आगरा: वैश्विक धरोहर के तौर पर दुनिया के सात आश्चर्य में से एक ताज महल में बीते रविवार को नमाज पढ़े जाने के संबंध में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने बयान जारी किया है। एएसआई के मुताबिक रविवार को दो लोगों द्वारा ताजमहल परिसर में पढ़ी गई नवाज के बारे में जांच की जा रही है और जिन लोगों ने नियमों की अवहेलना करते हुए ऐसा किया है, चिन्हित किये जाने के बाद उनके खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा।
इस संबंध में एएसआई आगरा के अधीक्षक राजकुमार पटेल ने कहा कि हमें घटना की जानकारी नहीं है। ऐसे मामलों में हम आमतौर पर लोगों को ऐसा करने से रोकते हैं या न मानने पर कानूनी कार्रवाई करते हैं। रविवार को ताजमहल के बगीचे में अल्पसंख्यक समुदाय के 2 लोगों को नमाज़ अदा करने की फोटो और वीडियो वायलर हो रहे हैं। मामले की जांच चल रही है।
इसके साथ ही राजकुमार पटेल ने कहा कि ताजमहल में केवल शुक्रवार को दोपहर 12 बजे से 2 बजे के बीच में मस्जिद के अंदर नमाज अदा करने की अनुमति दी जाती है। उसके अलावा परिसर में अन्य किसी भी जगह धार्मिक गतिविधियों की अनुमति नहीं है। घटना के बाद हम यह सुनिश्चित करने का प्रयास करेंगे कि भविष्य में इस तरह की कोई घटना न हों।
इससे पहले बीते 26 मई को भी आगरा पुलिस ने ताजमहल परिसर में नमाज अदा करने के आरोप में चार लोगों को गिरफ्तार किया था। जिसमें तीन लोग हैदराबाद के और एक आजमगढ़ का रहने वाला था। पुलिस ने उस समय उनपर आईपीसी की धारा 153 के तहत मामला दर्ज करते हुए चालान किया था।
वहीं बीते रविवार के घटना के संबंध में बताया जा रहा है कि दो शख्स ताजमहल के बगीचे में नमाज पढ़ रहे थे। तभी किसी सैलानी ने उनका वीडियो बना लिया और सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया था। वायरल हो रहे है वीडियो में टोपी पहने शख्स नमाज अदा करते हुए नजर आ रहे हैं।
घटना के बाद से पुरातत्व विभाग और सीआईएसएफ में हड़कंप मच गया। ताजमहल में इस तरह की गतिविधियों को रोकने की जिम्मेदारी सीधे तौर पर एएसआई कर्मचारियों और सीआईएसएफ कर्मियों की है।
वहीं घटना के संबंध में अखिल भारतीय हिंदू महासभा की नेत्री मीना दिवाकर ने विवाद पर एएसआई पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए ताजमहल के बाहर धरना दिया और आगरा पुलिस से मांग की कि वीडियो के संबंध में सख्त एक्शन लिया जाए।