती के खिलाफ केस दर्ज किया है। बताया जा रहा कि सरस्वती संस्थान की प्रबंधन समिति के सदस्य हैं।
पुलिस ने श्री शारदा भारतीय प्रबंधन संस्थान में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) छात्रवृत्ति के तहत पीजीडीएम (प्रबंधन में स्नातकोत्तर डिप्लोमा) की 32 छात्राओं के बयान दर्ज किए। कुल छात्राओं में से 17 ने आरोप लगाया कि सरस्वती ने अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया, अश्लील संदेश भेजे और अवांछित शारीरिक प्रयास किए।
कौन है स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती?
स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती, उर्फ पार्थ सारथी, श्री शारदा भारतीय प्रबंधन संस्थान की समिति के सदस्य हैं। उन पर यौन उत्पीड़न के आरोप हैं। भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के संबंधित प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया और बाद में 16 पीड़ितों ने मजिस्ट्रेट के सामने गवाही दी।
पुलिस को संस्थान के तहखाने में जाली राजनयिक नंबर प्लेट वाली एक वोल्वो कार भी मिली - 39 यूएन 1। कथित तौर पर इस कार का इस्तेमाल सारस्वत ने किया था। इस बीच, 25 अगस्त को एक और प्राथमिकी दर्ज की गई। पुलिस ने वाहन भी जब्त कर लिया। इससे पहले शिकायत 4 अगस्त को वसंत कुंज उत्तर पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई थी।
सरवस्ती फिलहाल फरार है। अधिकारियों ने पुष्टि की कि मामला सामने आने के बाद से आरोपी गिरफ्तारी से सक्रिय रूप से बच रहा है। पुलिस ने स्वयंभू धर्मगुरु को पकड़ने के लिए तलाशी अभियान शुरू कर दिया है।